जोधपुर. नियमित जमानत मिलने की स्थिति में माना जा रहा है कि पंचायत चुनाव के मतदान से पहले मदेरणा और मलखान भी मैदान में नजर आ सकते हैं. हालांकि, महिपाल मदेरणा स्वास्थ्य कारणों के चलते अंतरिम जमानत पर हैं, जिसमें उन्हें अस्पताल में ही रहना पड़ रहा है. लेकिन सुप्रीम कोर्ट से इसी मामले में आरोपी परसराम को जमानत मिलने के बाद मंगलवार को 6 आरोपियों को राजस्थान हाईकोर्ट ने भी जमानत दे दी.
ऐसे में यह माना जा रहा है कि जल्द ही मलखान विश्नोई और पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा को भी नियमित जमानत मिल जाएगी और जब यह दोनों नेता बाहर होंगे तो पंचायत चुनाव में इनकी सक्रियता भी नजर आएगी. खास तौर से ओसियां, तिंवरी, लूणी व धवा पंचायत समिति के प्रधान व जिला प्रमुख सदस्यों के चयन और मतदान में इन नेताओं की भूमिका महत्वपूर्ण होगी.
मामले में आरोपी लूणी के पूर्व विधायक मलखान सिंह विश्नोई व उनकी बहन इंदिरा विश्नोई की ओर से अभी जमानत याचिका पेश की गई है. मंगलवार को 6 आरोपियों को जमानत के बाद यह माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इनकी याचिका कोर्ट में पेश की जाएगी. इसी तरह से कोर्ट ने महिपाल मदेरणा को पहले से ही अंतरिम जमानत मिली होने से नियमित जमानत देने से इनकार कर दिया. इसके लिए कोर्ट की ओर से 23 अगस्त को वापस याचिका पेश करने का कहा गया है. यानी कि 26 अगस्त को पंचायत चुनाव के पहले चरण के मतदान से पहले इन नेताओं की जमानत हो जाएगी.
लूणी विधायक के साथ परसराम ने शुरू किया चुनाव प्रचार...
भंवरी मामले में आरोपी परसराम विश्नोई को सबसे पहले गत दिनों सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी थी. अब जमानत मिलने के बाद परसराम लूणी विधानसभा क्षेत्र में पंचायत समिति व जिला परिषद सदस्यों के लिए होने वाले चुनाव में सक्रिय हो गए हैं. वह लूणी विधायक व अपने भतीजे महेंद्र विश्नोई के साथ जनसभाएं करते नजर आने लगे.
10 साल बाद जमानत की राह...
नर्स भंवरी देवी सितंबर 2011 में गायब हुई थी. इसकी गुमशुदगी बिलाड़ा थाने में दर्ज की गई थी. इस मामले में पुलिस जांच शुरू होने के बाद मीडिया में सामने एक सीडी ने इस प्रकरण का रुख मोड़ दिया और इसकी चपेट में तत्कालीन जल संसाधन मंत्री महिपाल मदेरणा आए. इसके अलावा तत्कालीन लूणी विधायक मलखान विश्नोई का नाम भी सामने आया. जिसके बाद सरकार ने यह जांच सीबीआई को सौंप दी.
सीबीआई ने इस प्रकरण में दिसंबर 2011 में मदेरणा को गिरफ्तार किया था. उससे पहले सीबीआई मलखान विश्नोई को गिरफ्तार कर चुकी थी. अब 10 साल बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इनको नियमित जमानत मिलने की राह खुली है.