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जोधपुर स्पेशल क्राइम टीम के कांस्टेबल पर फरार आरोपी ने लगाया झूठे केस में फंसाने का आरोप, वायरल हुआ वीडियो

जोधपुर की स्पेशल क्राइम टीम ने चोरी के मामले का खुलासा करते हुए 3 गाड़ियां बरामद (Stolen cars found in jodhpur) करके एक व्यक्ति की गिरफ्तारी बताई थी और कहा था कि मौके से कुछ आरोपी फरार हो गए हैं. अब फरार आरोपी मोहन राम ने रविवार को खुद का वीडियो सोशल मीडिया में जारी किया और बताया कि 6 दिसम्बर को वो चित्तौड़गढ़ के सावंरिया जी मे था और उसके पास इसके पूरे सबूत है. उसने खुद को सीएसटी टीम के कांस्टेबल तेजाराम पंवार पर जानबूझकर कर फसाने का आरोप (Police constable implicated false case) लगाया है.

Jodhpur police accused in implicated false case
Jodhpur police accused in implicated false case
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Published : Jan 9, 2022, 10:54 PM IST

जोधपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह नगर की पुलिस विवादों में है. 6 दिसम्बर को पुलिस कमिश्नरेट की स्पेशल क्राइम टीम ने डांगियावास थाना अंतर्गत चोरी के मामले का खुलासा करते हुए 3 गाड़ियां बरामद (Stolen cars found in jodhpur) करके एक व्यक्ति की गिरफ्तारी बताई थी और कहा था कि मौके से कुछ आरोपी फरार हो गए हैं. जबकि सीएसटी टीम पूरे जाब्ते के साथ मौके पर पहुंची थी और आरोपी पैदल ही भाग गए.

वीडियो सोशल मीडिया में वायरल

पुलिस की ओर से बताई गई इस कहानी पर अब विवाद शुरु हो गया है. दरअसल पुलिस ने 6 दिसम्बर को बाकायदा प्रेसनोट जारी कर इस मामले का खुलासा किया था. जिसमें अशोक कुमार की गिरफ्तारी बताई और हड़मान विश्नोई, मोहनराम जाट और लेखराज को मौके पर उन्हें देख भाग जाना बताया था. अब मोहन राम ने रविवार को खुद का वीडियो सोशल मीडिया में जारी (Jodhpur Viral Video) किया और बताया कि 6 दिसम्बर को वो चित्तौड़गढ़ के सावंरिया जी मे था और उसके पास इसके पूरे सबूत है. उसने खुद को सीएसटी टीम के कांस्टेबल तेजाराम पंवार पर जानबूझकर कर फसाने का आरोप (Police constable implicated false case) लगाया है.

Jodhpur police accused in implicated false case

यह भी पढ़ें - Stolen cars found in jodhpur: गुड़गांव, दिल्ली और जयपुर से चुराई कारें मिली जोधपुर में, 1 आरोपी गिरफ्तार

रुपए नहीं देने के कारण डाला नाम

मामले को लेकर उसके भाई ने पुलिस कमिश्नर को शिकायत भी भेजी है. वीडियो जारी करने वाले मोहन राम के भी अवैध गतिविधियों में लिप्त होने की बात सामने आ रही है. लेकिन उसने वीडियो में बताया है कि कॉन्स्टेबल तेजाराम को उसने फोन कर पूछा कि मेरा नाम इस मामले में क्यों डाला तो उसने कहा कि तूने रुपए नहीं दिए थे इसलिए तेरा नाम डाला है.

यह भी पढ़ें - फायरिंग और जानलेवा हमले में फरार 2 आरोपी गिरफ्तार, कार्रवाई में पुलिस की गाड़ी को किया क्षतिग्रस्त... चालक को आई चोट

हनुमान अपने वीडियो में कहता है कि तेजाराम पहले डांगियावास थाने में रह चुका है. उसके बड़े तस्करों से सांठगांठ है और उनसे बंदी लेता है. जो रुपए देता है वह उनको छोड़ देता है उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं करता है. वीडियो में मोहन राम ने खुद ने कहा कि उसने भी तेजाराम को कई बार रुपए दिए हैं. इस पूरे मामले पुलिस का कहना कि मामले की जांच होने के बाद पूरा सच सामने आएगा.

