जोधपुर. केंद्र सरकार ने पूरे देश में सोने-चांदी के आभूषण की शुद्धता बनाए रखने के लिए हॉल मार्किंग अनिवार्य कर दी है और यह नियम लागू भी कर दिया है. हालांकि, फिलहाल यह नियम उन्हीं जगहों में लागू है जहां हॉलमार्क सेंटर और लैब चल रही है. धीरे-धीरे सरकार इनकी संख्या बढ़ाएगी और हॉल मार्क का दायरा भी बढ़ता जाएगा. इसके अलावा केंद्र सरकार ने ज्वेलर्स को भी राहत दी है.
मौजूदा आभूषण जिनके पास रखे हैं उन्हें इनके हॉलमार्क के लिये सितंबर तक का समय दिया गया है. हॉलमार्क लागू होने के बाद जोधपुर के ज्वेलर्स उसको लेकर खुश है. उनका कहना है कि इससे शुद्धता बनी रहेगी और लोगों का खरीद के प्रति उत्साह भी बनेगा. हॉल मार्क लगाने की व्यवस्था का जेलर स्वागत भी करते हैं लेकिन साथ में उनका यह भी कहना है कि सरकार इस आदेश की आड़ में गोल्ड एक्ट जैसे नियम लागू करने जा रही है जो गलत है.
राजस्थान बुलियन ज्वेलर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष नवीन सोनी का कहना है कि हम हॉलमार्क की अनिवार्यता के पक्ष में हैं, लेकिन सरकार ने यूआईडी कोड के तहत जिस तरह के नियम बनाए हैं वह बहुत ही गलत है. 2 ग्राम से ऊपर का सोना खरीदने वाले की जानकारी भी सरकार को देनी होगी जो बताता है कि सरकार सोने की खरीद की जानकारी चाहती है. ज्वेलर्स की मांग है कि नियमों को थोड़ा सरल किया जाना चाहिए, जिससे ग्राहक को शुद्ध आभूषण मिल सके.
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उल्लेखनीय है कि भारत में वर्तमान में 940 हॉलमार्क सेंटर हैं, जिनकी संख्या बढ़ाने की सख्त आवश्यकता है. जोधपुर में 3 हॉलमार्क सेंटर हैं जबकि वर्तमान में 1000 से ज्यादा ज्वेलर्स को अभी वॉलमार्ट लाइसेंस लेना बाकी है.