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संस्कृत शिक्षकों के रिक्त पदों को लेकर सुनवाई, निदेशक संस्कृत शिक्षा विभाग रहे मौजूद

राजस्थान उच्च न्यायालय में पश्चिम राजस्थान संस्कृत विद्यालयों में शिक्षको के रिक्त पदों को लेकर दायर जनहित याचिका और अन्य याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए जल्द से जल्द संस्कृत शिक्षकों के पद भरने के निर्देश जारी किये हैं. मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत मोहंती और न्यायाधीश विनीत कुमार माथुर की खंडपीठ के समक्ष कानाराम और मूलाराम सहित पांच जनहित याचिकाएं और सत्तर के करीब याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान संस्कृत शिक्षा विभाग के निदेशक व्यक्तिगत रूप से पेश हुए.

राजस्थान हाई कोर्ट, Rajasthan High Court
राजस्थान हाई कोर्ट
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Published : Apr 12, 2021, 10:09 PM IST

जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय में पश्चिम राजस्थान संस्कृत विद्यालयों में शिक्षको के रिक्त पदों को लेकर दायर जनहित याचिका और अन्य याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए जल्द से जल्द संस्कृत शिक्षकों के पद भरने के निर्देश जारी किये हैं. मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत मोहंती और न्यायाधीश विनीत कुमार माथुर की खंडपीठ के समक्ष कानाराम और मूलाराम सहित पांच जनहित याचिकाएं और सत्तर के करीब याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान संस्कृत शिक्षा विभाग के निदेशक व्यक्तिगत रूप से पेश हुए.

यह भी पढ़ेंः राजस्थान में कोरोना को लेकर सख्ती की तैयारी, फिर बढ़ेगा नाइट कर्फ्यू का समय

वहीं, महाधिवक्ता एमएस सिंघवी ने राज्य सरकार का पक्ष रखा. खंडपीठ ने पूर्व में कहा था कि यह हैरानी वाली बात है कि संस्कृत शिक्षा विभाग में 800 सरप्लस शिक्षक हैं, जबकि पश्चिम राजस्थान में संस्कृत शिक्षकों के पद रिक्त पड़े हैं. पूर्व में अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल गौड़ ने न्यायालय के समक्ष बताया कि विभाग ने न्यायालय के आदेश के बाद संस्कृत शिक्षा सहित अन्य शिक्षकों का प्रतिवेदन लेकर स्थानान्तरण कर दिया गया था, लेकिन कई शिक्षक दोबारा अपने अपने मूल स्थान पर भी वापस गये है और कई अन्य स्थानों पर पदभार ग्रहण कर चुके हैं.

खंडपीठ ने कहा कि संस्कृत शिक्षकों के रिक्त पदों पर नियुक्ति दें, क्योकि इससे संस्कृत शिक्षा पर सीधा प्रतिकूल असर पड़ रहा है. विभाग के पास शिक्षक होने के बावजूद कई स्कूलों में संस्कृत शिक्षक पद रिक्त हैं. अब इस मामले में 10 मई को अगली सुनवाई होगी.

जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय में पश्चिम राजस्थान संस्कृत विद्यालयों में शिक्षको के रिक्त पदों को लेकर दायर जनहित याचिका और अन्य याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए जल्द से जल्द संस्कृत शिक्षकों के पद भरने के निर्देश जारी किये हैं. मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत मोहंती और न्यायाधीश विनीत कुमार माथुर की खंडपीठ के समक्ष कानाराम और मूलाराम सहित पांच जनहित याचिकाएं और सत्तर के करीब याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान संस्कृत शिक्षा विभाग के निदेशक व्यक्तिगत रूप से पेश हुए.

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वहीं, महाधिवक्ता एमएस सिंघवी ने राज्य सरकार का पक्ष रखा. खंडपीठ ने पूर्व में कहा था कि यह हैरानी वाली बात है कि संस्कृत शिक्षा विभाग में 800 सरप्लस शिक्षक हैं, जबकि पश्चिम राजस्थान में संस्कृत शिक्षकों के पद रिक्त पड़े हैं. पूर्व में अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल गौड़ ने न्यायालय के समक्ष बताया कि विभाग ने न्यायालय के आदेश के बाद संस्कृत शिक्षा सहित अन्य शिक्षकों का प्रतिवेदन लेकर स्थानान्तरण कर दिया गया था, लेकिन कई शिक्षक दोबारा अपने अपने मूल स्थान पर भी वापस गये है और कई अन्य स्थानों पर पदभार ग्रहण कर चुके हैं.

खंडपीठ ने कहा कि संस्कृत शिक्षकों के रिक्त पदों पर नियुक्ति दें, क्योकि इससे संस्कृत शिक्षा पर सीधा प्रतिकूल असर पड़ रहा है. विभाग के पास शिक्षक होने के बावजूद कई स्कूलों में संस्कृत शिक्षक पद रिक्त हैं. अब इस मामले में 10 मई को अगली सुनवाई होगी.

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