जोधपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की ओर से कोटा मामले में विभाग की कार्यशैली की आलोचना का स्वागत करते हुए कहा, कि वो कांग्रेस पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष के साथ उपमुख्यमंत्री भी हैं. प्रदेश अध्यक्ष पद की एक गरिमा भी होती है. अगर प्रदेशाध्यक्ष बोलते हैं तो सभी को उसे सुनना चाहिए और उसकी पालना करनी चाहिए. चाहे वह मंत्री हो या मुख्यमंत्री हो या सरकार के अधिकारी. साथ ही उन्होंने कहा, कि उनकी बात पर गंभीरता दिखानी चाहिए, एक्शन भी लेना चाहिए. सच्चाई की बात है तो जांच भी हो, कहीं कोई कमी हो तो उसे भी देखा जाना चाहिए.
गहलोत ने कहा, कि मैं चाहूंगा कि पीसीसी अध्यक्ष खुलकर बोलें, कमियां बताने के साथ साथ सुझाव भी दें. मुझे फीडबैक देंगे तो मैं खुद उनकी बात देखूंगा, कि क्या सच्चाई है. मुझे इससे कोई दिक्कत नहीं है. गुरुवार को संक्षिप्त यात्रा पर जोधपुर आए मुख्यमंत्री ने वापस जयपुर रवानगी से पहले एयरपोर्ट पर मीडिया से बात करते हुए कहा, कि हम सुशासन देने के लिए सत्ता में आए हैं. इसलिए जनता ने हमें चुना है. प्रदेशवासियों की हमसे अपेक्षाएं भी हैं. अगर इसमें कमी होगी तो गलतफहमी पैदा होने से लोग निराश होंगे. गुड गवर्नेंस एक अकेले व्यक्ति के हाथ में नहीं होता है. पूरी टीम काम करती है.
बता दें, कि कोटा में हुई बच्चों की मौतों के मामले में सचिन पायलट ने पिछले दिनों सरकार में इस मामले को लेकर किसी की जिम्मेदारी तय करने की बात कही थी. इसके बाद से पायलट और चिकित्सा विभाग के मंत्री रघु शर्मा के बीच बयानबाजी बढ़ गई. ऐसी चर्चा भी है, कि मुख्यमंत्री के गुरुवार के बयान से ऐसा लग रहा है, कि संगठन स्तर पर इस मामले में कहीं ना कहीं सरकार को कोई निर्देश मिले हैं, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने पायलट की आलोचना का स्वागत करते हुए उनसे सुझाव भी मांगे हैं.
पढ़ें- साल 1971 में पाक को दंड दिया गया था तो आज क्यों नहीं दिया जा सकता : तोगड़िया
गहलोत गुरुवार को दिल्ली से जोधपुर अपने मित्र पारसमल की माता जी के देहांत के बाद आयोजित शोक सभा में भाग लेने आए थे. उनके साथ उनकी पत्नी सुनीता गहलोत, पुत्री और वैभव गहलोत भी थे. गहलोत ने इसके बाद पूर्व विधायक माधव सिंह कच्छावा के घर जाकर भी शोक संवेदना व्यक्त की. बता दें, कि कच्छावा का हाल ही में निधन हुआ था.