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संवेदनहीन सरकार!...मजदूरों को मजबूरन तीन हजार रुपए किराया देकर जाना पड़ रहा घर - government claims failed

मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लाख दावों के बावजूद सैकड़ों की संख्या में जोधपुर से रोजाना मजदूर अपने जतन से ही घर पहुंच रहे हैं. रविवार देर रात एक बस उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले के लिए रवाना हुई और इन लोगों से पैसे भी लिए गए.

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किराया देकर घर जाने को मजबूर लोग
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Published : May 18, 2020, 12:07 PM IST

जोधपुर. मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लिए सरकार के दावे लगातार फेल साबित होते नजर आ रहे हैं. सैकड़ों की संख्या में जोधपुर से प्रतिदिन मजदूर अपने जतन से ही घर पहुंच रहे हैं. वहीं रविवार देर रात शहर की राजीव गांधी बस्ती से एक बस उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले के लिए रवाना हुई. शहर में पीओपी का काम करने वाले मजदूर थे, जिन्होंने तीन हजार रुपए किराया चुकाकर बस को किराए पर लिया और अपने घर के लिए रवाना हुए.

किराया देकर घर जाने को मजबूर लोग

इनमें कई परिवार भी शामिल थे, ज्यादातर मजदूरों का कहना था कि हमने अपने घर से ही फोन पर या पेटीएम के माध्यम से पैसा मंगवाया. कुछ मजदूर ऐसे भी थे, जिनका किराया उनके मालिकों ने दिया. परेशानी वाली बात यह है कि इन मजदूरों ने अप्रैल के अंतिम सप्ताह में ही ट्रेन के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया था. लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिला. ऐसे में थक हार कर करीब 1 लाख 20 हजार रुपए किराया चुकाकर यह बस किराए पर ली.

यह भी पढ़ेंः हाय रे किस्मतः घर जाने के लिए मजदूरों ने पैसे दिए...लेकिन बस स्टार्ट होने से पहले ही रद्द कर दी परमिशन

बस संचालक ने भी आने-जाने दोनों तरफ का किराया इन मजदूरों से वसूला है. मजदूरों ने बताया कि ट्रेन से जाने के चलते कई दिनों से अटके हुए थे, इस दौरान जो पैसा बचा था. वह भी खत्म हो गया. लेकिन ट्रेन रवानगी को लेकर कोई सूचना नहीं मिली. वापस काम के लिए आने के सवाल पर इनका इतना ही कहना था कि एक बार घर पहुंच जाएं इसके बाद देखेंगे क्या हालात बनते हैं.

गौरतलब है कि जोधपुर से हजारों की संख्या में उत्तर प्रदेश और बिहार के मजदूर पलायन कर रहे हैं. अभी तक जोधपुर से सिर्फ चार स्पेशल ट्रेन ही उत्तर प्रदेश के लिए रवाना हो पाई है. ऐसे में बड़ी संख्या में मजदूर पैदल या फिर बस एक राय कर रवाना हो रहे हैं. ऐसे में खास बात यह भी है इन बसों को अनुमति जिला प्रशासन दे रहा है, जिसके मार्फत मजदूर ट्रेन यात्रा के लिये रजिस्ट्रेशन करवा रहे हैं.

जोधपुर. मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लिए सरकार के दावे लगातार फेल साबित होते नजर आ रहे हैं. सैकड़ों की संख्या में जोधपुर से प्रतिदिन मजदूर अपने जतन से ही घर पहुंच रहे हैं. वहीं रविवार देर रात शहर की राजीव गांधी बस्ती से एक बस उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले के लिए रवाना हुई. शहर में पीओपी का काम करने वाले मजदूर थे, जिन्होंने तीन हजार रुपए किराया चुकाकर बस को किराए पर लिया और अपने घर के लिए रवाना हुए.

किराया देकर घर जाने को मजबूर लोग

इनमें कई परिवार भी शामिल थे, ज्यादातर मजदूरों का कहना था कि हमने अपने घर से ही फोन पर या पेटीएम के माध्यम से पैसा मंगवाया. कुछ मजदूर ऐसे भी थे, जिनका किराया उनके मालिकों ने दिया. परेशानी वाली बात यह है कि इन मजदूरों ने अप्रैल के अंतिम सप्ताह में ही ट्रेन के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया था. लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिला. ऐसे में थक हार कर करीब 1 लाख 20 हजार रुपए किराया चुकाकर यह बस किराए पर ली.

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बस संचालक ने भी आने-जाने दोनों तरफ का किराया इन मजदूरों से वसूला है. मजदूरों ने बताया कि ट्रेन से जाने के चलते कई दिनों से अटके हुए थे, इस दौरान जो पैसा बचा था. वह भी खत्म हो गया. लेकिन ट्रेन रवानगी को लेकर कोई सूचना नहीं मिली. वापस काम के लिए आने के सवाल पर इनका इतना ही कहना था कि एक बार घर पहुंच जाएं इसके बाद देखेंगे क्या हालात बनते हैं.

गौरतलब है कि जोधपुर से हजारों की संख्या में उत्तर प्रदेश और बिहार के मजदूर पलायन कर रहे हैं. अभी तक जोधपुर से सिर्फ चार स्पेशल ट्रेन ही उत्तर प्रदेश के लिए रवाना हो पाई है. ऐसे में बड़ी संख्या में मजदूर पैदल या फिर बस एक राय कर रवाना हो रहे हैं. ऐसे में खास बात यह भी है इन बसों को अनुमति जिला प्रशासन दे रहा है, जिसके मार्फत मजदूर ट्रेन यात्रा के लिये रजिस्ट्रेशन करवा रहे हैं.

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