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पति द्वारा पत्नी की हत्या की गवाह बच्ची को दादा की कस्टडी में सौंपने का मामला पहुंचा हाईकोर्ट, सुनवाई 8 दिसंबर को

राजस्थान हाईकोर्ट ने एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर मां की हत्या के बाद अपने दादा-दादी के साथ रह रही पांच साल की बच्ची को 8 दिसंबर को कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया है. बच्ची की मां की हरियाणा में दहेज के चलते हत्या कर दी गई थी. इसके बाद से यह बच्ची अपने दादा के साथ रह रही है. अब बच्ची के नाना ने उसे अपने पास रखने के लिए याचिका दायर की है.

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बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर हुई सुनवाई
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Published : Dec 3, 2020, 12:50 PM IST

जोधपुर. बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश संदीप मेहता और न्यायाधीश मनोज कुमार गर्ग की खंडपीठ ने बच्ची लवणिया के नाना मोहन सिंह की याचिका पर सुनवाई की. उनकी तरफ से खंडपीठ को बताया गया कि उनकी पुत्री सुनीता कंवर की शादी हरियाणा के भिवाड़ी निवासी परविन्दर सिंह के साथ की गई थी.

बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर हुई सुनवाई

बता दें कि साल 2020 की शुरूआत में सुनीता कंवर की हत्या कर दी गई थी. हत्या के समय लवणिया अपनी मां के साथ में थी. ऐसे में लवणिया के नाना मोहन सिंह की ओर से कहा गया कि बच्ची का बयान 164 में दर्ज किए गए. इसमें बच्ची ने कहा कि मेरे पापा ने दादा-दादी के साथ मिलकर मम्मी को मार दिया. इसके बावजूद भिवाड़ी के अनुसंधान अधिकारी और बाल कल्याण समिति ने 19 मार्च, 2020 को बच्ची की कस्टडी उसके पिता व दादा-दादी को सुपर्द करवा दी. मुख्य गवाह होने के कारण अपने दादा-दादी के साथ रह रही बच्ची की जान को खतरा है. यह बच्ची पहले से ही जोधपुर के एक स्कूल में पढ़ाई कर रही थी.

यह भी पढ़ें: साक्षात्कार में अपात्रों को बुलाने पर राजस्थान हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

ऐसे में इस बच्ची को वापस उसकी मौसी सुमित्रा कंवर को सौंपी जाए. सभी पक्षों को सुनने के पश्चात खंडपीठ ने जोधपुर के पश्चिमी क्षेत्र के पुलिस उपायुक्त को 8 दिसंबर को इस बच्ची को कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया. गौरतलब है कि मोहन सिंह ने गत दिनों ही अपनी मृत पुत्री का सोशल मीडिया एकाउंट उसके पति द्वारा दुरुपयोग करने का मामला जोधपुर में दर्ज करवाया था, जिसके चलते उसकी गिरफ्तारी भी हुई.

जोधपुर. बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश संदीप मेहता और न्यायाधीश मनोज कुमार गर्ग की खंडपीठ ने बच्ची लवणिया के नाना मोहन सिंह की याचिका पर सुनवाई की. उनकी तरफ से खंडपीठ को बताया गया कि उनकी पुत्री सुनीता कंवर की शादी हरियाणा के भिवाड़ी निवासी परविन्दर सिंह के साथ की गई थी.

बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर हुई सुनवाई

बता दें कि साल 2020 की शुरूआत में सुनीता कंवर की हत्या कर दी गई थी. हत्या के समय लवणिया अपनी मां के साथ में थी. ऐसे में लवणिया के नाना मोहन सिंह की ओर से कहा गया कि बच्ची का बयान 164 में दर्ज किए गए. इसमें बच्ची ने कहा कि मेरे पापा ने दादा-दादी के साथ मिलकर मम्मी को मार दिया. इसके बावजूद भिवाड़ी के अनुसंधान अधिकारी और बाल कल्याण समिति ने 19 मार्च, 2020 को बच्ची की कस्टडी उसके पिता व दादा-दादी को सुपर्द करवा दी. मुख्य गवाह होने के कारण अपने दादा-दादी के साथ रह रही बच्ची की जान को खतरा है. यह बच्ची पहले से ही जोधपुर के एक स्कूल में पढ़ाई कर रही थी.

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ऐसे में इस बच्ची को वापस उसकी मौसी सुमित्रा कंवर को सौंपी जाए. सभी पक्षों को सुनने के पश्चात खंडपीठ ने जोधपुर के पश्चिमी क्षेत्र के पुलिस उपायुक्त को 8 दिसंबर को इस बच्ची को कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया. गौरतलब है कि मोहन सिंह ने गत दिनों ही अपनी मृत पुत्री का सोशल मीडिया एकाउंट उसके पति द्वारा दुरुपयोग करने का मामला जोधपुर में दर्ज करवाया था, जिसके चलते उसकी गिरफ्तारी भी हुई.

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