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हर्षद मेहता पार्ट-2ः गौरव माहेश्वरी...जिसने 99 फर्जी कंपनियों के जरिए  GST घोटाले को अंजाम दिया

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Published : Dec 10, 2020, 2:25 PM IST

Updated : Dec 10, 2020, 3:02 PM IST

जल्द पैसा कमाने की चाह लोगों को हमेशा गलत राह पर ही ले जाती है. व्यक्ति अपने पेशे का गलत इस्तेमाल कर धन तो कमाता है, लेकिन अंतत: उसे कानून का सामना करना पड़ता ही है. पेशे से चार्टड एकाउंटेंट जोधपुर के गौरव माहेश्वरी भी ऐसे लोगों में से एक हैं, जिन्होंने जीएसटी लागू होने के बाद उसके नियमों की कमियां भांप लीं और आनन-फानन में फर्जी कंपनियां बनाकर जीएसटी ट्रांजेक्शन से करोड़ों रुपए बना लिए, लेकिन भेद खुला तो अब पुलिस की गिरफ्त में हैं.

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करोड़ों की जीएसटी का गबन करने वाला सीए...

जोधपुर. जोधपुर के एक सीए हैं, गौरव माहेश्वरी, जिन्होंने जीएसटी नियमों का अपने तरीके से इस्तेमाल कर 30 करोड़ रुपए से अधिक की जीएसटी राशि का घोटाला किया. इसके लिए उसने 99 फर्जी कंपनियां भी बनाई थी.

करोड़ों की जीएसटी का गबन करने वाला सीए...

बता दें कि गौरव को एक साल पहले पुलिस ने गिरफ्तार किया था. जोधपुर शहर के अलग-अलग 6 थानों में उसके खिलाफ मामले भी दर्ज हुए. लेकिन थोड़े इंतजार के बाद उसे जमानत मिल गई. न्यायालय से अपनी गिरफ्तारी पर रोक के आदेश लेकर वह जोधपुर से निकल गया, जिससे पुलिस के पास दर्ज अन्य मामलों में उसके खिलाफ कार्रवाई न हो सके. लेकिन जोधपुर पुलिस ने भी उसका पीछा नहीं छोड़ा. न्यायालय से स्टे हटवाकर उसकी तलाश की. पिछले कई दिनों ने राजीव गांधी थाना पुलिस उसके मोबाइल लोकेशन के आधार उसकी तलाश कर रही थी. हर दिन उसकी लोकेशन बदल रही थी. वह अहमदाबाद, पूणे और जयपुर के बीच कई दिनों तक पुलिस उसके पीछे भटकती रही. लेकिन आखिरकार पुलिस ने मंगलवार को उसे जोधपुर आते ही धर दबोचा.

यह भी पढ़ें: रिश्वत मामला: APO किए गए बारां जिला कलेक्टर का मोबाइल जब्त, PA के पास मिली अकूत संपत्ति

राजीव गांधी थाना प्रभारी जय किशन सोनी बताते हैं कि उसके खिलाफ रातानाडा निवासी दीपक देवड़ा ने अपना PAN नंबर इस्तेमाल करने का मामला दर्ज करवाया था. गौरव ने देवड़ा इंडस्ट्रीज के नाम से नई फर्म बनाई, जिसमें दीपक का PAN नंबर इस्तेमाल किया. लेकिन बतौर मालिक उसने अपने ड्राइवर महेंद्र के आधार कार्ड और जीमेल आईडी उपयोग में ली. पुलिस ने महेंद्र को भी गवाह बनाया है. महेंद्र ने पुलिस को बताया कि ड्राइवर की नौकरी पर देने से पहले गौरव ने उससे सभी दस्तावेज हासिल किए थे, जिसका उपयोग उसने कहां किया उसे पता नहीं है.

यह भी पढ़ें: अब फ्रॉड होने पर संबंधित थाने में दर्ज करा सकेंगे शिकायत, 4 स्पेशल साइबर सेल का हुआ गठन

खास बात यह है कि गौरव को अपने फर्जीवाड़े पर कोई मलाल नहीं है. वह कहता है कि कोर्ट ने उसे जमानत दी है, उसने कुछ गलत नहीं किया है. फर्जी कंपनी बनाना अलग बात है. बाकी मैंने सबकुछ नियमों में ही किया है. इधर, राजीव गांधी थाना पुलिस ने न्यायालय में पेशकर पांच दिन का रिमांड लिया है, जिसके तहत उससे पूछताछ चल रही है.

न्यायालय के आदेश नहीं माने

गौरव के खिलाफ दर्ज मामलों की फेरहिस्त बहुत लंबी होती जा रही है. निजी मामलों के साथ-साथ जीएसटी विभाग भी पार्टी बन गया है. न्यायालय ने उसकी गिरफ्तारी पर रोक के साथ उसे सरेंडर करने के आदेश दिए थे. लेकिन गौरव भागता रहा, आखिरकार में पुलिस ने उसे दबोच ही लिया. गौरव ने जितनी फर्जी जीएसटी फर्मे बनाकर ट्रांजेक्शन किए थे, उनके कई लोगों ने मामले दर्ज करवाए हैं. जोधपुर के 6 थानों में उसकी गिरफ्तारी बाकी है. उन सभी मामलों में पुलिस उसे बारी-बारी गिरफ्तार करेगी.

