जोधपुर. मुख्यमंत्री के गृह नगर में अलग-अलग जगह पर 2300 से ज्यादा पाक विस्थापित हिंदुओं को सरकारी सहायता की सख्त दरकार है. क्योंकि यह ज्यादातर लोग दिहाड़ी मजदूर की तरह अपना जीवन यापन कर रहे हैं. ऐसे में लॉकडाउन के 15 दिन से अधिक का समय बीतने के बाद इन सबके लिए खाने-पीने की चीजें भी जुटाना परेशानी का सबब बन गया है.
हालांकि, कुछ संस्थाएं इनकी मदद कर रही है. इनमें निमिकेतम और सीमांत लोक संगठन है. सीमांत लोक संगठन ने पूरे प्रदेश में रह रहे ऐसे 6 हजार परिवारों की सूची प्रशासन को सौंपी है. जिन्हें किसी भी योजना का फायदा नहीं मिल रहा है, क्योंकि इनमें ज्यादातर वे लोग हैं. जिन्हें अभी नागरिकता का भी इंतजार है.
2372 परिवार जोधपुर शहर में...
इनमें 2372 परिवार जोधपुर शहर में भी रह रहे हैं. जिनके लिए जीवन का यापन करना इन दिनों बहुत परेशानी भरा है. सीमांत लोक संगठन के हिंदू सिंह सोढा ने बताया कि सरकार को जो उन्होंने सूची सौंपी थी. उस पर अब काम शुरू हो गया है. अधिकारी फील्ड में जाकर सूची में जो नाम दिए गए हैं, उनकी पहचान कर रहे हैं. उम्मीद की जा रही है कि अगले एक या दो दिनों में राहत सामग्री भी पहुंच जाएगी.
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एक बार का राशन खत्म...
सोढा ने बताया कि जोधपुर में 2372 परिवारों को वह एक बार का राशन पहुंचा चुके हैं. लेकिन वह अब समाप्त हो रहा है. ऐसे में सरकारी सहायता जल्द से जल्द पहुंचे इसके लिए वे लगातार प्रशासन के संपर्क में हैं.
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 2 दिन पहले ही प्रदेश में रह रहे विस्थापितों को सरकारी सहायता पहुंचाने की घोषणा की है. लेकिन उस घोषणा में जोधपुर शहर में सिर्फ 600 अट्ठारह परिवार ही बताए गए हैं. ऐसे में अब सीमांत लोक संगठन की ओर से दी गई सूची पर काम शुरू हो गया है. जोधपुर कलेक्टर ने भी नगर निगम के अधिकारियों को बस्तियों में पहुंचने के निर्देश दे दिए हैं.