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जोधपुर: सिंडीकेट की बैठक में जेएनवीयू और एमबीएम विश्वविद्यालय में हुआ विधिवत बंटवारा

जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय (JNVU) की सिंडीकेट बैठक में इंजीनियरिंग कॉलेज से विश्वविद्यालय बने एमबीएम यूनिवर्सिटी (MBM University) को संशाधन, स्टाफ और कैंपस जैसी सुविधाएं देने का निर्णय किया गया. इस तरह से एमबीएम और जेएनवीयू में विधिवत बंटवारा हो गया.

MBM and JNVU
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Published : Nov 18, 2021, 8:43 PM IST

Updated : Nov 18, 2021, 10:11 PM IST

जोधपुर. अपनी स्थापना के 70 साल बाद इंजीनियरिंग कॉलेज से विश्वविद्यालय बने मंगनीराम बांगड़ मैमोरियल (MBM University) और जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय (जेएनवीयू) के बीच आज विधिवत बंटवारा हो गया. जेएनवीयू (JNVU) की सिंडीकेट बैठक में आज एमबीएम को मिलने वाले कैंपस, स्टाफ और अन्य महत्वपूर्ण संसाधनों पर मुहर लग गई.

जेएनवीयू के कुलपति प्रो डॉ पीसी त्रिवेदी ने बताया कि सिंडीकेट बैठक में दो महत्वपूर्ण एजेंडे थे. जिसमें इंजीनियरिंग कॉलेज से विश्वविद्यालय बने एमबीएम यूनिवर्सिटी के लिए संसाधान देने थे. इस पर बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय हो गया. वर्तमान एमबीएम परिसर में ही विश्वविद्यालय चलेगा. लेकिन इसी परिसर में जेएनवीयू के कुछ खंड व विभाग संचालित हैं, वे जब तक सरकार द्वारा अन्य व्यवस्था नहीं हो जाती, वहीं पर संचालित होंगे. इसके अलावा एमबीएम में जो शैक्षणिक स्टाफ कार्यरत हैं, वे जेएनवीयू से हस्तांतरित होंगे. गैर-शैक्षणिक स्टाफ भी इसी तरह से अलग होगा. गैर-शैक्षणिक स्टाफ की कमी होने से जेएनवीयू कुछ स्टाफ एमबीएम को डेपुटेशन पर देगा. इनका वेतन एमबीएम देगा.

पढ़ें: Major Shaitan Singh: परमवीर चक्र विजेता को आज याद कर रहा है हिन्दुस्तान, 114 सैनिकों के साथ 1300 चीनी सैनिकों से किया था मुकाबला

डॉ त्रिवेदी ने बताया कि इसी तरह से एमबीएम विश्वविद्यालय के हिस्से के वित्तीय अधिकार सौंपे जाएंगे. एमबीएम के वर्तमान परिसर व हॉस्टल मिलाकर करीब सौ एकड़ जमीन मिलेगी. जिस पर इंजीनियरिंग के अलग—अलग भवन बने हुए हैं. गौरतलब है कि एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज को सरकार ने इस वर्ष विश्वविद्यालय का दर्जा दिया है. लेकिन स्थायी रूप से संसाधन नहीं होने से काम प्रभावित हो रहा था. इसको लेकर सरकार के निर्देश पर यह बंटवारा हुआ है.

जेएनवीयू और एमबीएम विश्वविद्यालय में बंटवारा

पढ़ें: ऑडी और बस हादसा : परिवहन आयुक्त पहुंचे जोधपुर, सड़क हादसों की होगी हाई लेवल जांच

कुलपति सर्च कमेटी के लिए सदस्य नियुक्त

जेएनवीयू के वर्तमान कुलपति का कार्यकाल खत्म होने जा रहा है. ऐसे में राज्यपाल ने एक कमेटी के लिए विश्वविद्यालय के एक सिंडीकेट बैठक का नाम मांगा था. जिसका भी आज बैठक में अनुमोदन किया गया. इसके तहत डॉ आरडी सैनी का नाम भेजा गया है जो पूर्व में आरपीएससी के अध्यक्ष रह चुके हैं.

जोधपुर. अपनी स्थापना के 70 साल बाद इंजीनियरिंग कॉलेज से विश्वविद्यालय बने मंगनीराम बांगड़ मैमोरियल (MBM University) और जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय (जेएनवीयू) के बीच आज विधिवत बंटवारा हो गया. जेएनवीयू (JNVU) की सिंडीकेट बैठक में आज एमबीएम को मिलने वाले कैंपस, स्टाफ और अन्य महत्वपूर्ण संसाधनों पर मुहर लग गई.

जेएनवीयू के कुलपति प्रो डॉ पीसी त्रिवेदी ने बताया कि सिंडीकेट बैठक में दो महत्वपूर्ण एजेंडे थे. जिसमें इंजीनियरिंग कॉलेज से विश्वविद्यालय बने एमबीएम यूनिवर्सिटी के लिए संसाधान देने थे. इस पर बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय हो गया. वर्तमान एमबीएम परिसर में ही विश्वविद्यालय चलेगा. लेकिन इसी परिसर में जेएनवीयू के कुछ खंड व विभाग संचालित हैं, वे जब तक सरकार द्वारा अन्य व्यवस्था नहीं हो जाती, वहीं पर संचालित होंगे. इसके अलावा एमबीएम में जो शैक्षणिक स्टाफ कार्यरत हैं, वे जेएनवीयू से हस्तांतरित होंगे. गैर-शैक्षणिक स्टाफ भी इसी तरह से अलग होगा. गैर-शैक्षणिक स्टाफ की कमी होने से जेएनवीयू कुछ स्टाफ एमबीएम को डेपुटेशन पर देगा. इनका वेतन एमबीएम देगा.

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डॉ त्रिवेदी ने बताया कि इसी तरह से एमबीएम विश्वविद्यालय के हिस्से के वित्तीय अधिकार सौंपे जाएंगे. एमबीएम के वर्तमान परिसर व हॉस्टल मिलाकर करीब सौ एकड़ जमीन मिलेगी. जिस पर इंजीनियरिंग के अलग—अलग भवन बने हुए हैं. गौरतलब है कि एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज को सरकार ने इस वर्ष विश्वविद्यालय का दर्जा दिया है. लेकिन स्थायी रूप से संसाधन नहीं होने से काम प्रभावित हो रहा था. इसको लेकर सरकार के निर्देश पर यह बंटवारा हुआ है.

जेएनवीयू और एमबीएम विश्वविद्यालय में बंटवारा

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कुलपति सर्च कमेटी के लिए सदस्य नियुक्त

जेएनवीयू के वर्तमान कुलपति का कार्यकाल खत्म होने जा रहा है. ऐसे में राज्यपाल ने एक कमेटी के लिए विश्वविद्यालय के एक सिंडीकेट बैठक का नाम मांगा था. जिसका भी आज बैठक में अनुमोदन किया गया. इसके तहत डॉ आरडी सैनी का नाम भेजा गया है जो पूर्व में आरपीएससी के अध्यक्ष रह चुके हैं.

Last Updated : Nov 18, 2021, 10:11 PM IST
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