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जोधपुर में वसुंधरा राजे: इस बार अजीत भवन नहीं बल्कि Circuit House में ठहरने का प्लान!

सूबे की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया जोधपुर दौरे पर होंगी. इस दौरे को लेकर जो जानकारी दी गई है उसके मुताबिक वो जिले के सर्किट हाउस में विश्राम करेंगी. बीते सालों के पन्ने पलट कर देखें तो पाएंगे कि राजे ने कभी भी सर्किट हाउस को अपना पड़ाव नहीं बनाया. जब भी रुकी हैं उम्मेद भवन या अजीत भवन में. इसे लेकर विपक्ष उन पर हमलावर भी रहा है. जानकार इसे आम लोगों में एक मैसेज पहुंचाने की कोशिश करार दे रहे हैं.

Circuit House
जोधपुर में वसुंधरा राजे
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Published : Oct 21, 2021, 10:19 AM IST

Updated : Oct 21, 2021, 10:31 AM IST

जोधपुर: पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया (Former Chief Minister Vasundhara Raje Scindia) करीब 11:00 बजे जोधपुर पहुंचेगी. लंबे अंतराल के बाद राजे जोधपुर आ रही हैं. उनका आज जोधपुर में ही रात्रि विश्राम करने का कार्यक्रम जारी किया गया है. खास बात यह है कि उनके कार्यक्रम में यह बताया गया है कि वह रात्रि विश्राम, सर्किट हाउस जोधपुर में ही करेंगी.

ये भी पढ़ें- बयानबाजी के कारण निशाने पर रहे गोविंद सिंह डोटासरा..बीते एक साल में 10 बार आए विवादों में

गुरुवार शाम को पूर्व मुख्यमंत्री का कार्यक्रम जारी होने के बाद ही लोग संशकित हैं. चर्चा हो रही है कि क्या वसुंधरा राजे सर्किट हाउस में रात्रि विश्राम करेंगी? इस आशंका का आधार भी है. दरअसल, अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल में जब भी वसुंधरा राजे जोधपुर आईं तो कभी भी सर्किट हाउस में नहीं ठहरीं. उसके बनिस्बत उन्होंने उम्मेद भवन या अजीत भवन को चुना. जिसको लेकर कांग्रेस हमेशा हमलावर रही है. कांग्रेस आरोप लगाती रही है कि महलों में रहने वालों को आम आदमी की चिंता नही रहती.

खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) तक ने एक बार उनके सर्किट हाउस में नही रुकने को लेकर टिप्पणी की थी. कहा था कि सर्किट हाउस में रुकने से आम आदमी भी मिल सकता है.

मैसेज क्या?

विपक्ष के तंज से पार पाने की कोशिश के तहत ही राजे इस बार सर्किट हाउस में ठहरने का मन बना चुकी है. अपनी पुरानी छवि से इतर आम सी छवि बनाना चाहती हैं और जानकार इसे ही एक वजह मान रहें हैं विश्राम स्थल में बदलाव की. पार्टी में अंतर्कलह की खबरें आती रहती हैं और इस बार सीएम पद की दावेदारी को लेकर भी भाजपा में घमासान से इनकार नहीं किया जा रहा है. जमीन बचाने की कवायद के तौर पर भी इसे देखा जा सकता है, क्योंकि सियासत में Image का खास मुकाम होता है.

सर्किट हाउस पर टिकेंगी निगाहें

तय है कि इस बार भी सबकी निगाहें सर्किट हाउस पर ही टिकी रहेंगी. गुरुवार शाम वो दिवंगत पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा (Mahipal Maderna) के पैतृक गांव से वापस लौटेंगी. वसुंधरा राजे अपने पहले मुख्यमंत्री कार्यकाल में जब भी जोधपुर आईं तो उम्मेद भवन में रुका करती थीं. जबकि उनके आधिकारिक कार्यक्रम में उनका रात्रि विश्राम सर्किट हाउस ही बताया जाता था. राजे जोधपुर (Jodhpur) पहुंचने पर सबसे पहले केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) के निवास पर जायेंगी. हाल ही में उनकी मां का निधन हुआ है सो वहां अपनी संवेदनाएं व्यक्त करेंगी. इसके बाद वह पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा के परिजनों से मिलने उनके पैतृक गांव चाडी जाएगी.

ये भी पढ़ें-मुख्यमंत्री के ओएसडी ने कहा राहुल से नहीं, सचिन पायलट की शिकायत सुनने वाली कमेटी से मिले थे गहलोत

दूसरे कार्यकाल में अजीत भवन बना पावर सेंटर

वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) जब दूसरी बार मुख्यमंत्री बनी थीं तो जोधपुर (Jodhpur) के पूर्व राजपरिवार से थोड़ी दूरियां बन गई थीं. जिसके चलते वह अजीत भवन होटल में रुकने लगीं. पिछले कार्यकाल में पूरे मारवाड़ में पावर सेंटर के रूप में अजीत भवन की ख्याति बढ़ी थी. तब कहा जाता था कि अजीत भवन की सिफारिशों पर ही बड़ी राजनीतिक नियुक्तियां होती थीं. राजे जोधपुर दौरे के दौरान यहीं रुकती थीं.

