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जोधपुर में भी दिखा श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ देशव्यापी हड़ताल का असर

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Published : Jan 8, 2020, 7:11 PM IST

जोधपुर में भी केंद्रीय श्रमिक संगठनों कि ओर से भारत बंद के आह्वान का असर देखने को मिला. श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ कई कर्मचारी और श्रमिक संगठनों ने बुधवार को देशव्यापी हड़ताल किया. साथ ही रैली निकालकर प्रदर्शन भी किया.

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श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ देशव्यापी हड़ताल

जोधपुर. जिलें में केंद्रीय श्रमिक संगठनों कि ओर से भारत बंद के आह्वान का बुधवार को असर देखने को मिला. मोदी सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ कई कर्मचारी और श्रमिक संगठनों ने बुधवार को देशव्यापी हड़ताल किया. इस हड़ताल की वजह से जोधपुर के बैंकों और जीवन बीमा निगम कार्यालयों में भी कामकाज ठप रहा. वहीं श्रमिक संगठनों से जुड़े लोगों ने रैली निकालकर प्रदर्शन भी किया.

श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ देशव्यापी हड़ताल

उत्तर पश्चिम रेलवे एंप्लोई यूनियन के मंडल सचिव मनोज परिहार ने बताया कि मजदूरों के विरुद्ध लिए निर्णय के विरोध में 50 सूत्री मांग पत्र को लेकर रैली निकाली गई. रैली में सभी श्रमिक संगठन सम्मिलित हुए है. श्रमिक संगठनों के नेताओं ने बताया कि श्रम कानून में सुधार होना चाहिए साथ ही उन्होंने निजीकरण का विरोध भी जताया. वहीं आयकर विभाग के बाहर कर्मचारियों ने धरना देकर अपना रोष व्याप्त किया.

पढ़ेंः जोधपुरः भारतीय जीवन बीमा निगम के कर्मचारियों का केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ हड़ताल

श्रमिक संगठनों का कहना है कि वर्तमान में सरकार की ओर से निगमीकरण और निजीकरण ठेका प्रथा को लागू किया जा रहा है. जिससे कि आने वाले समय में युवाओं के लिए रोजगार के अवसर खत्म हो जाएंगे. साथ ही वर्तमान में महंगाई भी काफी बढ़ गई है जिसको लेकर भी केंद्र सरकार कोई खास कदम नहीं उठा रही. इन सभी मांगों को लेकर सभी श्रमिक संगठनों की ओर से श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ जमकर रोष व्याप्त किया गया. साथ ही चेतावनी भी दी कि आने वाले समय में अगर सरकार नहीं मानी तो सभी श्रमिक संगठन सड़कों पर उतर कर उग्र आंदोलन करेंगे


जोधपुर. जिलें में केंद्रीय श्रमिक संगठनों कि ओर से भारत बंद के आह्वान का बुधवार को असर देखने को मिला. मोदी सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ कई कर्मचारी और श्रमिक संगठनों ने बुधवार को देशव्यापी हड़ताल किया. इस हड़ताल की वजह से जोधपुर के बैंकों और जीवन बीमा निगम कार्यालयों में भी कामकाज ठप रहा. वहीं श्रमिक संगठनों से जुड़े लोगों ने रैली निकालकर प्रदर्शन भी किया.

श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ देशव्यापी हड़ताल

उत्तर पश्चिम रेलवे एंप्लोई यूनियन के मंडल सचिव मनोज परिहार ने बताया कि मजदूरों के विरुद्ध लिए निर्णय के विरोध में 50 सूत्री मांग पत्र को लेकर रैली निकाली गई. रैली में सभी श्रमिक संगठन सम्मिलित हुए है. श्रमिक संगठनों के नेताओं ने बताया कि श्रम कानून में सुधार होना चाहिए साथ ही उन्होंने निजीकरण का विरोध भी जताया. वहीं आयकर विभाग के बाहर कर्मचारियों ने धरना देकर अपना रोष व्याप्त किया.

पढ़ेंः जोधपुरः भारतीय जीवन बीमा निगम के कर्मचारियों का केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ हड़ताल

श्रमिक संगठनों का कहना है कि वर्तमान में सरकार की ओर से निगमीकरण और निजीकरण ठेका प्रथा को लागू किया जा रहा है. जिससे कि आने वाले समय में युवाओं के लिए रोजगार के अवसर खत्म हो जाएंगे. साथ ही वर्तमान में महंगाई भी काफी बढ़ गई है जिसको लेकर भी केंद्र सरकार कोई खास कदम नहीं उठा रही. इन सभी मांगों को लेकर सभी श्रमिक संगठनों की ओर से श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ जमकर रोष व्याप्त किया गया. साथ ही चेतावनी भी दी कि आने वाले समय में अगर सरकार नहीं मानी तो सभी श्रमिक संगठन सड़कों पर उतर कर उग्र आंदोलन करेंगे


Intro:जोधपुर
मोदी सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ विभिन्न कर्मचारी और श्रमिक संगठनों ने संयुक्त अहान पर बुधवार को देशव्यापी हड़ताल की इस हड़ताल की वजह से जोधपुर के बैंकों और जीवन बीमा निगम कार्यालय में भी कामकाज ठप रहा। वहीं श्रमिक संगठनों से जुड़े लोगों ने रैली निकालकर प्रदर्शन किया। केंद्रीय श्रमिक संगठनों के भारत बंद का बुधवार को असर देखने को मिला बैंकों का कामकाज आज पूरी तरह से ठप रहा वही जीवन बीमा निगम आयकर विभाग सहित विभिन्न केंद्र सरकार के कार्यों का कार्यालयों का कामकाज प्रभावित रहा।


Body:उत्तर पश्चिम रेलवे एंप्लोई यूनियन के मंडल सचिव मनोज परिहार ने बताया कि मजदूरों के विरुद्ध निर्णय के विरोध में 50 सूत्री मांग पत्र को लेकर रैली निकाली गई रैली में सभी श्रमिक संगठन सम्मिलित हुए। श्रमिक संगठनों के नेताओं ने बताया कि श्रम कानून में सुधार होना चाहिए साथ ही उन्होंने निजी करण का विरोध भी जताया है वहीं आयकर विभाग के बाहर कर्मचारियों ने अभी धरना देकर अपना रोष व्याप्त किया। श्रमिक संगठनों का कहना है कि वर्तमान में सरकार द्वारा निगमी करण निजी करण ठेका प्रथा को लागू किया जा रहा है जिससे कि आने वाले समय में युवाओं के लिए रोजगार के अवसर खत्म हो जाएंगे साथ ही वर्तमान में महंगाई भी काफी बढ़ गई है जिसको लेकर भी केंद्र सरकार कोई खास कदम नहीं उठा रही इन सभी मांगों को लेकर सभी श्रमिक संगठनों द्वारा श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ जमकर रोष व्याप्त किया गया साथ ही चेतावनी भी दी कि आने वाले समय में अगर सरकार नहीं मानी तो सभी श्रमिक संगठनों द्वारा सड़कों पर उतर कर उग्र आंदोलन किए जाएंगे


Conclusion:बाइट मनोज परिहार सचिव उत्तर पश्चिम रेलवे एंप्लोई यूनियन
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