जोधपुर. देश के कई हिस्सों में टिड्डियों का आतंक जारी है. एक तरफ तो कोरोना का कहर, वहीं दूसरी तरफ टिड्डियों के हमले से प्रशासन और सरकार चिंतित है. टिड्डी दलों पर काबू पाने के लिए प्रशासन की तरफ से लगातार कोशिशें की जा रही हैं, लेकिन अब राज्य सरकार की मदद करने के लिए केंद्र सरकार भी सामने आई है. अब टिड्डियों से निपटने के लिए केंद्र सरकार भारतीय वायुसेना की मदद लेगी.
भारतीय वायु सेना से कृषि मंत्रालय ने एक करार किया है. इसके तहत वायुसेना के 4 हेलीकॉप्टरों की मदद से टिड्डियों पर केमिकल का छिड़काव किया जाएगा. चंडीगढ़ में भारतीय वायुसेना ने अपने तीन एमआई-17 हेलीकॉप्टरों को मॉडिफाई किया है, जिनका ट्रॉयल का एक दौर पूरा हो चुका है. दूसरा दौर जोधपुर में शुरू हुआ है. यह हेलीकॉप्टर महज 40 मिनट में 750 हेक्टेयर क्षेत्र में 800 लीटर कीटनाशक का स्प्रे करेगा.
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एक हेलीकॉप्टर जोधपुर एअरबेस पर तैनात होगा. जो टिड्डी के प्रवेश के साथ ही उडान भर कर उन्हें नष्ट करेगा. यह हेलीकॉप्टर टि्ड्डी नियंत्रण विभाग के साथ मिलकर उनके बताए गए इलाकों में टिड्डियों का खात्मा करेगा. इसके लिए कीटनाशक टिड्डी नियंत्रण विभाग उपलब्ध कराएगा.
'एमआई-17 हेलीकॉप्टर की खासियत'
बता दें कि रूस में बने एमआई-17 हेलीकॉप्टर बहुत शक्तिशाली है. यह हेलीकॉप्टर अधिकतम 260 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से उड़ान भर सकता है. यह 4 हजार किलोग्राम तक भार ले जाने में सक्षम है. इसकी एक यूनिट फलोदी और एक जोधपुर एअरबेस पर तैनात है.
'एफएओ ने दी है ये चेतावनी'
गौरतबल है कि संयुक्त राष्ट्र संघ के संगठन एफएओ (फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन) ने चेतावनी जारी की है कि राजस्थान में टिडि्डयों का खतरा फिलहाल टला नहीं है. सीमा के निकट भारत और पाकिस्तान में टिड्डियों ने बड़ी संख्या में अंडे देना शुरू किए हैं.
वर्तमान में पश्चिमी राजस्थान में भी टि्ड्डियों के कुछ समूह सक्रिय हैं. निजी कंपनियों के हेलीकॉप्टर से ज्यादा क्षमता है. एयरफोर्स के हेलिकॉप्टर कीएयरफोर्स ने अपने एमआई-17 हेलीकॉप्टरों को मॉडिफाई करने के लिए ब्रिटेन की एक कंपनी के साथ करार हुआ था, लेकिन कोरोना के चलते काम नहीं हुआ इसके बाद एयरफोर्स के इंजीनियरों ने खुद ही चंडीगढ़ में तीन हेलीकॉप्टरों में इनमें पंप समेत कीटनाशक स्प्रे का टैंक को तैयार किया है.
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'सर्व सुविधाओं से लैस होगा हेलीकॉप्टर'
हेलीकॉप्टर के अंदर ही 800 लीटर का एक टैंक रखा गया है. दो नोजल पायलट सीट के नीचे बाहर दोनों तरफ लगाए गए हैं, जबकि निजी हेलीकॉप्टर एक बार में महज 250 लीटर कीटनाशक का स्प्रे सिर्फ 50 हेक्टेयर क्षेत्र में ही कर सकता है. इसमें पायलट के नीचे दोनों तरफ स्प्रे करने की सुविधा है. एक हेलीकॉप्टर की उड़ान पर करीब सवा करोड़ रुपए खर्च आने की संभावना है.