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आसाराम की बेचैनी और रिपोर्ट की 'पोल' के बीच सुलग रहे कई सवाल

नाबालिग से यौन शोषण के दोषी आसाराम की मंगलवार रात को जेल में तबीयत खराब हो गई. इसके बाद उसे महात्मा गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया. वहीं, आसाराम की बुधवार सुबह जितनी रिपोर्ट सामने आई है वे सभी नॉर्मल पाई गई है. वहीं, अब यह सवाल उठने लगा है कि जब आसाराम पूरी तरह से स्वस्थ है तो वह जेल से बाहर क्यों आया? देखिए ये रिपोर्ट...

Asaram health deteriorated,  Asaram latest news
आसाराम
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Published : Feb 17, 2021, 5:19 PM IST

जोधपुर. 25 अप्रैल 2018 को आसाराम को नाबालिग के साथ यौन शोषण के आरोप में प्राकृतिक जीवन तक कारावास की सजा सुनाई गई. तब से लेकर अब तक सजा को कम करवाने और जमानत के लिए आसाराम ने कई प्रयास किए, लेकिन कहीं भी राहत नहीं मिली. मंगलवार रात अचानक आसाराम की तबीयत ज्यादा बिगड़ने की सूचना आती है और कुछ देर बाद आसाराम महात्मा गांधी अस्पताल में पुलिस वाले के कंधे पर हाथ रख चलता हुआ नजर आता है.

आसाराम ने क्यों बनाया बेचैनी का बहाना

पढ़ें- आसाराम ने अस्पताल में गुजारी रात...सुबह तैनात करना पड़ा पुलिस का जाब्ता

इस बीच यह सवाल उठने लगा कि क्या इस उम्र में सीने में दर्द होने के बाद भी कोई व्यक्ति चल सकता है? यह सवाल इसलिए उठने लगे हैं क्योंकि आसाराम की मंगलवार रात से बुधवार सुबह तक जितनी भी रिपोर्ट हुई है वे सभी नार्मल पाई गई है. मतलब साफ है कि आसाराम पूरी तरह से स्वस्थ है, तो फिर क्यों उसने मंगलवार रात करीब 9:00 बजे जेल में शिकायत दर्ज कराई कि उसके सिर में दर्द है और उसे बेचैनी हो रही है.

कहा जा रहा है कि यह कहीं आसाराम की कोई सोची-समझी नीति तो नहीं कि उसे मंगलवार रात को बाहर आना था. खास बात यह भी है कि आसाराम के महात्मा गांधी अस्पताल पहुंचने से पहले ही रात को उसके भक्त आसपास के इलाके में जमा हो गए, यानी कि सब कुछ तय था लेकिन क्यों इसका जवाब किसी के पास नहीं है?

बता दें, अस्पताल में आसाराम धीरे-धीरे बोलता भी रहा. इतना ही नहीं सीटी स्कैन रूम में करीब एक घंटे तक वह पुलिस, डॉक्टर और कर्मचारियों से बातें करता हुआ नजर आया. उसके बाद जब उसे एमडीएम रेफर किया था तो वहां भी बिना किसी के सहारे चलता हुआ लिफ्ट से सीसीयू तक पहुंचा.

पढ़ें- जोधपुर जेल में बंद आसाराम की तबीयत बिगड़ी, सांस लेने में तकलीफ के बाद अस्पताल में भर्ती

आसाराम ने कहा कि शायद उसकी एंजियोग्राफी या बाईपास हो. इसका मतलब आसाराम हर हाल में कुछ दिन बाहर रहना चाहता है. वजह यह भी हो कि एक लंबे अंतराल के बाद स्थान परिवर्तन हो तो आने वाले दिनों में उसे अदालत से राहत मिल जाए क्योंकि आसाराम ने हइकोर्ट में जो अपनी सजा के खिलाफ अपील लगाई है, उसकी सुनवाई 8 मार्च को मुकर्रर हो रखी है.

3 साल से लगातार अंदर

आसाराम को सजा 25 अप्रैल 2018 को हुई, यह सजा भी जेल में ही सुनाई गई थी. आसाराम को जनवरी 2018 के बाद जेल से बाहर नहीं निकाला गया. 16 फरवरी 2021 को ही वह जेल से बाहर आया है.

