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Jodhpur Violence Case: दहशत में सुनार गलीवासी, कहा- लोगों को आगाह करता जा रहा था दीपक...इसलिए दंगाई ने उसे दौड़ाकर मारा चाकू

जोधपुर हिंसा मामले (Jodhpur Violence Case) में सुनार गली में रहने वाले लोगों के दिलों में दहशत है. उनका कहना है कि दीपक सबको दंगाइयों को लेकर आगाह करते आ रहा था इसलिए एक दंगाई ने उसे दौड़ाकर चाकू मारा था. अगर दीपक न होते तो काफी लूटपाट और नुकसान होता.

Jodhpur Violence Case
दंगाई ने पीछाकर मारा था दीपक को चाकू
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Published : May 5, 2022, 5:59 PM IST

जोधपुर. जोधपुर हिंसा मामले (Jodhpur Violence Case) में घटना के बाद से लोगों के दिलों में दहशत घर कर गई है. सुनारों के मोहल्लों से जुड़ी सूनसान गली में सोमवार को ईद की नमाज के बाद भीड़ ने इस कदर कहर बरपाया था कि अगर दुकानें खुली होतीं तो जो होता उसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता था. हालांकि ऐसा नहीं हो सका क्योंकि भीड़ से आगे बाइक पर सवार दीपक और उसका भाई दवाई लेकर घर जाते हुए ज्वैलर्स को आगाह कर रहे थे कि पीछे दंगाई आ रहे हैं.

यही कारण था कि एक दंगाई इस गली में बाइक पर बैठे लोगों को आगाह कर रहे दीपक के पीछे पड़ गया. बाइक चला रहा लोकेश भीड में ही तेजी से निकला लेकिन दंगाई उसके पीछे दौड़ता रहा कुछ दूरी पर जाकर उसने दीपक की पीठ पर एक वार किया उसके बाद दूसरा वार किया तो चाकू पीठ में ही रह गया. सीसीटीवी में यह साफ नजर आ रहा है कि सफेद कुर्ता पजामा पहने युवक ने अपना चेहरा ढक रखा था क्योंकि उसे पता था कि इस पूरे इलाके में सीसीटीवी लगे थे. अब इस युवक की पुलिस तलाश कर रही है. दीपक का अभी एमडीएम अस्पताल में उपचार चल रहा है.

दहशत में लोग

पढ़ें. Jodhpur Violence Case: बीस दंगाइयों को कोर्ट में किया गया पेश, शांति सौहार्द के लिए हो रहीं सीएलजी की बैठकें

पत्थरों के साथ तेजाब की बोतले फेंकी
सुनार मोहल्ले के रहने वालों का कहना है कि सौ मीटर दूर सिलावटों के मोहल्ले से भीड़ आई थी. ज्यादातर चेहरे जाने पहचाने थे लेकिन अब ऐसा लगता है कि इस इलाके में सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम होने जरूरी हैं. पेशे से सीए अभिषेक का कहना है कि कर्फ्यू समय पर नहीं लगाया. भीड़ ने हमारे घर पर हमला किया. पत्थर मारे और भागते हुए दिख रहे हैं. अब जो मन में असुरक्षा का भाव हो गया है उसे हटाना बहुत मुश्किल है. यहां पर एक पुलिस चौकी खोली जानी चाहिए.

Jodhpur Violence Case
दहशत से सूनी हुई सुनार गली

पढ़ें. Protest in Jaipur : जोधपुर हिंसा के विरोध में प्रदर्शन, भाजपा बोली- गिद्ध की तरह राजस्थान से गायब होगी कांग्रेस

यहां के वाशिंदे मनोज सोनी का कहना है कि वे सब प्लान करके मारपीट, तोड़फोड़ व लूटने के इरादे से आए थे. पुलिस नहीं आती तो शायद और ज्यादा विकट स्थिति होती. ज्वैलर सूरज सोनी का कहना है कि यहां स्थाई सुरक्षा के इंतजाम होने चाहिए. इसी तरह से ज्वैलर कृष्णकुमार का कहना है कि दीपक नहीं होते तो शायद बहुत बड़ा नुकसान हो जाता है. दंगाइयों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए.

