जोधपुर. राज्य अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष खिलाड़ी लाल बैरवा ने मंगलवार को सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत की. उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति अत्याचारों से जुड़े मामलों में सजा का रेशो कम है. इस रेशों को बढ़ाएंगे (increase punishment ratio in atrocities case related to SC atrocities) जिससे अच्छा संदेश जाए.
उन्होंने कहा कि राज्य में अनुसूचित जाति अत्याचार से जुडे़ एट्रोसिटीज एक्ट के मामलों में सजा का रेशो बहुत कम है. इसे कैसे बढ़ाया जाए इस पर काम कर रहे हैं. जिससे जुर्म करने वालों को इसका डर रहे और समाज में अच्छा संदेश जाए. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अनुसूचित जाति आयोग का गठन इसलिए ही किया है, जहां जहां अत्याचार के मामले हैं, उनकी परेशानियां कम हो. सरकार की योजनाओं व अन्य मामलों को लेकर पूरे राज्य में आयोग का दौरा हो रहा है. उन्होंने कहा 28 जिलों का दौरा हो चुका है. अगले छह माह में इसके परिणाम भी नजर आएंगे. राज्य में अनुसूचित जाति अत्याचार से जुडे़ मामलों में अधिकतम सजा मिले, जिससे समाज मे अच्छा संदेश जाए.
बैरवा ने कहा कि ऑपरेशन समानता भी चलाया जा रहा है. जिससे गांवों में शादी विवाह के समय बिंदोली के दौरान होने वाली परेशानी को खत्म किया जा रहा है. अधिकारी जाकर लोगों की समझाइश कर रहे हैं. एट्रोसिटी एक्ट में जो भी समस्याएं हैं, उनमें क्या सुधार हो सकता है, उसके लिए आयोग काम कर रहा है. भाजपा की ओर से प्रदेश में अनुसूचित जाति पर अत्याचार के मामले बढ़ने के आरोप पर उन्होंने कहा कि उनका काम आरोप लगाना ही है. नेताओं की ओर से भी अनुसूचित जाति के लोगों के साथ मारपीट के सवाल पर उन्होंने कहा कि आरोप लगाना अलग बात है. लेकिन आरोप साबित होना अलग. ऐसे आरोप कोई भी लगा सकता है. लेकिन हमारी सरकार अनुसूचित जाति के कल्याणार्थ के लिए काम कर रही है. इससे पहले जोधपुर सर्किट हाउस में जिला कलेक्टर सहित अन्य अधिकारियों ने उसने मुलाकात की. इसके बाद उन्होंने विभागीय बैठक में भी भाग लिया.