जोधपुर. पूर्व विदेश मंत्री एवं मारवाड़ के कदृदावर नेता जसवंत सिंह जसोल का रविवार की सुबह दिल्ली में लंबी बिमारी के बाद निधन हो गया. वे अगस्त 2014 से ब्रेन हैमरेज के चलते कोमा में चले गए थे. उनके निधन से मारवाड़ में उनके समर्थकों में शोक की लहर दौड गई. वहीं, अंतिम संस्कार के लिए जसोल का शव उनके जोधपुर स्थित फॉर्म हाउस पर पहुंच गया है. उन्हें श्रद्धांजलि देने प्रदेश सरकार के मंत्री सालेह मोहम्मद, विधयक महेंद्र विश्नोई, मदन प्रजापत के साथ बीजेपी के कई नेता वहां पहुंचे है.
पढ़ें- पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह का अंतिम संस्कार जोधपुर स्थित उनके फार्म हाउस पर होगा
जसवंत सिंह साल 1980 से लेकर 2014 तक दोनों संसद में से किसी एक के लगातार सांसद रहे. अपनी पुस्तकों के कारण वे कई बार विवादों में भी घिरे. लेकिन हर बार वे मजबूती के साथ इनसे उभरकर सामने आए. बता दें उनका अंतिम संस्कार दोपहर बाद एयरपोर्ट रोड स्थित उनके फार्म हाउस पर किया जाएगा. जसवंत सिंह के निधन के साथ ही मारवाड़ ने अपना एक कद्दावर नेता ही नहीं, बल्कि एक मजबूत पैरोकार भी खो दिया.
वाजपेयी के सलाहकार भी रहे
जसवंत सिंह हमेशा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के विश्वस्त रहे. उन्हें वाजपेयी का मुख्य सलाहकार माना जाता था. वे केन्द्र में रक्षा, वित्त और विदेश मंत्री रहे. साल 1998 में देश के परमाणु परीक्षण के बाद वैश्विक स्तर पर अलग-थलग पड़े भारत की स्थिति को संभालने की जिम्मेदारी वाजपेयी ने जसवंत को सौंपी और उन्होंने देश को निराश नहीं किया. साल 2004 से 2009 तक वे राज्यसभा में विपक्ष के नेता भी रहे.