घनी आबादी और एक दूसरे से जुडे़ हैं मोहल्ले: भीतरी शहर के रावतों का बास, सुनारों का मोहल्ला व सिलावटों का बास मोहल्ले एक दूसरे जुड़े हुए हैं. सब साथ ही रहते हैं लेकिन मंगलवार को पड़ोस में रहने वाले लडकों ने इसी मोहल्लों की दुकानों और लोगों को निशाना बनाया. इसके चलते जो सोहार्द बिगड़ा है उसे दुरुस्त होने में लंबा समय लगेगा.

जोधपुर. जोधपुर हिंसा मामले (Jodhpur Violence Case) में घटना के बाद से लोगों के दिलों में दहशत घर कर गई है. सुनारों के मोहल्लों से जुड़ी सूनसान गली में सोमवार को ईद की नमाज के बाद भीड़ ने इस कदर कहर बरपाया था कि अगर दुकानें खुली होतीं तो जो होता उसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता था. हालांकि ऐसा नहीं हो सका क्योंकि भीड़ से आगे बाइक पर सवार दीपक और उसका भाई दवाई लेकर घर जाते हुए ज्वैलर्स को आगाह कर रहे थे कि पीछे दंगाई आ रहे हैं.

यही कारण था कि एक दंगाई इस गली में बाइक पर बैठे लोगों को आगाह कर रहे दीपक के पीछे पड़ गया. बाइक चला रहा लोकेश भीड में ही तेजी से निकला लेकिन दंगाई उसके पीछे दौड़ता रहा कुछ दूरी पर जाकर उसने दीपक की पीठ पर एक वार किया उसके बाद दूसरा वार किया तो चाकू पीठ में ही रह गया. सीसीटीवी में यह साफ नजर आ रहा है कि सफेद कुर्ता पजामा पहने युवक ने अपना चेहरा ढक रखा था क्योंकि उसे पता था कि इस पूरे इलाके में सीसीटीवी लगे थे. अब इस युवक की पुलिस तलाश कर रही है. दीपक का अभी एमडीएम अस्पताल में उपचार चल रहा है.

दहशत में लोग

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सुनार मोहल्ले के रहने वालों का कहना है कि सौ मीटर दूर सिलावटों के मोहल्ले से भीड़ आई थी. ज्यादातर चेहरे जाने पहचाने थे लेकिन अब ऐसा लगता है कि इस इलाके में सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम होने जरूरी हैं. पेशे से सीए अभिषेक का कहना है कि कर्फ्यू समय पर नहीं लगाया. भीड़ ने हमारे घर पर हमला किया. पत्थर मारे और भागते हुए दिख रहे हैं. अब जो मन में असुरक्षा का भाव हो गया है उसे हटाना बहुत मुश्किल है. यहां पर एक पुलिस चौकी खोली जानी चाहिए.

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यहां के वाशिंदे मनोज सोनी का कहना है कि वे सब प्लान करके मारपीट, तोड़फोड़ व लूटने के इरादे से आए थे. पुलिस नहीं आती तो शायद और ज्यादा विकट स्थिति होती. ज्वैलर सूरज सोनी का कहना है कि यहां स्थाई सुरक्षा के इंतजाम होने चाहिए. इसी तरह से ज्वैलर कृष्णकुमार का कहना है कि दीपक नहीं होते तो शायद बहुत बड़ा नुकसान हो जाता है. दंगाइयों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए.

घनी आबादी और एक दूसरे से जुडे़ हैं मोहल्ले: भीतरी शहर के रावतों का बास, सुनारों का मोहल्ला व सिलावटों का बास मोहल्ले एक दूसरे जुड़े हुए हैं. सब साथ ही रहते हैं लेकिन मंगलवार को पड़ोस में रहने वाले लडकों ने इसी मोहल्लों की दुकानों और लोगों को निशाना बनाया. इसके चलते जो सोहार्द बिगड़ा है उसे दुरुस्त होने में लंबा समय लगेगा.

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