ETV Bharat / city

जैसलमेर की गड़ीसर झील संरक्षण को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई...15 जनवरी को अगली सुनवाई

author img

By

Published : Dec 18, 2020, 10:10 PM IST

जैसलमेर की गड़ीसर झील के संरक्षण के लिए राजस्थान हाईकोर्ट में पेश की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए अतिरिक्त शपथ को रिकॉर्ड पर लेने के निर्देश दिए गए. मामले की अगली सुनवाई 15 जनवरी को मुकर्रर की गई.

Conservation of Gadisar Lake of Jaisalmer,   Rajasthan High Court Order
राजस्थान हाईकोर्ट

जोधपुर. जैसलमेर की गड़ीसर झील के संरक्षण के लिए राजस्थान हाईकोर्ट में पेश की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए अतिरिक्त शपथ को रिकॉर्ड पर लेने के निर्देश दिए गए. मामले की अगली सुनवाई 15 जनवरी को मुकर्रर की गई. वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत लोढा और न्यायाधीश रामेश्वर व्यास की खंडपीठ में याचिकाकर्ता कंवरराज सिंह की ओर से अधिवक्ता मानस रणछोड़ खत्री और सुनील पालीवाल ने अतिरिक्त शपथ पत्र पेश किया.

जैसलमेर के वरिष्ठ नागरिक बालकृष्ण जोशी जो वर्तमान में सरोवर मित्र समिति जैसलमेर के अध्यक्ष हैं का भी शपथ पत्र न्यायालय में पेश किया गया. जिसमें याची को सूचना का अधिकार अधिनियम में प्राप्त सूचना के अनुसार गड़ीसर झील को केंद्रीय सरकार द्वारा वर्ष 2010 में नेशनल लेक कंजर्वेशन प्लान में शामिल किया गया था और जिसके जरिए आईआईटी रुड़की के सहयोग से विशेष प्लान डीपीआर यानी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की गई.

पढ़ें- वर्तमान सत्र की फीस स्कूल और अभिभावक तय करें : HC

रिपोर्ट में गड़ीसर झील की सामाजिक एवं सांस्कृतिक विरासत के मूलभूत धार्मिक महत्व को बताया गया है. गड़ीसर महारावल गड़सी के जीवन काल में उनके जैसलमेर क्षेत्र में पीने का पानी उपलब्ध करवाने के लिए बनवाया गया था. गड़ीसर की पाल, रक्षित स्मारक टिलों की पोल, कलात्मक छत्रियों और मंदिर जो आदिकाल की कला का विशेष नमूना है. टूरिस्ट और सैलानियों के आकर्षण का केंद्र है.

इस प्रकार विशेष रूप से तैयार किए गए प्लान को दिनांक 1 अप्रैल 2016 को राजस्थान झील विकास प्राधिकरण जयपुर को हस्तांतरित करते हुए सुपुर्द किया गया. हस्तांतरित झीलों की सूची में बांसवाड़ा की दया लब तालाब झील, डूंगरपुर की गप सागर झील, राजसमंद की राजसमंद झील, जोधपुर की कायलाना झील, जैसलमेर की गड़ीसर झील, बूंदी की जैत सागर झील, किशनगढ़ की गंडोलाव तालाब झील, सांभर वेट लैंड एरिया, उदयपुर की उदयसागर झील और गोवर्धन सागर झील भी शामिल है.

इनकी रिपोर्ट विशेष रूप से तैयार कर प्रेषित की गई, लेकिन गड़ीसर झील पर सरकार की ओर से राजस्थान झील संरक्षण और विकास प्राधिकरण अधिनियम 2015 के प्रभाव में आ जाने के पश्चात भी गड़ीसर झील को उक्त प्रावधानों से वंचित रखा गया. जिस पर सुनवाई करते हुए न्यायालय की ओर से राज्य सरकार को उक्त अधिनियम प्रभाव में आने के पश्चात गड़ीसर झील हेतु क्या-क्या कार्य किया गया का ब्यौरा मांगने पर सरकार की ओर से समय चाहा गया. इस पर न्यायालय की ओर से याचिका पर अगली सुनवाई दिनांक 15 जनवरी को नियत की गई.

जोधपुर. जैसलमेर की गड़ीसर झील के संरक्षण के लिए राजस्थान हाईकोर्ट में पेश की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए अतिरिक्त शपथ को रिकॉर्ड पर लेने के निर्देश दिए गए. मामले की अगली सुनवाई 15 जनवरी को मुकर्रर की गई. वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत लोढा और न्यायाधीश रामेश्वर व्यास की खंडपीठ में याचिकाकर्ता कंवरराज सिंह की ओर से अधिवक्ता मानस रणछोड़ खत्री और सुनील पालीवाल ने अतिरिक्त शपथ पत्र पेश किया.

जैसलमेर के वरिष्ठ नागरिक बालकृष्ण जोशी जो वर्तमान में सरोवर मित्र समिति जैसलमेर के अध्यक्ष हैं का भी शपथ पत्र न्यायालय में पेश किया गया. जिसमें याची को सूचना का अधिकार अधिनियम में प्राप्त सूचना के अनुसार गड़ीसर झील को केंद्रीय सरकार द्वारा वर्ष 2010 में नेशनल लेक कंजर्वेशन प्लान में शामिल किया गया था और जिसके जरिए आईआईटी रुड़की के सहयोग से विशेष प्लान डीपीआर यानी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की गई.

पढ़ें- वर्तमान सत्र की फीस स्कूल और अभिभावक तय करें : HC

रिपोर्ट में गड़ीसर झील की सामाजिक एवं सांस्कृतिक विरासत के मूलभूत धार्मिक महत्व को बताया गया है. गड़ीसर महारावल गड़सी के जीवन काल में उनके जैसलमेर क्षेत्र में पीने का पानी उपलब्ध करवाने के लिए बनवाया गया था. गड़ीसर की पाल, रक्षित स्मारक टिलों की पोल, कलात्मक छत्रियों और मंदिर जो आदिकाल की कला का विशेष नमूना है. टूरिस्ट और सैलानियों के आकर्षण का केंद्र है.

इस प्रकार विशेष रूप से तैयार किए गए प्लान को दिनांक 1 अप्रैल 2016 को राजस्थान झील विकास प्राधिकरण जयपुर को हस्तांतरित करते हुए सुपुर्द किया गया. हस्तांतरित झीलों की सूची में बांसवाड़ा की दया लब तालाब झील, डूंगरपुर की गप सागर झील, राजसमंद की राजसमंद झील, जोधपुर की कायलाना झील, जैसलमेर की गड़ीसर झील, बूंदी की जैत सागर झील, किशनगढ़ की गंडोलाव तालाब झील, सांभर वेट लैंड एरिया, उदयपुर की उदयसागर झील और गोवर्धन सागर झील भी शामिल है.

इनकी रिपोर्ट विशेष रूप से तैयार कर प्रेषित की गई, लेकिन गड़ीसर झील पर सरकार की ओर से राजस्थान झील संरक्षण और विकास प्राधिकरण अधिनियम 2015 के प्रभाव में आ जाने के पश्चात भी गड़ीसर झील को उक्त प्रावधानों से वंचित रखा गया. जिस पर सुनवाई करते हुए न्यायालय की ओर से राज्य सरकार को उक्त अधिनियम प्रभाव में आने के पश्चात गड़ीसर झील हेतु क्या-क्या कार्य किया गया का ब्यौरा मांगने पर सरकार की ओर से समय चाहा गया. इस पर न्यायालय की ओर से याचिका पर अगली सुनवाई दिनांक 15 जनवरी को नियत की गई.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.