सितंबर 2013 में हुआ था गिरफ्तार

आसाराम को जोधपुर पुलिस ने सितंबर 2013 में इंदौर के पास उसके आश्रम से गिरफ्तार किया था. उसके बाद से आसाराम जोधपुर पुलिस की कस्टडी में लंबे समय तक रहा और वर्ष 2018 अप्रैल में उसे सजा सुनाई गई, यानी कि जोधपुर जेल में इस वर्ष सितंबर में आसाराम के 8 साल पूरे हो जाएंगे.

जोधपुर. 25 अप्रैल 2018 को आसाराम को नाबालिग के साथ यौन शोषण के आरोप में प्राकृतिक जीवन तक कारावास की सजा सुनाई गई. तब से लेकर अब तक सजा को कम करवाने और जमानत के लिए आसाराम ने कई प्रयास किए, लेकिन कहीं भी राहत नहीं मिली. मंगलवार रात अचानक आसाराम की तबीयत ज्यादा बिगड़ने की सूचना आती है और कुछ देर बाद आसाराम महात्मा गांधी अस्पताल में पुलिस वाले के कंधे पर हाथ रख चलता हुआ नजर आता है.

आसाराम ने क्यों बनाया बेचैनी का बहाना

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इस बीच यह सवाल उठने लगा कि क्या इस उम्र में सीने में दर्द होने के बाद भी कोई व्यक्ति चल सकता है? यह सवाल इसलिए उठने लगे हैं क्योंकि आसाराम की मंगलवार रात से बुधवार सुबह तक जितनी भी रिपोर्ट हुई है वे सभी नार्मल पाई गई है. मतलब साफ है कि आसाराम पूरी तरह से स्वस्थ है, तो फिर क्यों उसने मंगलवार रात करीब 9:00 बजे जेल में शिकायत दर्ज कराई कि उसके सिर में दर्द है और उसे बेचैनी हो रही है.

कहा जा रहा है कि यह कहीं आसाराम की कोई सोची-समझी नीति तो नहीं कि उसे मंगलवार रात को बाहर आना था. खास बात यह भी है कि आसाराम के महात्मा गांधी अस्पताल पहुंचने से पहले ही रात को उसके भक्त आसपास के इलाके में जमा हो गए, यानी कि सब कुछ तय था लेकिन क्यों इसका जवाब किसी के पास नहीं है?

बता दें, अस्पताल में आसाराम धीरे-धीरे बोलता भी रहा. इतना ही नहीं सीटी स्कैन रूम में करीब एक घंटे तक वह पुलिस, डॉक्टर और कर्मचारियों से बातें करता हुआ नजर आया. उसके बाद जब उसे एमडीएम रेफर किया था तो वहां भी बिना किसी के सहारे चलता हुआ लिफ्ट से सीसीयू तक पहुंचा.

पढ़ें- जोधपुर जेल में बंद आसाराम की तबीयत बिगड़ी, सांस लेने में तकलीफ के बाद अस्पताल में भर्ती

आसाराम ने कहा कि शायद उसकी एंजियोग्राफी या बाईपास हो. इसका मतलब आसाराम हर हाल में कुछ दिन बाहर रहना चाहता है. वजह यह भी हो कि एक लंबे अंतराल के बाद स्थान परिवर्तन हो तो आने वाले दिनों में उसे अदालत से राहत मिल जाए क्योंकि आसाराम ने हइकोर्ट में जो अपनी सजा के खिलाफ अपील लगाई है, उसकी सुनवाई 8 मार्च को मुकर्रर हो रखी है.

3 साल से लगातार अंदर

आसाराम को सजा 25 अप्रैल 2018 को हुई, यह सजा भी जेल में ही सुनाई गई थी. आसाराम को जनवरी 2018 के बाद जेल से बाहर नहीं निकाला गया. 16 फरवरी 2021 को ही वह जेल से बाहर आया है.

सितंबर 2013 में हुआ था गिरफ्तार

आसाराम को जोधपुर पुलिस ने सितंबर 2013 में इंदौर के पास उसके आश्रम से गिरफ्तार किया था. उसके बाद से आसाराम जोधपुर पुलिस की कस्टडी में लंबे समय तक रहा और वर्ष 2018 अप्रैल में उसे सजा सुनाई गई, यानी कि जोधपुर जेल में इस वर्ष सितंबर में आसाराम के 8 साल पूरे हो जाएंगे.

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