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सावन के पहले सोमवार पर महादेव की पूजा-अर्चना, कोरोना के कारण प्रमुख मंदिर भक्तों के लिए बंद

कई सालों के बाद पांच सावन सोमवार का संयोग बना है, लेकिन कोरोना संक्रमण के डर की वजह से इस बार राजस्थान में केवल छोटे मंदिर ही खोले गए हैं. जोधपुर में भी अधिकतर बड़े मंदरों में केवल पुजारियों ने ही पूजा-अर्चना की. वहीं, कुछ छोटे मंदिरों में भक्त पहुंचे और शिव का जलाभिषेक किया.

जोधपुर में फेसम शिवालय, जोधपुर में सावन सोमवार की पूजा, sawan somvar worship in jodhpur, first Monday of Sawan
महादेव की हुई पूजा-अर्चना
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Published : Jul 6, 2020, 2:16 PM IST

जोधपुर. सोमवार से सावन का महीना शुरू हो चुका है. इस बार सावन सोमवार से शुरू होकर सोमवार को समाप्त हो रहा है. ऐसे में जगह-जगह पर लोग भोले के दर्शन के लिए शिवालयों में पहुंच रहे हैं. जोधपुर के शिवालयों में भक्त भगवान शिव के दर्शन करने पहुंच रहे हैं. हालांकि पहले की तरह मंदिरों में भीड़-भाड़ दिखाई नहीं दे रही है.

महादेव की हुई पूजा-अर्चना

शहर के प्राचीन मंदिर भी बंद पड़े हैं. सिर्फ आसपास के लोगों और पंडितों के लिए ही मंदिर खोले गए हैं. जहां भगवान शिव की पूजा अर्चना की जा रही है, लेकिन कहीं-कहीं पर भक्तों की खासी भीड़ भी इकट्ठी हो रही है. बता दें कि आठ साल बाद इस बार सावन में पांच सोमवार का संयोग बना है.

कोविड-19 को देखते हुए राजस्थान सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइन के चलते 50 लोगों से अधिक भीड़ भाड़ वाले मंदिरों को बंद करने के निर्देश दिए गए हैं. जिसके चलते जोधपुर के भी बड़े और प्रमुख मंदिर के पट द्वार बंद हैं. वहीं कुछ मंदिरों में पुजारी और सीमित संख्या में भक्त भगवान शिव का अभिषेक करते हुए दिखाई दे रहे हैं.

यह भी पढे़ं : सावन सोमवार : मराठा काल में बना अजमेर का प्राचीन झरनेश्वर महादेव मंदिर, कोरोना के साए में होगा शिव पूजन

मंदिरों में भक्तों के हाथों का सैनिटाइज करवाया जा रहा है. वहीं, मुंह पर मास्क लगाने के बाद ही मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी जा रही है. इसके अलावा सोशल डिस्टेंसिंग का भी विशेष ख्याल रखा जा रहा है. शहर के प्रमुख मंदिर अचलनाथ महादेव मंदिर में पुजारी खुद ही भगवान शिव का अभिषेक कर पूजा-अर्चना कर रहे हैं.

जोधपुर के जालोरी गेट स्थित बड़लेश्वर मंदिर, चैनेश्वर, चांदपोल स्थित रामेश्वरनाथ, भूतनाथ, एकलिंग नाथ, पंथेश्वर महादेव, जबरनाथ, सिद्धनाथ, मंडलनाथ सहित विभिन्न प्राचीन मंदिरों में सावन के पहले सोमवार को महादेव का पूजन तो हो रहा है. लेकिन इस बार कोरोना के चलते पहले की तरह भक्त शामिल नहीं हो रहे हैं.

जोधपुर. सोमवार से सावन का महीना शुरू हो चुका है. इस बार सावन सोमवार से शुरू होकर सोमवार को समाप्त हो रहा है. ऐसे में जगह-जगह पर लोग भोले के दर्शन के लिए शिवालयों में पहुंच रहे हैं. जोधपुर के शिवालयों में भक्त भगवान शिव के दर्शन करने पहुंच रहे हैं. हालांकि पहले की तरह मंदिरों में भीड़-भाड़ दिखाई नहीं दे रही है.

महादेव की हुई पूजा-अर्चना

शहर के प्राचीन मंदिर भी बंद पड़े हैं. सिर्फ आसपास के लोगों और पंडितों के लिए ही मंदिर खोले गए हैं. जहां भगवान शिव की पूजा अर्चना की जा रही है, लेकिन कहीं-कहीं पर भक्तों की खासी भीड़ भी इकट्ठी हो रही है. बता दें कि आठ साल बाद इस बार सावन में पांच सोमवार का संयोग बना है.

कोविड-19 को देखते हुए राजस्थान सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइन के चलते 50 लोगों से अधिक भीड़ भाड़ वाले मंदिरों को बंद करने के निर्देश दिए गए हैं. जिसके चलते जोधपुर के भी बड़े और प्रमुख मंदिर के पट द्वार बंद हैं. वहीं कुछ मंदिरों में पुजारी और सीमित संख्या में भक्त भगवान शिव का अभिषेक करते हुए दिखाई दे रहे हैं.

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मंदिरों में भक्तों के हाथों का सैनिटाइज करवाया जा रहा है. वहीं, मुंह पर मास्क लगाने के बाद ही मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी जा रही है. इसके अलावा सोशल डिस्टेंसिंग का भी विशेष ख्याल रखा जा रहा है. शहर के प्रमुख मंदिर अचलनाथ महादेव मंदिर में पुजारी खुद ही भगवान शिव का अभिषेक कर पूजा-अर्चना कर रहे हैं.

जोधपुर के जालोरी गेट स्थित बड़लेश्वर मंदिर, चैनेश्वर, चांदपोल स्थित रामेश्वरनाथ, भूतनाथ, एकलिंग नाथ, पंथेश्वर महादेव, जबरनाथ, सिद्धनाथ, मंडलनाथ सहित विभिन्न प्राचीन मंदिरों में सावन के पहले सोमवार को महादेव का पूजन तो हो रहा है. लेकिन इस बार कोरोना के चलते पहले की तरह भक्त शामिल नहीं हो रहे हैं.

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