जोधपुर. कोरोना काल के बीच हो रहे नगर निगम चुनाव में गहलोत सरकार के सामने सोशल डिस्टेंसिंग की पालना कर पाना एक चुनौती हो गया है. शुक्रवार को प्रदेश कांग्रेस की ओर से नियुक्त जोधपुर निगम चुनाव के पर्यवक्षकों के सामने दावेदारों की भीड़ लग गई. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ी.
प्रदेश सरकार के उपमुख्य सचेतक एवं प्रभारी मंत्री महेंद्र चौधरी और वैभव गहलोत के सामने शुक्रवार को वार्ड से प्रत्याशी बनने के लिए और टिकट लेने के लिए हजारों की संख्या में लोग दावेदारी के लिए पहुंचे. लेकिन इस दौरान वैभव गहलोत और प्रभारी मंत्री ने दावेदारों से मिलने में गाइडलाइन की पालना की. लेकिन एक-एक दावेदार के साथ करीब 100-100 लोग पहुंचे. इससे पूरे परिसर में भीड़ का जमावड़ा हो गया.
इस दौरान कुछ वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने भीड़ हटाने की कोशिश की, लेकिन वे कामयाब नहीं हुए. कायलाना स्थित निजी होटल के बाहर पुलिस का बड़ा जाप्ता तैनात था, लेकिन अंदर इक्का-दुक्का जवान लगाए गए जो भीड़ को नियंत्रित नहीं कर पाए.
8 अक्टूबर तक हो सकते हैं कांग्रेस उम्मीदवारों के नामों की घोषणा
यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि नगर निगम चुनाव में कोटा, जोधपुर और जयपुर के 6 निगम के लिए अलग-अलग चुनाव घोषणा पत्र तैयार किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि जिस तरीके से साल 2012-2013 में प्रशासन शहरों के संग अभियान चलाया गया था, उसी तर्ज पर 2021 में भी प्रशासन शहरों के संग अभियान चलाया जाएगा. जिसमें जितनी भी कॉलोनियां बनी हुई है, उनके अगर ले आउट पास हो चुके हैं और फॉर्मेलिटी पूरी हो गई हो तो उनको पट्टे दिए जाएंगे.
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धारीवाल ने कहा कि बेहतर उम्मीदवार घोषित करने के लिए लगातार सकारात्मक चर्चा हो रही है और 18 अक्टूबर से नाम आना शुरू हो जाएगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी में कोई आपस में झगड़ा नहीं है, जबकि भाजपा में अलग-अलग गुट बने हुए हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा के पास नाम नहीं है तो वहीं कांग्रेस के हर सीट पर 4 से 5 उम्मीदवार टिकट की मांग कर रहे हैं.