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Hitendra Garasiya Case : कोर्ट ने सरकार से कहा-जो भी करना है जल्द करें, 14 फरवरी तक भारत लाएं हितेन्द्र का शव - हितेंद्र गरासिया के शव को रूस से भारत लाने का मामला

उदयपुर के हितेंद्र गरासिया के शव को रूस से भारत लाने के मामले में राजस्थान हाइकोर्ट ने सरकार (Rajasthan High court on Hitendra Garasiya case) से कहा है कि जो भी करना है, जल्दी करें. मृतक के शव को किसी भी सूरत में 14 फरवरी तक भारत लाया जाना चाहिए. सरकार की तरफ से अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल राजदीपक रस्तोगी ने कोर्ट को सरकारी प्रयासों की जानकारी दी.

Hitendra Garasiya Case
हितेंद्र गरासिया के शव को रूस से भारत लाने का मामला
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Published : Feb 1, 2022, 9:24 PM IST

जोधपुर. उदयपुर के हितेंद्र गरासिया की बॉडी को रूस से भारत लाने के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने सरकार से कहा है कि मृतक का शव किसी भी सूरत में 14 फरवरी तक भारत लाया जाना (High court deadline in Hitendra Garasiya Case) चाहिए. कोर्ट को अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल ने रूस सरकार के साथ हो रही बाचतीत का ब्यौरा दिया है.

न्यायाधीश दिनेश मेहता ने केन्द्र सरकार की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल राजदीपक रस्तोगी को निर्देश दिए हैं कि जो भी करना है, जल्द करें. लेकिन परिजनों तक पार्थिव देह पहुंचाने की व्यवस्था करें. एएसजी रस्तोगी ने केन्द्र सरकार की ओर से रूस सरकार के साथ हो रही बातचीत व ईमेल के जरिए किए गए प्रयासों से कोर्ट को अवगत करवाया है. कोर्ट ने कहा कि 14 फरवरी तक किसी भी सूरत में पार्थिव देह भारत आनी चाहिए.

पढ़ें: Hitendra Garasiya Case : 6 माह से पिता का शव रूस से भारत नहीं आने से दुखी बेटी ने भरी हुंकार, 'लड़की हूं लड़ सकती हूं... नारे के साथ जताया विरोध

गौरतलब है कि हितेंद्र की पार्थिव देह के अंतिम संस्कार के लिए परिजन विलाप कर रहे हैं, लेकिन छह माह बाद भी कोई नतीजा नहीं निकला है. राजस्थान हाईकोर्ट के लगातार निर्देशों के बाद भी केन्द्र सरकार केवल आश्वासन दे रही है कि उनके प्रयास सार्थक दिशा में हैं, लेकिन उसका परिणाम कब तक आयेगा, यह कोई नहीं कह सकता है. हितेन्द्र की पार्थिव देह के लिए उसकी पत्नि आशा और बच्चे प्रशासनिक अधिकारी, राजनेता और हाईकोर्ट तक चक्कर काट रहे हैं.

जोधपुर. उदयपुर के हितेंद्र गरासिया की बॉडी को रूस से भारत लाने के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने सरकार से कहा है कि मृतक का शव किसी भी सूरत में 14 फरवरी तक भारत लाया जाना (High court deadline in Hitendra Garasiya Case) चाहिए. कोर्ट को अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल ने रूस सरकार के साथ हो रही बाचतीत का ब्यौरा दिया है.

न्यायाधीश दिनेश मेहता ने केन्द्र सरकार की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल राजदीपक रस्तोगी को निर्देश दिए हैं कि जो भी करना है, जल्द करें. लेकिन परिजनों तक पार्थिव देह पहुंचाने की व्यवस्था करें. एएसजी रस्तोगी ने केन्द्र सरकार की ओर से रूस सरकार के साथ हो रही बातचीत व ईमेल के जरिए किए गए प्रयासों से कोर्ट को अवगत करवाया है. कोर्ट ने कहा कि 14 फरवरी तक किसी भी सूरत में पार्थिव देह भारत आनी चाहिए.

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गौरतलब है कि हितेंद्र की पार्थिव देह के अंतिम संस्कार के लिए परिजन विलाप कर रहे हैं, लेकिन छह माह बाद भी कोई नतीजा नहीं निकला है. राजस्थान हाईकोर्ट के लगातार निर्देशों के बाद भी केन्द्र सरकार केवल आश्वासन दे रही है कि उनके प्रयास सार्थक दिशा में हैं, लेकिन उसका परिणाम कब तक आयेगा, यह कोई नहीं कह सकता है. हितेन्द्र की पार्थिव देह के लिए उसकी पत्नि आशा और बच्चे प्रशासनिक अधिकारी, राजनेता और हाईकोर्ट तक चक्कर काट रहे हैं.

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