जोधपुर. शहर के रातानाडा क्षेत्र में पुलिस कस्टडी में एक आरोपी सुरेश सिंह की गोलीमारकर हत्या (Jodhpur Firing Case) करने के मामले में पुलिस आरोपियों को पकड़ना तो दूर, इस घटना की साजिश रचने वालों तक को भी नहीं पकड़ पाई है. या यूं कहें तो घटना के 20 दिन बाद भी पुलिस के हाथ अभी खाली हैं.
इस दौरान पुलिस ने लगातार कई दिनों तक सुरेश सिंह से दुश्मनी रखने वाले और उसकी हत्या के आरोपी हिस्ट्रशीटर जब्बर सिंह से पूछताछ की, लेकिन उससे कुछ खास नहीं उगलवा सकी. हाल ही में पुलिस को मिली कुछ इनपुट के आधार पर पुलिस की टीमें गुजरात भेजी गईं, लेकिन आरोपी पुलिस को छका रहे हैं. पुलिस के पहुंचने से पहले ही जगह छोड़ रहे हैं.
गुजरात के अलावा भी तीन टीमें दो तीन दिनों से बाहर है, लेकिन अभी कोई बड़ी सफलता नहीं मिल रही है. इस बीच जब्बर सिंह को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. डीसीपी ईस्ट भुवन भूषण यादव का कहना है कि (Police Strategy in Suresh Singh Murder Case) हमारी टीमें अभी उनके पीछे हैं, जल्दी ही सफलता मिलेगी.
गौरतलब है कि 18 दिसंबर को रातानाडा भाटी चौराहा पर पाली से आने वाली बस से पुलिस कस्टडी के साथ उतरे आरोपी सुरेश सिंह को मारने के लिए पहले से ही शूटर तैयार थे. बस उतरकर जेल जाने के लिए चंद कदम चलते ही उस पर गोलियां दाग दी गईं, जिसके चलते अस्पताल में उसकी मौत हो गई. उसने मरने से पहले पुलिस को बताया कि जब्बर सिंह मनिहारी से उसकी दुश्मनी है. उसने ही उसकी हत्या करवाई है. इस घटना के बाद पुलिस पाली जिले से जब्बर सिंह को तो गिरफ्तार कर ले आई, लेकिन उसके दोनों बेटे अभी तक फरार हैं.
बेटों ने बाप के बदले के लिए की साजिश...
पुलिस की अब तक की पडताल में यह साफ हो गया है कि सुरेश सिंह ने जब्बर सिंह को मरवाने के लिए बाहर से बदमाश भोला यादव को बुलाया था, लेकिन उस हमले में जब्बर सिंह बच गया था. उसके बाद से सुरेश सिंह व उसके बीच रंजिश बढ़ गई. चूकि सुरेश सिंह जोधपुर जेल में था, उसे पेशी के लिए पाली ले जाया जाता था. ऐसे में रेकी कर 18 दिसंबर को घटना को अंजाम दिया गया. इसके लिए जब्बर सिंह के बेटे हिस्ट्रीशीटर प्रवीण सिंह व भरत सिंह की तलाश है, लेकिन दोनों गायब हैं. दोनों के फोन भी घटना के दिन बंद हो गए थे.