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Jaipal Poonia murder case: निष्पक्ष अनुसंधान को लेकर याचिका...हाईकोर्ट ने बिना अनुमति चालान पेश करने पर लगाई रोक

जयपाल पूनिया मर्डर केस (Jaipal Poonia murder case) में मृतक की पत्नि सीबीआई जांच की याचिका हाईकोर्ट की जोधपुर पीठ में पेश की. कोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए बिना अनुमति के चालान पेश करने पर रोक लगा दी है.

Jaipal Poonia murder case
हाईकोर्ट ने बिना अनुमति चालान पेश करने पर लगाई रोक
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Published : Jun 3, 2022, 11:02 PM IST

जोधपुर. नागौर के चर्चित जयपाल पूनिया हत्या मामले (Jaipal Poonia murder case) के अब सीबीआई अनुसंधान की गुहार के साथ मृतक की पत्नि सरिता चौधरी ने राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर मुख्यपीठ में विविध आपराधिक याचिका पेश की. इस पर कोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए बिना अनुमति के चालान पेश करने पर रोक लगा दी है. वेकेशन जज डॉ. पुष्पेन्द्र सिंह भाटी की अदालत में याचिकाकर्ता सरिता चौधरी की ओर से अधिवक्ता रामावतार सिंह चोधरी ने याचिका पेश कर पैरवी की.

याचिका में बताया गया कि सरिता चौधरी के पति की हत्या व्यावसायिक रंजिश रखते हुए की गई है. याचिका में वर्तमान में उप मुख्य सचेतक महेन्द्र चौधरी व उनके भाई मोती सिंह के खिलाफ आरोप लगाये गए हैं. इसके साथ ही कहा कि राजनीतिक पहुंच की वजह से नागौर के नावां थाने में दर्ज मुकदमे में जांच प्रभावित हो सकती है. याचिका में यह भी कहा कि हत्या के सात दिन बाद आन्दोलन और विरोध को देखते हुए सरकार ने केवल एसआईटी गठित करने का आश्वासन दिया लेकिन आज तक उसका भी गठन नही किया गया.

पढ़ें. Jaipal Poonia Murder Case : महेंद्र चौधरी ने तोड़ी चुप्पी, कहा- एक भी आरोप साबित हुआ तो छोड़ दूंगा राजनीति

ऐसे में राजनीति से प्रभावित मामला होने की वजह से निष्पक्ष जांच के लिए मामले को सीबीआई को भेजा जाए ताकि कोई गड़बड़ी न हों. हाईकोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए कहा कि बिना कोर्ट की अनुमति के चालान पेश नहीं किया जाए.

जोधपुर. नागौर के चर्चित जयपाल पूनिया हत्या मामले (Jaipal Poonia murder case) के अब सीबीआई अनुसंधान की गुहार के साथ मृतक की पत्नि सरिता चौधरी ने राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर मुख्यपीठ में विविध आपराधिक याचिका पेश की. इस पर कोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए बिना अनुमति के चालान पेश करने पर रोक लगा दी है. वेकेशन जज डॉ. पुष्पेन्द्र सिंह भाटी की अदालत में याचिकाकर्ता सरिता चौधरी की ओर से अधिवक्ता रामावतार सिंह चोधरी ने याचिका पेश कर पैरवी की.

याचिका में बताया गया कि सरिता चौधरी के पति की हत्या व्यावसायिक रंजिश रखते हुए की गई है. याचिका में वर्तमान में उप मुख्य सचेतक महेन्द्र चौधरी व उनके भाई मोती सिंह के खिलाफ आरोप लगाये गए हैं. इसके साथ ही कहा कि राजनीतिक पहुंच की वजह से नागौर के नावां थाने में दर्ज मुकदमे में जांच प्रभावित हो सकती है. याचिका में यह भी कहा कि हत्या के सात दिन बाद आन्दोलन और विरोध को देखते हुए सरकार ने केवल एसआईटी गठित करने का आश्वासन दिया लेकिन आज तक उसका भी गठन नही किया गया.

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ऐसे में राजनीति से प्रभावित मामला होने की वजह से निष्पक्ष जांच के लिए मामले को सीबीआई को भेजा जाए ताकि कोई गड़बड़ी न हों. हाईकोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए कहा कि बिना कोर्ट की अनुमति के चालान पेश नहीं किया जाए.

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