जोधपुर. 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के विजय दिवस पर बुधवार को शहीद स्मारक पर पूर्व सैनिक सेवा परिषद की ओर से कार्यक्रम आयोजित किया गया. इसी दौरान पूर्व सैनिकों और नेताओं ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की. पूर्व सैनिकों ने शहीदों को याद करते हुए शहीद स्मारक पर शौर्य चक्र अर्पित किए और उन्हें सलामी भी दी.
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पूर्व सैनिक सेवा परिषद के सचिव एनएस राठौड़ ने बताया कि यह जीत ऐतिहासिक थी. दुनिया के इतिहास में इसका महत्व इसलिए है कि सबसे बड़ा आत्मसमर्पण इस युद्ध में पाकिस्तान की सेना के जनरल नियाजी ने भारत की सेना के जनरल अरोड़ा के सामने अपने 93000 सैनिकों के साथ किया था. यह हम सभी भारतीय के लिए गर्व की बात है. हमारे सैनिकों ने अदम्य साहस के साथ युद्ध लड़ा और जीत हासिल की, जिसकी बदौलत बांग्लादेश का जन्म हुआ.
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भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष देवेंद्र जोशी ने कहा कि डीजे दिवस के 49 साल पूरे हो गए हैं. यह स्वर्ण जयंती वर्ष है. इस युद्ध में पूरी दुनिया में भारतीय सेना का मान बढ़ाया था. गौरतलब है कि 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के स्वर्ण जयंती वर्ष के मौके पर भारतीय सेना भी लगातार कार्यक्रम कर रही है. इसके तहत जोधपुर कोणार्क कोर में भी पिछले कई दिनों से कार्यक्रमों का आयोजन चल रहा है.