यह भी पढ़ें - Gangrape In Jodhpur: बहन के दो देवरों ने किया सामूहिक दुष्कर्म..दोस्त भी वारदात में शामिल

इसलिए में चर्चा में है वीडियो

यह वीडियो इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि तेजाराम पहले भी कई विवादों में रह चुका है. उसके अपराधियों से सांठगांठ के चलते उसे लाइन हाजिर किया गया था. लेकिन बाद में उसने अपनी जगह सीएसटी में बना ली. मोहन राम के भाई रामचंद्र ने पुलिस को भेजी शिकायत में बताया है कि तेजाराम इसलिए दुश्मनी रखता है कि उसने मेरे भाई से स्कॉर्पियो खरीदी थी जिसका भुगतान नहीं किया तो वापस ले ली जिसके बाद से वह पीछे पड़ा हुआ है.

जोधपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह नगर की पुलिस विवादों में है. 6 दिसम्बर को पुलिस कमिश्नरेट की स्पेशल क्राइम टीम ने डांगियावास थाना अंतर्गत चोरी के मामले का खुलासा करते हुए 3 गाड़ियां बरामद (Stolen cars found in jodhpur) करके एक व्यक्ति की गिरफ्तारी बताई थी और कहा था कि मौके से कुछ आरोपी फरार हो गए हैं. जबकि सीएसटी टीम पूरे जाब्ते के साथ मौके पर पहुंची थी और आरोपी पैदल ही भाग गए.

वीडियो सोशल मीडिया में वायरल

पुलिस की ओर से बताई गई इस कहानी पर अब विवाद शुरु हो गया है. दरअसल पुलिस ने 6 दिसम्बर को बाकायदा प्रेसनोट जारी कर इस मामले का खुलासा किया था. जिसमें अशोक कुमार की गिरफ्तारी बताई और हड़मान विश्नोई, मोहनराम जाट और लेखराज को मौके पर उन्हें देख भाग जाना बताया था. अब मोहन राम ने रविवार को खुद का वीडियो सोशल मीडिया में जारी (Jodhpur Viral Video) किया और बताया कि 6 दिसम्बर को वो चित्तौड़गढ़ के सावंरिया जी मे था और उसके पास इसके पूरे सबूत है. उसने खुद को सीएसटी टीम के कांस्टेबल तेजाराम पंवार पर जानबूझकर कर फसाने का आरोप (Police constable implicated false case) लगाया है.

Jodhpur police accused in implicated false case

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रुपए नहीं देने के कारण डाला नाम

मामले को लेकर उसके भाई ने पुलिस कमिश्नर को शिकायत भी भेजी है. वीडियो जारी करने वाले मोहन राम के भी अवैध गतिविधियों में लिप्त होने की बात सामने आ रही है. लेकिन उसने वीडियो में बताया है कि कॉन्स्टेबल तेजाराम को उसने फोन कर पूछा कि मेरा नाम इस मामले में क्यों डाला तो उसने कहा कि तूने रुपए नहीं दिए थे इसलिए तेरा नाम डाला है.

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हनुमान अपने वीडियो में कहता है कि तेजाराम पहले डांगियावास थाने में रह चुका है. उसके बड़े तस्करों से सांठगांठ है और उनसे बंदी लेता है. जो रुपए देता है वह उनको छोड़ देता है उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं करता है. वीडियो में मोहन राम ने खुद ने कहा कि उसने भी तेजाराम को कई बार रुपए दिए हैं. इस पूरे मामले पुलिस का कहना कि मामले की जांच होने के बाद पूरा सच सामने आएगा.

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इसलिए में चर्चा में है वीडियो

यह वीडियो इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि तेजाराम पहले भी कई विवादों में रह चुका है. उसके अपराधियों से सांठगांठ के चलते उसे लाइन हाजिर किया गया था. लेकिन बाद में उसने अपनी जगह सीएसटी में बना ली. मोहन राम के भाई रामचंद्र ने पुलिस को भेजी शिकायत में बताया है कि तेजाराम इसलिए दुश्मनी रखता है कि उसने मेरे भाई से स्कॉर्पियो खरीदी थी जिसका भुगतान नहीं किया तो वापस ले ली जिसके बाद से वह पीछे पड़ा हुआ है.

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