जयपुर की सीए भी हुई थी गिरफ्तार

गत वर्ष जब गौरव के काम का भंडाफोड़ हुआ तो उसका सहयोग देने के आरोप में जयपुर की सीएम परिधी जैन को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया था. परिधी ने पुलिस को बताया कि सब कुछ गौरव ही करता था, वह तो सिर्फ उसके बताए काम करती थी.

जोधपुर. जोधपुर के एक सीए हैं, गौरव माहेश्वरी, जिन्होंने जीएसटी नियमों का अपने तरीके से इस्तेमाल कर 30 करोड़ रुपए से अधिक की जीएसटी राशि का घोटाला किया. इसके लिए उसने 99 फर्जी कंपनियां भी बनाई थी.

करोड़ों की जीएसटी का गबन करने वाला सीए...

बता दें कि गौरव को एक साल पहले पुलिस ने गिरफ्तार किया था. जोधपुर शहर के अलग-अलग 6 थानों में उसके खिलाफ मामले भी दर्ज हुए. लेकिन थोड़े इंतजार के बाद उसे जमानत मिल गई. न्यायालय से अपनी गिरफ्तारी पर रोक के आदेश लेकर वह जोधपुर से निकल गया, जिससे पुलिस के पास दर्ज अन्य मामलों में उसके खिलाफ कार्रवाई न हो सके. लेकिन जोधपुर पुलिस ने भी उसका पीछा नहीं छोड़ा. न्यायालय से स्टे हटवाकर उसकी तलाश की. पिछले कई दिनों ने राजीव गांधी थाना पुलिस उसके मोबाइल लोकेशन के आधार उसकी तलाश कर रही थी. हर दिन उसकी लोकेशन बदल रही थी. वह अहमदाबाद, पूणे और जयपुर के बीच कई दिनों तक पुलिस उसके पीछे भटकती रही. लेकिन आखिरकार पुलिस ने मंगलवार को उसे जोधपुर आते ही धर दबोचा.

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राजीव गांधी थाना प्रभारी जय किशन सोनी बताते हैं कि उसके खिलाफ रातानाडा निवासी दीपक देवड़ा ने अपना PAN नंबर इस्तेमाल करने का मामला दर्ज करवाया था. गौरव ने देवड़ा इंडस्ट्रीज के नाम से नई फर्म बनाई, जिसमें दीपक का PAN नंबर इस्तेमाल किया. लेकिन बतौर मालिक उसने अपने ड्राइवर महेंद्र के आधार कार्ड और जीमेल आईडी उपयोग में ली. पुलिस ने महेंद्र को भी गवाह बनाया है. महेंद्र ने पुलिस को बताया कि ड्राइवर की नौकरी पर देने से पहले गौरव ने उससे सभी दस्तावेज हासिल किए थे, जिसका उपयोग उसने कहां किया उसे पता नहीं है.

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खास बात यह है कि गौरव को अपने फर्जीवाड़े पर कोई मलाल नहीं है. वह कहता है कि कोर्ट ने उसे जमानत दी है, उसने कुछ गलत नहीं किया है. फर्जी कंपनी बनाना अलग बात है. बाकी मैंने सबकुछ नियमों में ही किया है. इधर, राजीव गांधी थाना पुलिस ने न्यायालय में पेशकर पांच दिन का रिमांड लिया है, जिसके तहत उससे पूछताछ चल रही है.

न्यायालय के आदेश नहीं माने

गौरव के खिलाफ दर्ज मामलों की फेरहिस्त बहुत लंबी होती जा रही है. निजी मामलों के साथ-साथ जीएसटी विभाग भी पार्टी बन गया है. न्यायालय ने उसकी गिरफ्तारी पर रोक के साथ उसे सरेंडर करने के आदेश दिए थे. लेकिन गौरव भागता रहा, आखिरकार में पुलिस ने उसे दबोच ही लिया. गौरव ने जितनी फर्जी जीएसटी फर्मे बनाकर ट्रांजेक्शन किए थे, उनके कई लोगों ने मामले दर्ज करवाए हैं. जोधपुर के 6 थानों में उसकी गिरफ्तारी बाकी है. उन सभी मामलों में पुलिस उसे बारी-बारी गिरफ्तार करेगी.

जयपुर की सीए भी हुई थी गिरफ्तार

गत वर्ष जब गौरव के काम का भंडाफोड़ हुआ तो उसका सहयोग देने के आरोप में जयपुर की सीएम परिधी जैन को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया था. परिधी ने पुलिस को बताया कि सब कुछ गौरव ही करता था, वह तो सिर्फ उसके बताए काम करती थी.

Last Updated : Dec 10, 2020, 3:02 PM IST
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