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हार्दिक पांड्या से जुड़ी याचिका पर अब 8 फरवरी को सुनवाई - Hearing on the petition of Hardik Pandaya on February 8

जोधपुर राजस्थान उच्च न्यायालय में भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाडी हार्दिक पांड्या की ओर से पेश की गई याचिका पर अधिवक्ता द्वारा समय मांगने पर न्यायालय ने आठ फरवरी को अगली सुनवाई करने के आदेश दिये हैं.

Hearing on the petition of Hardik Pandaya on February 8
हार्दिक पांडया
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Published : Jan 29, 2021, 11:22 PM IST

जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय में भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाडी हार्दिक पांड्या की ओर से पेश की गई याचिका पर अधिवक्ता द्वारा समय मांगने पर न्यायालय ने आठ फरवरी को अगली सुनवाई करने के आदेश दिये हैं. न्यायाधीश पुष्पेन्द्रसिंह भाटी की अदालत में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता की ओर से समय चाहा गया जिस पर न्यायालय ने अगली तारीख पर सुनवाई के निर्देश दिये हैं.

इस्तगासे के जरिये हार्दिक पांड्या के खिलाफ एक मुकदमा दर्ज कराया गया था जिसमें आरोप है बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर को लेकर सोशल मीडिया पर अभद्र व आपत्तिजनक टिप्पणी की है. परिवादी ने परिवाद में बताया कि इससे उनकी भावनाए आहत हो रही है. संविधान निर्माता को लेकर ऐसी अभद्र टिप्पणी उचित नही है. उच्च न्यायालय में उसके खिलाफ पेश की गई याचिका पर हार्दिक पांडया को गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी.

पढ़ें: कोरोना महामारी के बाद आम बजट से बढ़ीं हेल्थ सेक्टर की उम्मीदें...मेडिकल सुविधाओं में हो विस्तार

पिछली सुनवाई पर हार्दिक पांडया के अधिवक्ताओं ने कहा था कि जिस ट्वविटर अकांउट से यह टिप्पणी की गई है वह उनका नहीं है, कोई फर्जी अकांउट है जिसपर न्यायालय ने पुलिस अनुसंधान अधिकारी को जांच कर रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए थे.

जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय में भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाडी हार्दिक पांड्या की ओर से पेश की गई याचिका पर अधिवक्ता द्वारा समय मांगने पर न्यायालय ने आठ फरवरी को अगली सुनवाई करने के आदेश दिये हैं. न्यायाधीश पुष्पेन्द्रसिंह भाटी की अदालत में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता की ओर से समय चाहा गया जिस पर न्यायालय ने अगली तारीख पर सुनवाई के निर्देश दिये हैं.

इस्तगासे के जरिये हार्दिक पांड्या के खिलाफ एक मुकदमा दर्ज कराया गया था जिसमें आरोप है बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर को लेकर सोशल मीडिया पर अभद्र व आपत्तिजनक टिप्पणी की है. परिवादी ने परिवाद में बताया कि इससे उनकी भावनाए आहत हो रही है. संविधान निर्माता को लेकर ऐसी अभद्र टिप्पणी उचित नही है. उच्च न्यायालय में उसके खिलाफ पेश की गई याचिका पर हार्दिक पांडया को गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी.

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पिछली सुनवाई पर हार्दिक पांडया के अधिवक्ताओं ने कहा था कि जिस ट्वविटर अकांउट से यह टिप्पणी की गई है वह उनका नहीं है, कोई फर्जी अकांउट है जिसपर न्यायालय ने पुलिस अनुसंधान अधिकारी को जांच कर रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए थे.

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