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YOUTUBE चैनल से कमाई करने का नया तरीका, झूठी योजनाओं के वीडियो अपलोड कर बढ़ा रहे Views

जोधपुर में ऑनलाइन ठगी का नया मामला सामने आया है. जिसमें यूट्यूब चैनल के माध्यम से झूठी योजनाओं की जानकारी देकर लोगों को बेवकूफ बनाया जा रहा है. जिससे जोधपुर के किसान भी PM ट्रैक्टर योजना के नाम से भ्रमित हो गए.

जोधपुर में ऑनलाइन ठगी, Cyber crime in Rajasthan
PM ट्रैक्टर योजना के नाम से किसान हुए भ्रमित
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Published : Jun 10, 2020, 6:12 PM IST

जोधपुर. आमतौर पर आपने साइबर क्राइम के तहत लोगों से एटीएम व ऑनलाइन पेमेंट में ठगी के मामले सुने होंगे, लेकिन अब कई यूट्यूब चैनल मालिकों ने लूट के नए हथकंडे अपना लिए हैं. जिसके माध्यम से ठग घर बैठे लोगों को बेवकूफ बना रहे हैं. इसके लिए उन्होंने विभिन्न योजनाओं के वीडियो का सहारा लिया है.

PM ट्रैक्टर योजना के नाम से किसान हुए भ्रमित

इन योजनाओं की जानकारी प्राप्त करने के लिए लोगों को उनके यूट्यूब चैनल पर जाना पड़ता है. खास बात यह भी है कि पूरे वीडियो को देखने के बाद भी स्थिति स्पष्ट नहीं होती है. ऐसा ही एक वीडियो प्रधानमंत्री ट्रैक्टर योजना के नाम से इन दिनों चल रहा है. जिसमें बताया जा रहा है कि इस योजना के माध्यम से आप आवेदन कर ट्रैक्टर आधी कीमत पर प्राप्त कर सकते हैं. आश्चर्य इस बात का भी है कि गूगल पर इस योजना का जो ब्लॉक है, उसमें देश के सभी प्रदेशों के लिए लिंक भी दिए गए है. हालांकि, अभी किसी किसान के साथ ठगी की जानकारी सामने नहीं आई है. हालांकि ऐसे कई वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे हैं.

जोधपुर में ऑनलाइन ठगी, Cyber crime in Rajasthan
कृषि विभाग ने बताया ऐसी कोई योजना नहीं

यह भी पढ़ें. केंद्रीय जलशक्ति मंत्री ने हरदीप पुरी से फोन पर की बात, जोधपुर लिफ्ट कैनाल प्रोजेक्ट को हरी झंडी जल्द

राजस्थान के लिंक में बताया गया है कि ई-मित्र पर संपर्क करने पर इस योजना का रजिस्ट्रेशन हो सकता है. कुछ लिंक में यह बताया गया कि कृषि विभाग में जाने पर रजिस्ट्रेशन होगा. जोधपुर के कृषि विभाग में इसको लेकर लगातार किसानों के फोन आ रहे हैं. विभाग के उपनिदेशक विरेंद्र सिंह ने बताया कि यह पूरी तरह से झूठ है. इस तरह की कोई योजना नहीं है. हमारे पास कई लोगों के फोन आए हैं. किसानों को सलाह है कि वे इनसे बचें.

यह भी पढ़ें. प्रवासी मजदूरों के लिए सरकार शॉर्ट टर्म और लांग टर्म योजना तैयार करे: हाईकोर्ट

इसी तरह से ई-मित्र संचालक चेतन गहलोत ने बताया कि ई-मित्र पर इस तरह की किसी योजना के लिए आवेदन लेने का प्रावधान नहीं है. जोधपुर के निकटवर्ती पाल गांव के सरपंच बताते हैं कि हमनें भी विभाग में फोन किया लेकिन बाद में पता चला कि यह वीडियो और सूचना झूठी है.

