जोधपुर. पूर्व उपराष्ट्रपति भैरोसिंह शेखवात के नाम पर बनने वाले शहर के पहले 'एच' आकार के रेल ओवरब्रिज के बंद पड़े निर्माण को गति मिलने की राह की अड़चनें दूर हो गई है. करीब दो साल से अटके इस ओवरब्रिज के निर्माण को रक्षा मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है. इस निर्माण के लिए रक्षा मंत्रालय ने अपनी 18 हजार 500 वर्ग मीटर जमीन जोधपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) को किराए पर देगा, जिसका लाइसेंस जारी होगा.
इसके बदले प्रति वर्ग मीटर के लिए जेडीए को रक्षा मंत्रालय को सालाना 1 रुपए का राशि चुकानी होगी. आमजन की सहूलियत के लिए रक्षा मंत्रालय ने पहली बार जोधपुर में अपनी भूमि देने का निर्णय लिया है.
रक्षा संपदा अधिकारी अभिनव सिंह का कहना है कि आमजन की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए रक्षा मंत्रालय ने यह निर्णय लिया है. यह ओवरब्रिज फाटक संख्या सी-168 पर बन रहा है, जिसके एक तरफ बीजेएस सहित कई बड़ी आवासीय कॉलोनी है. लेकिन, यह फाटक जोधपुर से बीकानेर-जयपुर-दिल्ली लाइन पर होने और रेल आवागमन के कारण दिन में करीब 15 बार से अधिक कतारें लगती हैं, जिससे आने वाले दिनों में लोगों को निजात मिलेगी.
भविष्य में हमेशा के लिए जेडीए को मिल सकती है जमीन
रक्षा मंत्रालय ने फिलहाल 18 हजार 500 वर्ग मीटर भूमि किराए पर देने का निर्णय लिया है, लेकिन निकट भविष्य में यह पूरी भूमि जेडीए को मिल सकती है. इसके बाद किराया नहीं देना होगा. इसके लिए इस जमीन की कीमत के बराबर का आधारभूत ढांचा जेडीए को रक्षा विभाग के लिए निर्माण करना होगा, जिसको लेकर आने वाले दिनों में कार्रवाई की जाएगी.
इसलिए थी सेना को आपत्ति
जेडीए ने करीब ढाई साल पहले जुलाई 2018 में एच शेप के इस आरओबी का निर्माण शुरू करवाया, लेकिन कल्याण सिंह कालवी प्याऊ से लेकर सारण नगर तक रक्षा मंत्रालय की जमीन है. आरओबी का एक भाग इस जमीन पर निर्माण होना था. ऐसे में आधे ब्रीज के पिलर खड़े होने के बाद जब रक्षा विभाग की जमीन पर काम शुरू हुआ तो आपत्ति हुई और काम रुक गया.
गत वर्ष जनवरी में जिला प्रशासन और जेडीए ने यह भूमि देने के लिए रक्षा विभाग में आवेदन किया. हाल ही में लाइसेंस पर जमीन देने की अधिसूचना जारी हुई है.
800 मीटर लंबा है ब्रिज
आरटीओ फाटक पर बन रहा ब्रिज 800 मीटर लंबा होगा, जिस पर 71 करोड़ का खर्चा माना गया था. लेकिन अब इसकी लागत बढ़ने की संभावना है. अभी तक करीब 8 करोड़ खर्च हुए हैं. इसमें रेलवे भी खर्च उठाएगा. निर्माण शुरू होने पर इस साल के अंत तक इसके बनकर तैयार होने की उम्मीद है.