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एमडीएस यूनिवर्सिटी के कुलपति आरपी सिंह को मिली राहत

महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय अजमेर के कुलपति प्रो. आरपी सिंह को करीब 1 साल बाद हाईकोर्ट से राहत मिली है. बुधवार को राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एस. रविंद्र भट्ट एवं न्यायाधीश विनीत कुमार माथुर की खंडपीठ ने एक बड़ा फैसला देते हुए कुलपति आरपी सिंह के चयन को लेकर दायर याचिका को खारिज करते हुए आरपी सिंह को कुलपति का कार्य करने के आदेश दिए हैं.

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Published : Sep 18, 2019, 8:12 PM IST

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एस. रविंद्र भट्ट एवं न्यायाधीश विनीत कुमार माथुर की खंडपीठ ने बुधवार को एक बड़ा फैसला देते हुए महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय अजमेर के कुलपति आरपी सिंह के चयन को लेकर दायर की गई याचिका को खारिज करते हुए आरपी सिंह को कुलपति का कार्य करने के आदेश दिए हैं. करीब एक साल बाद कुलपति आरपी सिंह को वापस पद मिलेगा.

एमडीएस यूनिवर्सिटी के कुलपति आरपी सिंह को मिली राहत

11 अक्टूबर 2018 को राजस्थान हाईकोर्ट की खंडपीठ ने ही आरपी सिंह के कार्यमुक्त करते हुए काम पर रोक लगा दी थी. बाद में हर सुनवाई में यह बढ़ाई गई, लेकिन बुधवार के निर्णय से महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में लंबे समय से चल रही कुलपति की कमी पूरी हो पाएगी. कुलपति प्रो. आरपी सिंह के चयन को याचिकाकर्ता लक्ष्मीनारायण बैरवा ने चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी. जिसमे कहा गया था कि कुलपति स्तर के पद के लिए यूजीसी की ओर से जारी की गाइडलाइन में संशोधन नहीं किया जा सकता है.

यह भी पढ़ें : सतीश पूनिया को भी गुजरना होगा संगठनात्मक चुनाव प्रक्रिया से, तभी बनेंगे 'निर्वाचित' प्रदेश अध्यक्ष

एमडीएस यूनिवर्सिटी ने जो बदलाव किया है, वो गलत है. बैरवा ने जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के 1962 व एमडीएस विश्वविद्यालय के 1986 के मूल एक्ट में कुलपति के चयन के प्रावधान को संशोधन करने को लेकर चुनौती दी थी. मामले की सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से कहा गया कि कुलपति का चयन सही तरीके से हुआ है और वह इसकी योग्यता भी रखते हैं, लेकिन मामला लंबा होता गया. बुधवार को इस मामले में खंडपीठ ने याचिकाकर्ता की याचिका को खारिज कर कुलपति प्रोफेसर आरपी सिंह को कार्य करने की अनुमति दे दी है.

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एस. रविंद्र भट्ट एवं न्यायाधीश विनीत कुमार माथुर की खंडपीठ ने बुधवार को एक बड़ा फैसला देते हुए महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय अजमेर के कुलपति आरपी सिंह के चयन को लेकर दायर की गई याचिका को खारिज करते हुए आरपी सिंह को कुलपति का कार्य करने के आदेश दिए हैं. करीब एक साल बाद कुलपति आरपी सिंह को वापस पद मिलेगा.

एमडीएस यूनिवर्सिटी के कुलपति आरपी सिंह को मिली राहत

11 अक्टूबर 2018 को राजस्थान हाईकोर्ट की खंडपीठ ने ही आरपी सिंह के कार्यमुक्त करते हुए काम पर रोक लगा दी थी. बाद में हर सुनवाई में यह बढ़ाई गई, लेकिन बुधवार के निर्णय से महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में लंबे समय से चल रही कुलपति की कमी पूरी हो पाएगी. कुलपति प्रो. आरपी सिंह के चयन को याचिकाकर्ता लक्ष्मीनारायण बैरवा ने चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी. जिसमे कहा गया था कि कुलपति स्तर के पद के लिए यूजीसी की ओर से जारी की गाइडलाइन में संशोधन नहीं किया जा सकता है.

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एमडीएस यूनिवर्सिटी ने जो बदलाव किया है, वो गलत है. बैरवा ने जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के 1962 व एमडीएस विश्वविद्यालय के 1986 के मूल एक्ट में कुलपति के चयन के प्रावधान को संशोधन करने को लेकर चुनौती दी थी. मामले की सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से कहा गया कि कुलपति का चयन सही तरीके से हुआ है और वह इसकी योग्यता भी रखते हैं, लेकिन मामला लंबा होता गया. बुधवार को इस मामले में खंडपीठ ने याचिकाकर्ता की याचिका को खारिज कर कुलपति प्रोफेसर आरपी सिंह को कार्य करने की अनुमति दे दी है.

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1 साल बाद एमडीएस यूनिवर्सिटी के कुलपति को कार्य ग्रहण करने का आदेश मिला
जोधपुर राजस्थान हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एस रविंद्र भट्ट एवं न्यायाधीश विनीत कुमार माथुर की खंडपीठ ने बुधवार को एक बड़ा फैसला देते हुए महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय अजमेर के कुलपति आरपी सिंह के चयन को लेकर दायर की गई याचिका को खारिज करते हुए आरपी सिंह को कुलपति का कार्य करने के आदेश दिए हैं करीब 1 साल बाद कुलपति आरपी सिंह को  वापस पद मिलेगा । 11 अक्टूबर 2018 को राजस्थान हाईकोर्ट की खंडपीठ ने ही आरपी सिंह के कार्यमुक्त करते हुए काम पर रोक लगा दी थी। हर सुनवाई में यह बढ़ाई गई। लेकिन बुधवार के निर्णय से महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय मैं लंबे समय से चल रही कुलपति की कमी पूरी हो जाएगी कुलपति प्रोफेसर आरपी सिंह के चयन को याचिकाकर्ता लक्ष्मीनारायण बैरवा ने चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी जिसमे कहा गया था कि कुलपति स्तर के पद के लिए यूजीसी की ओर से जारी की गाइडलाइन में संशोधन नहीं किया जा सकता है। एमडीएस यूनिवर्सिटी ने जो बदलाव किया है वो गलत है।  बैरवा ने जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के 1962 व एमडीएस विश्वविद्यालय के 1986 के मूल एक्ट में कुलपति के चयन के प्रावधान को संशोधन करने को लेकर चुनौती दी थी। मामले की सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से कहा गया कि कुलपति का चयन सही तरीके से हुआ है और वह इसकी योग्यता भी रखते हैं लेकिन मामला लंबा होता गया बुधवार को इस मामले में खंडपीठ ने याचिकाकर्ता की याचिका को खारिज कर कुलपति प्रोफेसर आरपी सिंह को कार्य करने की अनुमति दे दी ।
बाइट कुलदीप माथुर अधिवक्ता 





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