जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय ने सेकेंड ग्रेड भर्ती 2013 में नियुक्ति से वंचित चल रहे 583 अभ्यर्थियों नियुक्ति के संबंध में शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव को निर्देश दिए हैं. करीब सात वर्ष से लेटलतीफी का शिकार इस भर्ती को पूर्ण करने हेतु उच्च न्यायालय ने आवश्यक कदम उठाने के निर्देश जारी किए हैं. न्यायाधीश दिनेश मेहता ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद सचिवालय स्तर पर नियुक्ति प्रक्रिया में हो रही अनावश्यक देरी पर कड़ा रुख अपनाते हुए प्रमुख सचिव को 18 फरवरी तक सम्पूर्ण प्रक्रिया पूर्ण कर न्यायालय को अवगत करवाने का निर्देश दिया है.
धापा देवी व दर्जनों अन्य याचिकर्ताओं की ओर से पैरवी करते हुए एडवोकेट सुशील बिश्नोई ने न्यायालय को अवगत करवाया कि इस मामले में सुप्रीम के आदेशानुसार आरपीएससी और निदेशालय बीकानेर 583 अभ्यर्थियों की नियुक्ति हेतु सूचि जारी कर चुका है. फिर भी सचिवालय स्तर पर फाइल को अनुमोदन हेतु लम्बे समय से रोक रखा है. सरकार की ओर से राजकीय अधिवक्ता हेमंत चौधरी ने पक्ष रखा.
पाल बालाजी नगर में अतिक्रमण का मामला,जेडीए को दिया जवाब के लिए अंतिम अवसर
राजस्थान उच्च न्यायालय ने न्यायहित में जोधपुर विकास प्राधिकरण को अंतिम अवसर देते हुए दो दिन में जवाब पेश करने के निर्देश जारी किए हैं. उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत लोढा व न्यायाधीश रामेश्वर व्यास की खंडपीठ के बालाजी विकास समिति की ओर से दायर जनहित याचिका पर जवाब पेश नहीं करने पर असंतोष जाहिर किया.
न्यायालय ने कहा कि जोधपुर विकास प्राधिकरण को 15 दिसम्बर 2020 को अंतिम अवसर दिया था, लेकिन उसके बावजूद आज भी जवाब पेश नहीं हो पाया. जेडीए के अधिवक्ता मनोज भंडारी ने दो दिन का समय मांगा, जिस पर न्यायालय ने अंतिम अवसर देते हुए 20 जनवरी को अगली सुनवाई मुकर्रर की है. वहीं याचिकाकर्ता के अधिवक्ता मोती सिंह राजपुरोहित को भी एक प्रार्थना पत्र पर जवाब पेश करने का निर्देश दिया है.
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गौरतलब है कि पाल बालाजी के सामने पाल बालाजी नगर में पार्क की जमीन पर कुछ लोगों ने कब्जा करके वहां पर दुकानें बना दी थी. जिसे हटाने एवं पार्क को अतिक्रमण मुक्त करवाने के लिए बालाजी विकास समिति ने जनहित याचिका पेश की थी.