जोधपुर. बजरी माफिया से रिश्वत लेने के मामले में आरोपी उपनिरीक्षक संजय बोथरा को एक बार फिर कोर्ट से झटका लगा है. लंबे समय से गायब चल रहे बोथरा की ओर से हाईकोर्ट में एसीबी की एफआईआर निरस्त करने को लेकर दायर याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी है. इससे पहले भी कोर्ट ने एक याचिका खारिज की थी. एसीबी की ओर वकील ने कोर्ट में पूरे साक्ष्य रखे और बताया की बोथरा इस मामले में शामिल था और वह मास्टर माइंड है. इससे सहमत होते हुए कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी.
वहीं एसीबी ने इस मामले में जांच अधिकारी भोपालसिंह चारण को हटाकर एसीबी अजमेर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सीपी शर्मा को जांच सौंपी दी है. इसकी सूचना भी कोर्ट में दी गई. गौरतलब है कि अप्रैल में एसीबी ने कार्रवाई करते हुए सब इंस्पेक्टर गजेंद्र सिंह को रंगे हाथा गिरफ्तार किया था. वहीं कार्रवाई की भनक लगने पर संजय बोथरा व हेड कांस्टेबल तेजाराम फरार हो गए थे. बोथरा कुछ दिनों बाद कमिश्नर के सामने पेश हुए. लेकिन एसीबी के पास पूछताछ के लिए नहीं गए और उसके बाद से गायब है. जबकि तेजाराम एसीबी की कार्रवाई के बाद से गायब है. हेड कांस्टेबल को निलंबित भी कर दिया गया है.