जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत किसी प्रकार की रियायत देकर पट्टे जारी करने पर अंतरिम रोक लगा दी है. उच्च न्यायालय ने कहा कि गुलाब कोठारी के जजमेंट के तहत पट्टे जारी किए जा सकते हैं, लेकिन उस निर्णय के अलावा बिना जोनल प्लान और सेक्टर प्लान के किसी प्रकार का नियमितीकरण नहीं किया जा सकता.
वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत लोढ़ा व न्यायाधीश मनोज कुमार गर्ग की खंडपीठ ने रोशन व्यास की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया है. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता मनोज बोहरा व मोती सिंह राजपुरोहित ने पक्ष रखते हुए कहा कि सरकार प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत रियायत देकर कृषि भूमि, सार्वजनिक भूमि व सेटबैक के मामलों में छूट दे रही है.
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इसके लिए सरकार ने 20 सितंबर 2021 को एक आदेश भी जारी किया है. सरकार प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत छूट देकर भूमि का नियमितीकरण कर रही है, यह अवैधानिक है. उच्च न्यायालय ने सभी पक्षकारों को नोटिस जारी करते हुए 22 अक्टूबर को जवाब तलब किया है. साथ ही यह निर्देश दिया कि अनधिकृत का कोई भी नियमितीकरण 20 सितंबर के आदेश के तहत सरकार नहीं करेगी.
जोनल डेवलपमेंट प्लान और सेक्टर प्लान के विपरीत किसी प्रकार का पूरे राजस्थान के किसी कस्बे या शहर में नियमितीकरण नहीं किया जाएगा. मास्टर डेवलपमेंट प्लान के अनुरूप अंतिम रूप दिया है उसे अधिसूचित किया है तो ही पट्टे जारी होंगे. राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता रेखा बोराणा में नोटिस स्वीकार किए हैं. वहीं जयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद पुरोहित ने पक्ष रखा.