गहलोत का ठिकाना हमेशा सर्किट हाउस

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) तीसरी बार मुख्यमंत्री बने हैं. उनका पैतृक निवास भी जोधपुर में है. बावजूद इसके वो कभी भी सर्किट हाउस के बाहर नहीं रुकते. कहा जाता है कि जब भी वे मुख्यमंत्री बने उन्होंने सर्किट हाउस की व्यवस्था में सुधार किया. देखा गया है कि जब वो मुख्यमंत्री नहीं भी होते हैं तब भी यहीं ठहरते हैं. गहलोत हमेशा कहते हैं कि सर्किट हाउस में रुकने से आमजन की पहुंच बनी रहती है.

जोधपुर: पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया (Former Chief Minister Vasundhara Raje Scindia) करीब 11:00 बजे जोधपुर पहुंचेगी. लंबे अंतराल के बाद राजे जोधपुर आ रही हैं. उनका आज जोधपुर में ही रात्रि विश्राम करने का कार्यक्रम जारी किया गया है. खास बात यह है कि उनके कार्यक्रम में यह बताया गया है कि वह रात्रि विश्राम, सर्किट हाउस जोधपुर में ही करेंगी.

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गुरुवार शाम को पूर्व मुख्यमंत्री का कार्यक्रम जारी होने के बाद ही लोग संशकित हैं. चर्चा हो रही है कि क्या वसुंधरा राजे सर्किट हाउस में रात्रि विश्राम करेंगी? इस आशंका का आधार भी है. दरअसल, अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल में जब भी वसुंधरा राजे जोधपुर आईं तो कभी भी सर्किट हाउस में नहीं ठहरीं. उसके बनिस्बत उन्होंने उम्मेद भवन या अजीत भवन को चुना. जिसको लेकर कांग्रेस हमेशा हमलावर रही है. कांग्रेस आरोप लगाती रही है कि महलों में रहने वालों को आम आदमी की चिंता नही रहती.

खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) तक ने एक बार उनके सर्किट हाउस में नही रुकने को लेकर टिप्पणी की थी. कहा था कि सर्किट हाउस में रुकने से आम आदमी भी मिल सकता है.

मैसेज क्या?

विपक्ष के तंज से पार पाने की कोशिश के तहत ही राजे इस बार सर्किट हाउस में ठहरने का मन बना चुकी है. अपनी पुरानी छवि से इतर आम सी छवि बनाना चाहती हैं और जानकार इसे ही एक वजह मान रहें हैं विश्राम स्थल में बदलाव की. पार्टी में अंतर्कलह की खबरें आती रहती हैं और इस बार सीएम पद की दावेदारी को लेकर भी भाजपा में घमासान से इनकार नहीं किया जा रहा है. जमीन बचाने की कवायद के तौर पर भी इसे देखा जा सकता है, क्योंकि सियासत में Image का खास मुकाम होता है.

सर्किट हाउस पर टिकेंगी निगाहें

तय है कि इस बार भी सबकी निगाहें सर्किट हाउस पर ही टिकी रहेंगी. गुरुवार शाम वो दिवंगत पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा (Mahipal Maderna) के पैतृक गांव से वापस लौटेंगी. वसुंधरा राजे अपने पहले मुख्यमंत्री कार्यकाल में जब भी जोधपुर आईं तो उम्मेद भवन में रुका करती थीं. जबकि उनके आधिकारिक कार्यक्रम में उनका रात्रि विश्राम सर्किट हाउस ही बताया जाता था. राजे जोधपुर (Jodhpur) पहुंचने पर सबसे पहले केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) के निवास पर जायेंगी. हाल ही में उनकी मां का निधन हुआ है सो वहां अपनी संवेदनाएं व्यक्त करेंगी. इसके बाद वह पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा के परिजनों से मिलने उनके पैतृक गांव चाडी जाएगी.

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दूसरे कार्यकाल में अजीत भवन बना पावर सेंटर

वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) जब दूसरी बार मुख्यमंत्री बनी थीं तो जोधपुर (Jodhpur) के पूर्व राजपरिवार से थोड़ी दूरियां बन गई थीं. जिसके चलते वह अजीत भवन होटल में रुकने लगीं. पिछले कार्यकाल में पूरे मारवाड़ में पावर सेंटर के रूप में अजीत भवन की ख्याति बढ़ी थी. तब कहा जाता था कि अजीत भवन की सिफारिशों पर ही बड़ी राजनीतिक नियुक्तियां होती थीं. राजे जोधपुर दौरे के दौरान यहीं रुकती थीं.

गहलोत का ठिकाना हमेशा सर्किट हाउस

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) तीसरी बार मुख्यमंत्री बने हैं. उनका पैतृक निवास भी जोधपुर में है. बावजूद इसके वो कभी भी सर्किट हाउस के बाहर नहीं रुकते. कहा जाता है कि जब भी वे मुख्यमंत्री बने उन्होंने सर्किट हाउस की व्यवस्था में सुधार किया. देखा गया है कि जब वो मुख्यमंत्री नहीं भी होते हैं तब भी यहीं ठहरते हैं. गहलोत हमेशा कहते हैं कि सर्किट हाउस में रुकने से आमजन की पहुंच बनी रहती है.

Last Updated : Oct 21, 2021, 10:31 AM IST

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