जोधपुर. सर्किट हाउस रोड स्थित अपार्टमेंट में शुक्रवार को हुई हृदयविदारक घटना से हरकोई हतप्रभ है. आर्थिक परेशानियां इतनी बड़ी हो गईं कि दीनदयाल ने ऐसा आत्मघाती कदम उठा लिया. अपनी जान से प्यारी बेटियों और पत्नी की हत्या कर खुद भी वह फंदे से झूल गया. शनिवार को मथुरादास माथुर अस्पताल में पोस्टमार्टम कराने के बाद चारों के शव परिजनों को सौंप दिए गए.
शनिवार को घर से जब एक साथ चार अर्थियां उठीं तो परिजनों के साथ देखने वालों का कलेजा भी मुंह को आ गया. हर तरफ रूदन और क्रंदन ही सुनाई दे रहा था. बच्चों के शव देख परिजन खुद को संभाल नहीं पा रहे थे. रोते बिलखते परिजनों ने बाद में चारों शवों का अंतिम संकार किया.
दीनदयाल के बडे़ भाई और उसके ससुराल पक्ष के लोगों ने नम आंखों से चारों का अंतिम संस्कार किया. दीदयाल जिसे प्यार से सब दीनू कहते थे, उसने कभी अपने भाई को भी इन दिनों चल रही आर्थिक परेशानी के बारे नहीं बताया था. जबकि पहले जब कभी उसने समस्या बताई थी तो सबने साथ मिलकर स्थिति को संभाला था.
यह बात भी सामने आई कि पहले उसका जो काम था वह बंद करने के बाद अब कपडे़ का कारोबार करने लगा था. कोरोना के चलते खराब हुई स्थिति कुछ सुधरी थी, लेकिन यह भी माना जा रहा है कि कोई अन्य वित्तीय संकट उस पर था जिसको लेकर वह काफी परेशान था. जिस फ्लैट में दीनदयाल अपनी पत्नी सरोज व बेटियों तन्वी व हीरल के साथ रहता था, उसका 25 लाख का लोन उसपर था. कोरेाना के चलते यह सकंट और बढ़ गया है. इन दिनों यह आलम था कि दीनदयाल चार दिन पहले अपनी छोटी बेटी तन्वी का जन्मदिन नहीं मना पाया था.
इसके अलावा पत्नी की सेहत भी उसके लिए परेशानी थी. इसके चलते आखिरकार उसने गुरुवार रात को खाने की वस्तु में नींद की गोलियां मिलाकर तीनों को खिलाया जिससे दोनों बेटियां बेहोश सी हो गई जिनका उसने गला घोंट दिया. पुलिस के अनुसार पत्नी सरोज को थोड़ा होश था जब उसे मारने के लिए गला घोंट रहा था. उस दौरान उसने प्रतिरोध भी किया था. तीनों को मारकर दीनदयाल खुद भी फंदे से लटक गया. दीनदयाल एक सुसाइड नोट भी छोड़ कर गया जिसमें लिखा मैं अपनी मर्जी से जान दे रहा हूं.