जोधपुर. शहर के मथुरादास माथुर अस्पताल के जनाना विंग में सिर्फ कोविड मरीजों का उपचार शुरू होने से यहां पिछले लंबे समय से प्रसव की सुविधा बंद हो चुकी है. ऐसे में पूरा दबाव उम्मेद अस्पताल पर आ गया है. आलम ये है कि उम्मेद अस्पताल में कोरोना के इस भयानक संक्रमण के बीच भी लोगों की भीड़ का हुजूम नजर आता है. ऐसे हालात हो गए हैं कि मानो यहां की भीड़ ही पूरे अस्पताल को संक्रमित कर देगी. जबकि यहां गर्भवती महिलाएं आती है जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता पहले से कम होती है.
इसके बाद यहां जन्म लेने वाले नवजात जिनकी भी यूनिटी कम होती है वो जल्दी संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं. बावजूद इसके यहां भीड़ रोकने के पुख्ता इंतजाम नहीं है. हालांकि, अस्पताल प्रबंधन यहां लगातार उद्घोषणा करवाता है जिसमें कहा जा रहा है कि भीड़ नहीं करें, मास्क लगाएं, सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करें, लेकिन इसका असर नजर नहीं आता है, क्योंकि परेशानी इस बात की है कि एक मरीज के साथ 10 -10 परिजन यहां आ जाते हैं. जिसके चलते पूरे दिन यहां लोगों की भीड़ जमा रहती है. ऐसे में यहां संक्रमण फैलने का खतरा मंडरा रहा है, क्योंकि जोधपुर शहर के ग्रामीण क्षेत्रों के अलावा संभाग के अन्य जिलों से भी मरीजों को रेफर कर सीधे उम्मेद अस्पताल भेजा जा रहा है.
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अस्पताल आने वाले लोगों का भी कहना है कि यहां सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं हो रही है. सुरक्षाकर्मी भी भीड़ से परेशान हैं. उनका कहना है कि लोग मानते नहीं हैं अस्पताल के अधीक्षक डॉ. रंजना देसाई का कहना है कि एमडीएम अस्पताल में जनाना विंग बंद हो जाने से यहां भीड़ बढ़ गई है. लोगों को समझाया भी जा रहा है, लेकिन वे मान नहीं रहे हैं.