यूं समझें लूट का खेल

दरअसल, यूट्यूब पर वीडियो देखने से सीधा फायदा चैनल चलाने वाले को होता है. इसका फायदा कुछ संस्थान उठा रहे हैं. राजस्थान के शेखावाटी क्षेत्र के बजरंग एजूकेशन के यूट्यूब चैनल पर इस वीडिया के करीब 9 लाख व्यूज आ चुके हैं. इसी तरह से देश के अन्य कई संस्थाानों ने इस योजना के वीडियो अपने चैनल पर डाल दिए हैं, जो लोकप्रिय हो रहे हैं. जबकि इस तरह की कोई योजना केंद्र सरकार ने लांच नहीं की है.

जोधपुर. आमतौर पर आपने साइबर क्राइम के तहत लोगों से एटीएम व ऑनलाइन पेमेंट में ठगी के मामले सुने होंगे, लेकिन अब कई यूट्यूब चैनल मालिकों ने लूट के नए हथकंडे अपना लिए हैं. जिसके माध्यम से ठग घर बैठे लोगों को बेवकूफ बना रहे हैं. इसके लिए उन्होंने विभिन्न योजनाओं के वीडियो का सहारा लिया है.

PM ट्रैक्टर योजना के नाम से किसान हुए भ्रमित

इन योजनाओं की जानकारी प्राप्त करने के लिए लोगों को उनके यूट्यूब चैनल पर जाना पड़ता है. खास बात यह भी है कि पूरे वीडियो को देखने के बाद भी स्थिति स्पष्ट नहीं होती है. ऐसा ही एक वीडियो प्रधानमंत्री ट्रैक्टर योजना के नाम से इन दिनों चल रहा है. जिसमें बताया जा रहा है कि इस योजना के माध्यम से आप आवेदन कर ट्रैक्टर आधी कीमत पर प्राप्त कर सकते हैं. आश्चर्य इस बात का भी है कि गूगल पर इस योजना का जो ब्लॉक है, उसमें देश के सभी प्रदेशों के लिए लिंक भी दिए गए है. हालांकि, अभी किसी किसान के साथ ठगी की जानकारी सामने नहीं आई है. हालांकि ऐसे कई वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे हैं.

जोधपुर में ऑनलाइन ठगी, Cyber crime in Rajasthan
कृषि विभाग ने बताया ऐसी कोई योजना नहीं

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राजस्थान के लिंक में बताया गया है कि ई-मित्र पर संपर्क करने पर इस योजना का रजिस्ट्रेशन हो सकता है. कुछ लिंक में यह बताया गया कि कृषि विभाग में जाने पर रजिस्ट्रेशन होगा. जोधपुर के कृषि विभाग में इसको लेकर लगातार किसानों के फोन आ रहे हैं. विभाग के उपनिदेशक विरेंद्र सिंह ने बताया कि यह पूरी तरह से झूठ है. इस तरह की कोई योजना नहीं है. हमारे पास कई लोगों के फोन आए हैं. किसानों को सलाह है कि वे इनसे बचें.

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इसी तरह से ई-मित्र संचालक चेतन गहलोत ने बताया कि ई-मित्र पर इस तरह की किसी योजना के लिए आवेदन लेने का प्रावधान नहीं है. जोधपुर के निकटवर्ती पाल गांव के सरपंच बताते हैं कि हमनें भी विभाग में फोन किया लेकिन बाद में पता चला कि यह वीडियो और सूचना झूठी है.

यूं समझें लूट का खेल

दरअसल, यूट्यूब पर वीडियो देखने से सीधा फायदा चैनल चलाने वाले को होता है. इसका फायदा कुछ संस्थान उठा रहे हैं. राजस्थान के शेखावाटी क्षेत्र के बजरंग एजूकेशन के यूट्यूब चैनल पर इस वीडिया के करीब 9 लाख व्यूज आ चुके हैं. इसी तरह से देश के अन्य कई संस्थाानों ने इस योजना के वीडियो अपने चैनल पर डाल दिए हैं, जो लोकप्रिय हो रहे हैं. जबकि इस तरह की कोई योजना केंद्र सरकार ने लांच नहीं की है.

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