जोधपुर. एयरपोर्ट पर जांच के दौरान जिस यात्री के बैग में जिंदा कारतूस मिला था, वह पुलिस थाने से फरार हो गया. दोपहर से रात तक उसका कुछ पता नहीं चला हैं. इस मामले में डीसीपी ईस्ट थाने के कांस्टेबल सुनील विश्नोई को सस्पेंड कर दिया (Jodhpur police constable suspended) है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार रमेश विश्नोई अपनी पत्नी और एक अन्य व्यक्ति के साथ दोपहर 1 बजे चेन्नई जाने वाली फ्लाइट के लिए एयरपोर्ट पहुंचा था. जहां जांच में उसके बैग में एक जिंदा कारतूस मिलने के बाद सीआईएसफ ने उन तीनों को एयरपोर्ट थाने के हवाले कर दिया. उसी समय लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को आना था. ऐसे में एसएचओ सहित ज्यादातर पुलिसकर्मी सुरक्षा प्रबंधन के तहत एयरपोर्ट पहुंच गए. थाने में इक्का-दुक्का पुलिसकर्मी ही थे. रमेश का साला श्रवण अपने एक साथी के साथ गाड़ी लेकर थाने पहुंचा. इस बीच रमेश वहां से निकला और रमेश की गाड़ी में बैठ गया और मौका देख वहां से भाग गया.
पढ़ें: ब्लाइंड मर्डर का खुलासा, हत्या के बाद खुली जेल से फरार हो गया था आरोपी
इसका पता चलते ही उसका पीछा किया गया. नाकेबंदी करवाई गई. इस घटना की जानकारी मिलते ही लोकसभा अध्यक्ष की यात्रा के दौरान व्यवस्था देख रहे अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए. आनन-फानन में टीमें बनाकर रमेश को ढूंढने का प्रयास किया गया, लेकिन सफलता नहीं मिली. डीसीपी ईस्ट ने बताया की 6 से 7 टीमें लगाई गई हैंं, हर जगह नाकेबंदी की गई है.
पढ़ें: गारंटी के रूप में रखी ऑडी कार की आरसी, 7 लाख रुपए लेकर आरोपी हुए फरार
पत्नी और साले को किया गिरफ्तार : रमेश और उसकी पत्नी को एयरपोर्ट थाने ले लाने की जानकारी मिलने पर उसका साला श्रवण विश्नोई उन्हे छुड़ाने पहुंचा था. पुलिस ने उसे और रमेश की पत्नी को गिरफ्तार कर लिया है. जबकि तीसरे व्यक्ति पंडित जिसे अपने साथ चेन्नई ले जा रहा था, उसकी अभी भूमिका साफ नहीं हुई है. पुलिस ने आर्म्स एक्ट और एक थाने से भागने के दो अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं.
पढ़ें: ससुराल जाने के लिए पुलिस की जीप लेकर फरार हुआ युवक, जानें फिर क्या हुआ?
जोधपुर में मुकदमों का अंबार, चेन्नई में हुआ सेटल: आरोपी रमेश विश्नोई मूलत जाजीवाल का रहने वाला है. उसके खिलाफ जोधपुर के कई थानों में 10 से 12 मुकदमे बताया जा रहे हैं. जिनमें एनडीपीएस, मारपीट व अन्य मामले शामिल हैं. तीन मामलों में यह वांटेड भी है. पिछले लंबे समय से वह चेन्नई जाकर बस गया था. इसलिए पुलिस की गिरफ्त से बचा हुआ था.