जोधपुर. जोधपुर डिस्कॉम का फरमान इन दिनों चर्चा के केन्द्र में है. फरमान बिजली कटौती को लेकर है. जिसमें माह ए रमजान में रोजेदारों की परेशानियों को ध्यान में रखते हुए अबाधित बिजली जारी रखने का निर्देश है. जोधपुर डिस्कॉम के अधीक्षण अभियंता एवं सहायक प्रबंध निदेशक ने आरएस बडियासर ने एक अप्रैल को डिस्कॉम के अंतर्गत आने वाले सभी 10 जिलों के अधीक्षण अभियंताओं (Order On power Cut By Jodhpur Discom) को निर्देश जारी किए हैं.
क्या है निर्देश में?: इसमें लिखा है- 4 अप्रैल से रमजान प्रारंभ हो रहा है ऐसे में सभी मुस्लिम बाहुल्य इलाकों (no power cut in Muslim Majority Area) में किसी तरह की बिजली कटौती न करें निबार्ध आपूर्ति रखें. जिससे रोजेदारों को किसी तरह की परेशानी न हो. खास बात ये है कि इस तरह का आदेश पहली बार सार्वजनिक हुआ है. जबकि रोजे साल में दो बार आते है. सवाल डिस्कॉम की मंशा को लेकर उठाए जाने लगे हैं. कुछ लोग इसे पक्षपातपूर्ण रवैया मान सवाल उठाने लगे हैं. उनके मुताबिक हिंदू भी अपने घरों में उपासना करते हैं लेकिन उनको लेकर इस आदेश में कोई व्यवस्था नहीं है.
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मंत्री ने लिखा था खत: डिस्कॉम से मिली जानकारी के अनुसार सरकार की मंत्री जाहिदा खान रोजे के दौरान प्रदेश में मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में बिजली कटौती नहीं करने के लिए ऊर्जा मंत्री भंवरसिंह भाटी को पत्र लिखा था. जिसके बाद तीनों कंपनियों के सचिव ने पालना के लिए निर्देश दिए. जोधपुर डिस्कॉम में आदेश जारी करने की नोटशीट में निर्देशों का हवाला दिया गया है. इधर ये आदेश जारी होने के बाद से राजनीति भी गरमा गई है. चौतरफा घिरता देख जोधपुर डिस्कॉम के एमडी प्रमोद टाक ने इस फरमान का बचाव किया है. कहा है कि आदेश सद्भावना के लिए निकाला गया था हम इसमें नवरात्र भी शामिल कर देंगे.
भाजपा ने किया ट्वीट: इस मामले को सियासी रंग दिया जाने लगा. पब्लिक डोमेन में खबर के छाते ही भाजपा ने प्रदेश सरकार को निशाने पर (BJP Tweets On Jodhpur Discom Issue) लिया है. ट्वीट किया है- भीषण गर्मी में बिजली संकट से जूझ रहे राजस्थान में कटौती करने को तैयार कांग्रेस सरकार ने रमजान में "मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों" में बिजली कटौती न करने का आदेश जारी कर दिखा दिया है कि तुष्टिकरण क्या होता है. गहलोत जी, नवरात्रि भी तो चल रहे है! ऐसा आदेश हिन्दुओं के लिए क्यों नहीं?
गुलाबचंद कटारिया ने भी घेरा: नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने भी इस फरमान को एक पक्षीय करार (Gulabchand Kataria On Jodhpur Discom No Power Cut Issue) दिया है और सरकार पर तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप लगाया है. कहा है- मैं इस आदेश का स्वागत करता हूं लेकिन अपील है कि तुष्टीकरण के आधार पर ही ये आदेश न निकालें. रमजान माह के साथ ही यदि नव संवत्सर और नवरात्र को लेकर भी निकाला जाता है ऐसा आदेश तो रहता ठीक.