जोधपुर: शहर के एक युवक के साथ विदेश में नौकरी और मोटी तनख्वाह दिलाने के नाम पर ठगी हुई है. खास बात यह है कि युवक से दुबई के लिए वीजा, पासपोर्ट और नौकरी दिलाने के नाम पर स्टाम्प पेंपर एग्रीमेंट हो चुका है. ये एग्रीमेंट 5 लाख रुपए का है. कबूतरबाजों ने एडवांस के ढाई लाख रुपए ले लिए हैं. कबूतरबाजों का ये रैकेट पंजाब का बताया जा रहा है जिसमें एक शातिर महिला शामिल है.
युवक से वायदा किया गया कि उसे तुरंत नौकरी मिल जाएगी. पिछले 6 महीने से उसे इस बात को लेकर दिलासा दिया जाता रहा और कोरोना के नाम पर शातिर उसको बहलाते रहे.
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और यूं हुआ खुलासा: ठगों की चालबाजी से परेशान युवक अमर हंस जब कबूतर बाज के लुधियाना स्थित address पर पहुंचा तो उसे पता चल गया कि उसके साथ ठगी हुई है. जिसके बाद पीड़ित ने न्यायालय में गुहार लगाई. कोर्ट के आदेश पर उदय मंदिर थाना पुलिस ने मामला दर्ज किया और आरोपियों की तलाश में जुट गई है.
ऐसा फंसा जाल में : युवक ने अपनी शिकायत में बताया कि वह पिछले साल जनवरी में दिल्ली से जोधपुर बस से आ रहा था. इस दौरान उसकी सह यात्री गुरदीप कौर से बातचीत होने लगी. उसके साथ रणजीत सिंह नाम का शख्स भी था.दोनों ने अमर को बताया कि वो पहले प्रॉपर्टी का काम करते थे लेकिन अब विदेश में नौकरी दिलाने की एजेंसी चलाते हैं. उन्होंने बताया कि उनकी कोशिशों से लोग बड़ी तनख्वाह में विदेश में काम कर रहे हैं. बातचीत के बाद गुरदीप कौर ने उसे अपना विजिटिंग कार्ड थमाया और कहा कि अगर उसे विदेश जाना हो तो उनसे संपर्क कर सकता है.
परिवार को मनाया फिर कबूतरबाजों को बुलाया: जोधपुर आने के बाद अमर ने अपने परिवार से बात कर गुरदीप कौर से संपर्क किया. आरोपी ने उसे भरोसा दिलाया कि वो जोधपुर आकर पीड़ित से दस्तावेज लेंगे. जिसके बाद उसे (पीड़ित को) दुबई भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी. फिर पिछले साल ही फरवरी में गुरदीप कौर, रणजीत सिंह, परमजीत कौर, मुख्तयार सिंह व अमरजीत सिंह सहित पांच लोग जोधपुर आए और अमर से मिले.
5 लाख में मामला फिट: अपने शिकार को अच्छी तरह से समझ बूझ कर ठगों ने दुबई में वीजा दिलाने के नाम पर उससे 5 लाख रुपए की डिमांड की. जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच 500 के स्टांप पेपर पर एग्रीमेंट हुआ. जिसमें स्पष्ट लिखा गया कि ढाई लाख रुपए एडवांस देने होंगे और 6 माह में वीजा पासपोर्ट उपलब्ध करवा दिया जाएगा.
एग्रीमेंट की मूल कॉपी भी ली झटक: एग्रीमेंट के बाद जालसाजों ने पीड़ित से वीजा के नाम पर मूल प्रति झटक ली और अमर को फोटोकॉपी थमा दी. इसके बाद देश-विदेश में कोरोना महामारी के कारण स्थितियां बदल गई. आवागमन बाधित हो गया. अमर अच्छी खासी राशि दे बैठा था सो उसने कबूतरबाजों से संपर्क साधने की कोशिश की. मुख्य आरोपी गुरदीप कौर ने पासपोर्ट कार्यालय बंद होने का हवाला दिया. बेचैन अमर ने दोबारा नम्बर ट्राई किया तो वो Switched Off था. पीड़ित एग्रीमेंट पर लिखे पते पर पहुंचा तो न उसे गुरदीप मिली और न ही कोई कार्यालय ही दिखा. तब उसे एहसास हुआ कि उसके (अमर) साथ ठगी हुई है और फिर उसने कानून का सहारा लिया.