जोधपुर. ऑल इंडिया एंटी टेरेरिस्ट फ्रंट के अध्यक्ष एमएस बिट्टा ने 'द कश्मीर फाइल्स' (TKF) फिल्म को लेकर बड़ा बयान दिया है. सोमवार को जोधपुर आए बिट्टा ने कहा कि फिल्म में जो दिखाया गया है, वह हकीकत है. आतंकवादी के रूप में जिसे बिट्टा बताया गया है, वह मैं नहीं, यासीन मलिक (MS Bitta clarifies his namesake character in The Kashmir Files) है.
बिट्टा ने कहा कि 'मैंने यह फिल्म देखी है. फिल्म जो दिखाया गया वह हकीकत है. जो आंतकवादी बिट्टा बताया गया है, वह मैं नहीं हूं, उस आंतकवादी की आंख देखो, वह यासीन मलिक है.' बिट्टा ने कहा कि इस देश में कश्मीर को लेकर बहुत बातें हुई हैं. सिख रेजीमेंट ने पंडित नेहरू से कहा था कि आप आदेश दीजिए, हम पाकऑक्यूपाइड कश्मीर को वापस ले लेंगे. लेकिन आदेश नहीं दिया गया. आज तक हजारों जवान अब तक शहीद हो चुके हैं. इसकी जांच कौन करेगा?
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बिट्टा ने सवाल उठाया कि इस देश में मौजूद राजनीतिक आतंकवाद खत्म होना जरूरी है. इससे आदमी खत्म हो जाता है. उसे बोलने नहीं दिया जाता. जब तक देश में राजनीतिक आतंकवाद खत्म नहीं होगा, देश का सिस्टम ठीक नहीं हो सकता. देश में ब्यूरोक्रेट और पॉलिटिक्स को अलग चलाना होगा. बिट्टा ने कहा कि उन्होंने 'द कश्मीर फाइल्स' बनाने वालों से बात की है. उनसे कहा है कि अगली बार फिल्म बनाओ, तो उसका सही रूप बताओ.
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पंडितों को अभी वापस नहीं जाना चाहिए: बिट्टा ने कहा कि अभी कश्मीरी पंडितों को वापस घाटी में नहीं जाना चाहिए. उनके साथ कुछ भी हो सकता है. उन्होंने कहा कि धारा 370 हट चुकी है, लेकिन अगर कोई भी पंडित घर से बाहर निकला, किसी काम से गया उसे गोली मार दी तो कौन जिम्मेदार होगा. वहां तो बिहार के मजदूरों को भी गोली मार दी गई. बता दें कि फिल्म में बिट्टा नाम के आतंकवादी को लगातार पंडितों को निशाना बनाते हुए दिखाया गया है.