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Big News : बीएड डिग्रीधारी भी बैठ सकेंगे रीट लेवल वन की परीक्षा में, हाईकोर्ट की खंडपीठ ने दिया अंतरिम आदेश - REET Level 1st Exam

बीएड डिग्रीधारी लाखों बेरोजगार जो रविवार को होने वाली रीट लेवल वन परीक्षा में शामिल होने का इंतजार कर रहे थे, उनके लिए बड़ी राहत की खबर है. राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर की खंडपीठ ने इस मामले में तीन दिन तक लगातार सुनवाई करते हुए अंतरिम आदेश पारित करते हुए बीएड डिग्रीधारी को रीट लेवल वन की परीक्षा में बैठने की अनुमति दी है.

rajasthan high court
रीट लेवल वन की परीक्षा
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Published : Sep 24, 2021, 6:20 PM IST

जोधपुर. जस्टिस संगीत लोढ़ा व जस्टिस विनीत माथुर की खंडपीठ ने मामले में याचिकाकर्ता बीएड डिग्रीधारी अभ्यर्थियों, प्रदेश सरकार, बीएसटीसी धारकों व एनसीटीई का व्यापक पक्ष जानने के बाद आज शुक्रवार को इस मामले में अहम अंतरिम आदेश जारी करते हुए बीएड डिग्रीधारी अभ्यर्थियों को रविवार को होने वाली रीट परीक्षा में लेवल वन के लिए परीक्षा में बैठने की अनुमति दे दी है.

इसके साथ ही प्रदेश के लाखों बीएडधारी बेरोजगारों में खुशी की लहर दौड़ गई है. राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता एमएस सिंघवी ने मामले में राज्य सरकार का पक्ष रखा. वहीं, एनसीटीई की ओर से अधिवक्ता विवेक श्रीमाली ने पक्ष रखा. बीएसटीसी अभ्यर्थियों की ओर से अधिवक्ता विज्ञान शाह, मनोज भंडारी व हनुमान सिंह ने पक्ष रखते हुए बीएड डिग्रीधारियों को रीट लेवल वन की परीक्षा में अपात्र घोषित करने के लिए पक्ष रखा.

पढ़ें : आसाम की लड़की का अपहरण कर दिल्ली में बेचा और फिर बाड़मेर में करा दी शादी, 2 साल बाद खुलासा...लड़की को घर भेजा गया, आरोपी पर मुकदमा

वहीं, बीएड डिग्री धारी याचिकाकर्ताओं की ओर से पैरवी कर रहे एडवोकेट सुशील बिश्नोई ने बताया कि वर्ष 2018 ने एनसीटीई ने अपने विशेष सर्कुलर की मार्फत बीएड उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को भी प्रारम्भिक शिक्षा में कक्षा एक से पांच तक बीएसटीसी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के समान ही अध्यापक बनने के योग्य करार दिया है. लेकिन राजस्थान सरकार ने उक्त सर्कुलर के विपरीत केवल बीएसटीसी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को ही रीट परीक्षा लेवल एक में बैठने की अनुमति दी थी. जिसके खिलाफ उक्त मामला हाईकोर्ट में लंबित है.

हालांकि, कुछ माह पूर्व के हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश की पालना में राजस्थान सरकार ने बीएड डिग्रीधारकों को रीट परीक्षा में लेवल वन हेतु फॉर्म भरने की अनुमति तो दे दी थी. लेकिन उनके परीक्षा में बैठने पर संशय बना हुआ था. बीएड डिग्रीधारी अभ्यर्थी अब रविवार को होने जा रही परीक्षा में दोनों लेवल की परीक्षा दे सकेंगे. हालांकि लेवल वन हेतु उनकी पात्रता मामले में हाईकोर्ट के अंतिम निर्णय के अधीन रहेगी, वहीं उनका परिणाम जारी करने पर भी अंतरिम रोक रहेगी. इनका परिणाम न्यायालय की अनुमति से ही जारी होगा.

जोधपुर. जस्टिस संगीत लोढ़ा व जस्टिस विनीत माथुर की खंडपीठ ने मामले में याचिकाकर्ता बीएड डिग्रीधारी अभ्यर्थियों, प्रदेश सरकार, बीएसटीसी धारकों व एनसीटीई का व्यापक पक्ष जानने के बाद आज शुक्रवार को इस मामले में अहम अंतरिम आदेश जारी करते हुए बीएड डिग्रीधारी अभ्यर्थियों को रविवार को होने वाली रीट परीक्षा में लेवल वन के लिए परीक्षा में बैठने की अनुमति दे दी है.

इसके साथ ही प्रदेश के लाखों बीएडधारी बेरोजगारों में खुशी की लहर दौड़ गई है. राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता एमएस सिंघवी ने मामले में राज्य सरकार का पक्ष रखा. वहीं, एनसीटीई की ओर से अधिवक्ता विवेक श्रीमाली ने पक्ष रखा. बीएसटीसी अभ्यर्थियों की ओर से अधिवक्ता विज्ञान शाह, मनोज भंडारी व हनुमान सिंह ने पक्ष रखते हुए बीएड डिग्रीधारियों को रीट लेवल वन की परीक्षा में अपात्र घोषित करने के लिए पक्ष रखा.

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वहीं, बीएड डिग्री धारी याचिकाकर्ताओं की ओर से पैरवी कर रहे एडवोकेट सुशील बिश्नोई ने बताया कि वर्ष 2018 ने एनसीटीई ने अपने विशेष सर्कुलर की मार्फत बीएड उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को भी प्रारम्भिक शिक्षा में कक्षा एक से पांच तक बीएसटीसी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के समान ही अध्यापक बनने के योग्य करार दिया है. लेकिन राजस्थान सरकार ने उक्त सर्कुलर के विपरीत केवल बीएसटीसी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को ही रीट परीक्षा लेवल एक में बैठने की अनुमति दी थी. जिसके खिलाफ उक्त मामला हाईकोर्ट में लंबित है.

हालांकि, कुछ माह पूर्व के हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश की पालना में राजस्थान सरकार ने बीएड डिग्रीधारकों को रीट परीक्षा में लेवल वन हेतु फॉर्म भरने की अनुमति तो दे दी थी. लेकिन उनके परीक्षा में बैठने पर संशय बना हुआ था. बीएड डिग्रीधारी अभ्यर्थी अब रविवार को होने जा रही परीक्षा में दोनों लेवल की परीक्षा दे सकेंगे. हालांकि लेवल वन हेतु उनकी पात्रता मामले में हाईकोर्ट के अंतिम निर्णय के अधीन रहेगी, वहीं उनका परिणाम जारी करने पर भी अंतरिम रोक रहेगी. इनका परिणाम न्यायालय की अनुमति से ही जारी होगा.

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