ETV Bharat / city

दिव्या के सिर बांधी पगड़ी...मदेरणा परिवार की कमान संभाल समाज को दी नई दिशा

पिता के निधन के बाद बेटे को ही घर की जिम्मेदारी देने के लिए पगड़ी बांधी जाती है. भले ही उम्र छोटी हो, उसे मुखिया का पद दिया जाता है. जिन घरों में बेटे नहीं होते तो बेटियों को जिम्मेदारी दी जाती है, लेकिन सार्वजनिक रूप से इससे बचा जाता है. लेकिन गुरुवार को ओसियां में पूर्व मंत्री स्व. महिपाल मदेरणा परिवार में सार्वजनिक रूप से बड़ी बेटी दिव्या मदेरणा को पगड़ी बांध मुखिया बनाकर समाज को नया संदेश दिया गया.

turban tied on head of mla divya maderna
दिव्या मदेरणा के सिर बांधी पगड़ी
author img

By

Published : Oct 28, 2021, 7:20 PM IST

Updated : Oct 28, 2021, 7:27 PM IST

जोधपुर. ओसियां विधायक दिव्या मदेरणा के साथ-साथ उनकी छोटी बहन रूबल को भी पगड़ी पहनाई गई. इससे पहले भावुकता भरे माहौल में हर कोई सोच रहा था कि आदरणीय महिपाल जी मदेरणा को मुखाग्नि देने से लेकर सारे सामाजिक रीति-रिवाज में दिव्या मदेरणा ने बेटे की भूमिका निभाई है. लेकिन जब पगड़ी की रस्म का मौका आया तो सभी के मन में प्रश्न था, अब सामाजिक रस्म का बंधन आड़े आएगी. क्योंकि रस्मो रिवाज इस मामले में बेटों की हिमायत करते हैं.

दरअसल, पगड़ी की रस्म का अर्थ है परिवार के मुखिया के निधन के बाद पगड़ी के जरिये जिम्मेदारी का अंतरण होना. ओसियां विधायक दिव्या ने अपने पिता की जिम्मेदारी अपने कंधों पर लेते हुए दस्तूर के माथे बेटियों की दस्तारबंदी की तो रस्मो रिवाज खुद ब खुद झुक गई और एक भावुकता का माहौल हो गया. मारवाड़ में शायद ये पहला मौका था, जब बेटी के सिर पिता की पगड़ी बंधी.

पढ़ें : मदेरणा का निधन: CM अशोक गहलोत समेत तमाम दिग्गजों ने व्यक्त की संवेदना

दिव्या ने प्रचलित रस्म का प्रतिकार किया और परिवर्तन की प्रतिमा बनकर खड़ी हो गई. सामाजिक स्वीकृति के बीच दिव्या के सिर पिता की पगड़ी बंधी तो उसका चेहरा बदलाव की रोशनी से दमक उठा. उम्मीद की जा रही है कि दिव्या की परिवर्तनकारी पहल ने समाज को नई दिशा देगी. पगड़ी और बेटी के बीच सदियों से बने फासले को मिटाते हुए नया संदेश देगी कि बेटियां भी बेटों की तरह सभी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने में सक्षम हैं.

पढ़ें : विधानसभा उपचुनाव के रण में क्या हनुमान को मिल पाएगी 'संजीवनी', 2 नवंबर का है इंतजार...

गौरतलब है कि पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा का 17 अक्टूबर को देहांत हो गया था. उनके निधन के बाद उनकी पुत्री और ओसियां विधायक दिव्या मदेरणा व उनकी बहन ने सारी पारंपरिक रस्मों को निभाया था. आज बारहवें पर दोनों बहनों को पगड़ी बांधी गई. पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा की दो पुत्रियां ही हैं, उनका कोई पुत्र नहीं है.

जोधपुर. ओसियां विधायक दिव्या मदेरणा के साथ-साथ उनकी छोटी बहन रूबल को भी पगड़ी पहनाई गई. इससे पहले भावुकता भरे माहौल में हर कोई सोच रहा था कि आदरणीय महिपाल जी मदेरणा को मुखाग्नि देने से लेकर सारे सामाजिक रीति-रिवाज में दिव्या मदेरणा ने बेटे की भूमिका निभाई है. लेकिन जब पगड़ी की रस्म का मौका आया तो सभी के मन में प्रश्न था, अब सामाजिक रस्म का बंधन आड़े आएगी. क्योंकि रस्मो रिवाज इस मामले में बेटों की हिमायत करते हैं.

दरअसल, पगड़ी की रस्म का अर्थ है परिवार के मुखिया के निधन के बाद पगड़ी के जरिये जिम्मेदारी का अंतरण होना. ओसियां विधायक दिव्या ने अपने पिता की जिम्मेदारी अपने कंधों पर लेते हुए दस्तूर के माथे बेटियों की दस्तारबंदी की तो रस्मो रिवाज खुद ब खुद झुक गई और एक भावुकता का माहौल हो गया. मारवाड़ में शायद ये पहला मौका था, जब बेटी के सिर पिता की पगड़ी बंधी.

पढ़ें : मदेरणा का निधन: CM अशोक गहलोत समेत तमाम दिग्गजों ने व्यक्त की संवेदना

दिव्या ने प्रचलित रस्म का प्रतिकार किया और परिवर्तन की प्रतिमा बनकर खड़ी हो गई. सामाजिक स्वीकृति के बीच दिव्या के सिर पिता की पगड़ी बंधी तो उसका चेहरा बदलाव की रोशनी से दमक उठा. उम्मीद की जा रही है कि दिव्या की परिवर्तनकारी पहल ने समाज को नई दिशा देगी. पगड़ी और बेटी के बीच सदियों से बने फासले को मिटाते हुए नया संदेश देगी कि बेटियां भी बेटों की तरह सभी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने में सक्षम हैं.

पढ़ें : विधानसभा उपचुनाव के रण में क्या हनुमान को मिल पाएगी 'संजीवनी', 2 नवंबर का है इंतजार...

गौरतलब है कि पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा का 17 अक्टूबर को देहांत हो गया था. उनके निधन के बाद उनकी पुत्री और ओसियां विधायक दिव्या मदेरणा व उनकी बहन ने सारी पारंपरिक रस्मों को निभाया था. आज बारहवें पर दोनों बहनों को पगड़ी बांधी गई. पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा की दो पुत्रियां ही हैं, उनका कोई पुत्र नहीं है.

Last Updated : Oct 28, 2021, 7:27 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.