जोधपुर. किसान महापड़ाव के दौरान माणकलाव गांव की सरहद पर तबीयत खराब होने के बाद दम तोड़ने वाले किसान परिवार के पुखराज का शव मथुरादास माथुर अस्पताल की मोर्चरी से अभी तक नहीं उठाया गया है.
शनिवार देर रात तक शव उठाने को लेकर गतिरोध बना रहा, क्योंकि इस मामले से जुड़े लोगों की मांग है कि शव की दोबारा से करोना टेस्ट हो. शनिवार को जो कोरोना की पॉजिटिव रिपोर्ट आई थी. उसे सभी ने झूठा बताते हुए मानने से इनकार कर दिया. ऐसे में एम्स से दोबारा जांच करवाने की मांग की जा रही है.
भोपालगढ़ के विधायक पुखराज गर्ग का कहना है कि उन्होंने जिला कलेक्टर से बात करने के बाद एक प्रार्थना पत्र भेजा था, लेकिन उस पर निर्णय नहीं किया गया. अलबत्ता उन्हें जानकारी मिली है कि जिला कलेक्टर ने उसमें लिखा है कि यह उनके क्षेत्राधिकार में नहीं है, ऐसे में साफ जाहिर है कि प्रशासन शव की दोबारा जांच नहीं करवाना चाहता.
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पूर्व विधायक भैराराम सियोल ने कहा कि हमने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मांग की है कि जिस परिवार के युवक की मौत हुई है. उसे आर्थिक पैकेज दी जाए एवं एक सदस्य को नौकरी मिले, लेकिन मुख्यमंत्री के गृह नगर में ही इस मामले की कोई सुनवाई नहीं की जा रही है.
गौरतलब है कि जोधपुर जिले में पिछले करीब एक माह से किसानों का आंदोलन चल रहा था. 25 अगस्त से किसानों ने जोधपुर की ओर कूच किया तो उन्हें माणकलाव पर रोक लिया गया. इसके बाद से वही पर किसान जमा थे. इस बीच शुक्रवार रात को वहां महापड़ाव पर मौजूद पुखराज को हार्ट अटैक आया और उसकी मौत हो गई एवं अस्पताल आने पर उसे मृत घोषित किया गया.
उसके शव की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव बताई गई, जिसके बाद किसानों को यह कहा गया कि जो वहां मौजूद है. उनको टेस्ट कराना होगा. इसके बाद किसानों ने महापड़ाव स्थल छोड़ दिया, लेकिन एमडीएम अस्पताल में जहां पुखराज का शव रखा हुआ है. मोर्चरी के बाहर बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए.