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मोबाइल से इंस्‍टेंट लोन के जरिए बड़ा घपला, लोगाें काे ब्‍लैकमेल कर वसूली कई गुना राशि, तीन आरोपी पकड़े - मोबाइल से इंस्‍टेंट लोन

मोबाइल ऐप से तुरंत लोन देने और इसकी वसूली में लोगाें से कई गुना राशि वसूलने के मामले में पुलिस ने तीन लोगों को हिरासत में लिया (Three detained in mobile instant loan case) है. मामला चंडीगढ़ पुलिस की पड़ताल में खुला है. पुलिस का कहना है कि लोन देकर वसूली के बाद आरोपियों ने पैसा चीन भेज दिया. जोधपुर के कुछ बैंको में रकम ट्रांसफर की गई. इसे लेकर पुलिस जांच में जुटी है.

Fraud in instant mobile loan in Jodhpur, Three detained
मोबाइल से इंस्‍टेंट लोन के जरिए बड़ा घपला, लोगाें काे ब्‍लैकमेल कर वसूली कई गुना राशि, तीन आरोपी पकड़े
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Published : Sep 21, 2022, 9:50 PM IST

Updated : Sep 21, 2022, 11:57 PM IST

जोधपुर. मोबाइल ऐप के माध्यम से बिना गारंटी तुरंत लोन देने के बाद वसूली के दौरान होने वाले उत्पीड़न को लेकर चंडीगढ़ पुलिस के साइबर थाने में दर्ज हुई एक रिपोर्ट की पड़ताल में बड़ा खुलासा हुआ है. पड़ताल के दौरान चंडीगढ़ पुलिस को पता चला कि एप से लोन देने के बाद लोगो के फोन की गैलरी का एक्सेस लेते हैं, जिससे उनके पर्सनल फोटो लेकर उन्हें एडिटिंग कर आपत्तिजनक बना दिए जाते हैं. इसके आधार पर उनसे लोन की राशि से कई गुना वसूली की जाती (Fraud in instant mobile loan in Jodhpur) है. लोन देने से वसूली तक के गिरोह का एक हिस्सा जोधपुर में होने की जानकारी मिलने पर पुलिस ने बुधवार को तीन लोगों को हिरासत में लिया है.

डीसीपी ईस्ट डॉक्टर अमृता दुहान ने बताया कि 3 सितंबर को चंडीगढ़ के साइबर थाने में रिपोर्ट दर्ज हुई थी. जिसमें एक व्यक्ति ने 3500 का लोन लिया था. यह चुकाने के बाद भी उसके परिवार के फोटो एडिट कर उससे वसूली की जा रही थी. चंडीगढ़ पुलिस ने इस पूरे मामले की तहकीकात शुरू की तो कई तार जुड़ते गए. चंडीगढ़ पुलिस को पता चला कि पीड़ित ने जिस खाते में रुपए जमा करवाए थे, वे जोधपुर स्थित बैंक के थे. इसके बाद चंडीगढ़ पुलिस के सब इंस्पेक्टर परमिंदर सिंह की अगुवाई में एक टीम जोधपुर पहुंची.

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पढ़ें: लोन Apps के मकड़जाल से बचाने के लिए रिजर्व बैंक बनाएगा व्हाइट लिस्ट, सरकार ने उठाए कड़े कदम

डीसीपी ने जिला की स्पेशल टीम के प्रभारी सब इंस्पेक्टर दिनेश डांगी को इसके लिए जिम्मेदारी दी. जिन्होंने तीन जनों को अलग-अलग जगहों से हिरासत में लिया. डीसीपी ने बताया कि जोधपुर में इस गिरोह के सदस्यों ने लाइफ इंडिया 0010 प्राइवेट लिमिटेड फर्म के नाम से खाते खुलवाए. खाते में इंस्टेंट लोन की वसूली का धन जमा होता है. वर्तमान में 4.50 लाख रुपए थे, जिन्हें फ्रिज करवा दिया है. चौंकाने वाली बात यह है कि जोधपुर में जिन लोगों ने यह खाता उपलब्ध करवाया, वे इसे ऑपरेट नहीं करते हैं. यह खाता कहीं और से ऑनलाइन ऑपरेट किया जाता है. उन्हें सिर्फ इसके बदले कमीशन मिलता है.

पढ़ें: मणप्पुरम गोल्ड लोन लूट केस में बदमाशों का नहीं लगा सुराग, कंपनी ने 5 कर्मचारियों को किया सस्पेंड

जोधपुर में पीएनबी, एक्सेस और यस बैंक में खाते खोले गए, जिनकी चंडीगढ़ पुलिस जांच कर रही है. चंडीगढ़ पुलिस की पड़ताल में सामने आया है कि अब तक हवाला के जरिए लाखों रुपए चीन जा चुके हैं. 17 लाख से ज्यादा की नकदी भी पुलिस बरामद कर चुकी है. खातों से निकाली गई नगद राशि हवाला के जरिए चीन भेजी जाती है. चंडीगढ़ पुलिस अब तक राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सहित अन्य इलाकों में इस प्रकरण में कार्रवाई कर चुकी है.

प्रॉपर्टी डीलर, नर्सिंग छात्र ने उपलब्ध करवाए खाते: पुलिस की अब तक की पड़ताल में सामने आया कि जोधपुर में रहने वाले बना क्षेत्र के 35 वर्षीय प्रॉपर्टी का काम करने वाले अशोक कुमार, शशकांत यादव और चंद्र सागर बेरवा ने पीएनबी, एक्सिस, यस बैंक में खाते खुलवाए थे. अगस्त में यह खाते खोले गए जिनमें लाखों रुपए का लेनदेन हो चुका है. खाते खोलने के एवज में पैसा मिला. इसके अलावा लेनदेन का कमीशन भी मिल रहा है.

पढ़ें: जोधपुर में बैठकर गुजरात के व्यापारी से ऑनलाइन ठगी, कंपनी का कर्मचारी ही निकला मास्टरमाइंड...तीन गिरफ्तार

हर काम के लिए अलग-अलग गिरोह: चंडीगढ़ पुलिस के अनुसार मोबाइल एप लोन देने वाले गिरोह ने इस तरह की वसूली के लिए अलग-अलग टीमें बना रखी है. इनमें एक टीम कॉलिंग के लिए सिम उपलब्ध करवाती है. दूसरी टीम लोगों को कॉल कर धमकाने का काम करती है. एक टीम ने अलग-अलग शहरों और राज्यों में खाते उपलब्ध करवाए हैं. एक टीम वह है जो कहीं ओर से इन खातों को ऑपरेट करती है. इनमें जोधपुर में खाते सामने आए हैं. खास बात यह भी है कि यह लोग जहां भी रहते हैंं, इस इलाके में कोई गतिविधि नहीं करते. जोधपुर से इन खातों में रुपए जमा होना नहीं पाया गया.

जोधपुर. मोबाइल ऐप के माध्यम से बिना गारंटी तुरंत लोन देने के बाद वसूली के दौरान होने वाले उत्पीड़न को लेकर चंडीगढ़ पुलिस के साइबर थाने में दर्ज हुई एक रिपोर्ट की पड़ताल में बड़ा खुलासा हुआ है. पड़ताल के दौरान चंडीगढ़ पुलिस को पता चला कि एप से लोन देने के बाद लोगो के फोन की गैलरी का एक्सेस लेते हैं, जिससे उनके पर्सनल फोटो लेकर उन्हें एडिटिंग कर आपत्तिजनक बना दिए जाते हैं. इसके आधार पर उनसे लोन की राशि से कई गुना वसूली की जाती (Fraud in instant mobile loan in Jodhpur) है. लोन देने से वसूली तक के गिरोह का एक हिस्सा जोधपुर में होने की जानकारी मिलने पर पुलिस ने बुधवार को तीन लोगों को हिरासत में लिया है.

डीसीपी ईस्ट डॉक्टर अमृता दुहान ने बताया कि 3 सितंबर को चंडीगढ़ के साइबर थाने में रिपोर्ट दर्ज हुई थी. जिसमें एक व्यक्ति ने 3500 का लोन लिया था. यह चुकाने के बाद भी उसके परिवार के फोटो एडिट कर उससे वसूली की जा रही थी. चंडीगढ़ पुलिस ने इस पूरे मामले की तहकीकात शुरू की तो कई तार जुड़ते गए. चंडीगढ़ पुलिस को पता चला कि पीड़ित ने जिस खाते में रुपए जमा करवाए थे, वे जोधपुर स्थित बैंक के थे. इसके बाद चंडीगढ़ पुलिस के सब इंस्पेक्टर परमिंदर सिंह की अगुवाई में एक टीम जोधपुर पहुंची.

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डीसीपी ने जिला की स्पेशल टीम के प्रभारी सब इंस्पेक्टर दिनेश डांगी को इसके लिए जिम्मेदारी दी. जिन्होंने तीन जनों को अलग-अलग जगहों से हिरासत में लिया. डीसीपी ने बताया कि जोधपुर में इस गिरोह के सदस्यों ने लाइफ इंडिया 0010 प्राइवेट लिमिटेड फर्म के नाम से खाते खुलवाए. खाते में इंस्टेंट लोन की वसूली का धन जमा होता है. वर्तमान में 4.50 लाख रुपए थे, जिन्हें फ्रिज करवा दिया है. चौंकाने वाली बात यह है कि जोधपुर में जिन लोगों ने यह खाता उपलब्ध करवाया, वे इसे ऑपरेट नहीं करते हैं. यह खाता कहीं और से ऑनलाइन ऑपरेट किया जाता है. उन्हें सिर्फ इसके बदले कमीशन मिलता है.

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जोधपुर में पीएनबी, एक्सेस और यस बैंक में खाते खोले गए, जिनकी चंडीगढ़ पुलिस जांच कर रही है. चंडीगढ़ पुलिस की पड़ताल में सामने आया है कि अब तक हवाला के जरिए लाखों रुपए चीन जा चुके हैं. 17 लाख से ज्यादा की नकदी भी पुलिस बरामद कर चुकी है. खातों से निकाली गई नगद राशि हवाला के जरिए चीन भेजी जाती है. चंडीगढ़ पुलिस अब तक राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सहित अन्य इलाकों में इस प्रकरण में कार्रवाई कर चुकी है.

प्रॉपर्टी डीलर, नर्सिंग छात्र ने उपलब्ध करवाए खाते: पुलिस की अब तक की पड़ताल में सामने आया कि जोधपुर में रहने वाले बना क्षेत्र के 35 वर्षीय प्रॉपर्टी का काम करने वाले अशोक कुमार, शशकांत यादव और चंद्र सागर बेरवा ने पीएनबी, एक्सिस, यस बैंक में खाते खुलवाए थे. अगस्त में यह खाते खोले गए जिनमें लाखों रुपए का लेनदेन हो चुका है. खाते खोलने के एवज में पैसा मिला. इसके अलावा लेनदेन का कमीशन भी मिल रहा है.

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हर काम के लिए अलग-अलग गिरोह: चंडीगढ़ पुलिस के अनुसार मोबाइल एप लोन देने वाले गिरोह ने इस तरह की वसूली के लिए अलग-अलग टीमें बना रखी है. इनमें एक टीम कॉलिंग के लिए सिम उपलब्ध करवाती है. दूसरी टीम लोगों को कॉल कर धमकाने का काम करती है. एक टीम ने अलग-अलग शहरों और राज्यों में खाते उपलब्ध करवाए हैं. एक टीम वह है जो कहीं ओर से इन खातों को ऑपरेट करती है. इनमें जोधपुर में खाते सामने आए हैं. खास बात यह भी है कि यह लोग जहां भी रहते हैंं, इस इलाके में कोई गतिविधि नहीं करते. जोधपुर से इन खातों में रुपए जमा होना नहीं पाया गया.

Last Updated : Sep 21, 2022, 11:57 PM IST
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