जोधपुर. हर गणेश मंदिर की अपनी-अपनी मान्यता होती है. जिससे वह प्रसिद्ध होता है. जोधपुर के आड़ा बाजार जूनी मंडी में एक गणेश मंदिर ऐसा है जहां की भी मनोकामना पूरी होती हैं. जिनकी शादी नहीं होती है वो भी यही पर ढोक लगाते हैं. इसके चलते कभी गुरु गणपति के नाम से जाना जाने वाला मंदिर अब इश्किया गजानन जी के नाम से मशहूर है.
मंदिर के पुजारी योगेश त्रिवेदी बताते हैं कि बरसों पहले किसी की यहां इच्छानुसार शादी होने की मनोकामना पूरी हुई थी. इसके बाद से इश्किया गजानन के नाम से यह मंदिर मशहूर हो गया. मंदिर के प्रति लोगों की आस्था ऐसी है कि यहां श्रद्धालु नियमित रूप से बरसों से दर्शन करने आते हैं.
श्रद्धालुओं का यह मानना है कि हमारी मनोकामना यहां हमेशा पूरी होती हैं.श्रद्धालुओं के साथ साथ यहां प्रेमी जोड़े भी देखे जा सकते हैं. खास तौर से बुधवार को यहां श्रद्धालू ज्यादा आते हैं.
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तालाब से 100 साल पहले निकली थी मूर्ति
इश्किया गणेश जी की मूर्ती के बारे में कहा जाता है कि जोधपुर के महाराजा मानसिंह के काल में शहर के गुरों के तालाब की खुदाई के दौरान यह मूर्ति मिली थी. जिसे बाद में जूनी मंडी की गली में विक्रम संवत 1969 में स्थापित किया गया था. इस हिसाब से यह मंदिर100 वर्ष से अधिक पुराना है.
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40 साल से बोला जाता है इश्किया नाम
बताया जाता है कि करीब 40 साल पहले एक व्यक्ति जो किसी से प्रेम करता था उसका विवाह अपनी प्रेमिका से हो गया था. जिसके बाद वो हमेशा गुरु गणपति के मंदिर आता था. हठाईबाजों को जब इसका पता चला तो उन्होंने मंदिर का नाम इश्किया गजानन जी रख दिया था.