जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर मुख्यपीठ ने एडिशनल स्नातक डिग्री उत्तीर्ण सभी अभ्यर्थियों को हाल ही तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2021 की जारी की गई विज्ञप्ति में शामिल करने का अहम आदेश (High court decision on Grade third teachers vacancy) जारी किया है.
सूर्यप्रकाश एचरा व अन्य अभ्यर्थियों की ओर से दायर सैकड़ों याचिकाओं की सुनवाई के दौरान जस्टिस अरुण भंसाली की अदालत ने एडिशनल स्नातक डिग्री उत्तीर्ण सभी अभ्यर्थियों को भर्ती में शामिल करने का आदेश पारित किया है. याचिकाकर्ताओं की ओर से पैरवी करते हुए एडवोकेट सुशील बिश्नोई, राकेश अरोड़ा व कैलाश जांगिड़ ने कोर्ट को बताया की इस प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट ने अभ्यर्थियों के पक्ष में स्टे आदेश दिया हुआ है. बावजूद इसके नई विज्ञप्ति में भर्ती की नोडल एजेंसी निदेशालय बीकानेर ने एडिशनल डिग्री उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को भर्ती प्रक्रिया से बाहर कर दिया.
हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता के एडवोकेट की दलीलों से सहमत होते हुए एडिशनल डिग्री उत्तीर्ण प्रदेश के सभी बेरोजगारों को तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2021 में शामिल करने का आदेश दिया है. साथ ही इस बाबत निदेशालय को वर्तमान में जारी ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया में आवश्यक बिंदु शामिल करने के लिए आदेशित किया है. राज्य सरकार की ओर से एएजी पंकज शर्मा ने पक्ष रखा. कोर्ट ने अब चार सप्ताह बाद मामले को सूचीबद्ध करने के निर्देश दिए हैं.
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क्या है मामला: तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्तियों पर करीबी नजर रख रहे वेदपाल धानोठी के मुताबिक एडिशनल डिग्री उत्तीर्ण पात्र अभ्यर्थियों को तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2016 व 2018 में शामिल किया गया था. गत वर्ष राजस्थान हाई कोर्ट, जयपुर की खंडपीठ ने इस डिग्री से उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को अपात्र करार दिया था. लेकिन खंडपीठ के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने स्थगन आदेश देते हुए खंडपीठ के आदेशों को लागू करने पर रोक लगाई हुई है और मामले का अंतिम निस्तारण सुप्रीम कोर्ट द्वारा किया जाना है. ऐसी स्थिति में हाईकोर्ट का यह निर्णय एडिशनल स्नातक उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के लिए संजीवनी के समान है.