जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय ने गैंगरेप के आरोपी मोडाराम की जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद स्वीकार करते हुए रिहा करने का आदेश पारित किया है. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता निखिल भंडारी ने उच्च न्यायालय के समक्ष याचिका पेश करते हुए पक्ष रखा.
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न्यायाधीश विजय विश्नोई की अदालत में अधिवक्ता भंडारी ने पक्ष रखते हुए बताया कि प्रथम सूचना रिपोर्ट घटना के एक महिने बाद दर्ज कराई गई है और देरी का कोई उचित कारण भी नहीं बताया गया है, भण्डारी का यह भी तर्क था कि आरोपी को इस घटना में बिलकुल झूठा फंसाया गया है. लोक अभियोजक ने इसका विरोध किया. दोनों पक्षों के तर्क सुनने के पश्चात न्यायाधीश विश्नोई ने आरोपी की जमानत याचिका को स्वीकार करते हुए रिहा करने का आदेश पारित किया.