जोधपुर. प्रदेश में न्यायालयों के समक्ष विचाराधीन मामलों को शीघ्र निपटाने के लिए राजस्थान उच्च न्यायालय के परामर्श से राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के विभिन्न जिलों में कुल 52 नए न्यायालय सृजित किए हैं. विधि एवं विधिक कार्य विभाग के प्रमुख शासन सचिव विनोद कुमार भारवानी ने एक अधिसूचना जारी करते हुए प्रदेश में कुल 52 नए न्यायालय स्थापित करने के आदेश जारी किए हैं.
बारां के अटरू, दौसा के सिकराय, जयपुर महानगर प्रथम में सांगानेर, जालोर के सांचौर, जोधपुर जिला के बिलाड़ा, पाली के देसूरी और सिरोही के पिण्डवारा में एक अपर जिला न्यायाधीश न्यायालय स्थापित किया है. अलवर के रेणी और नीमराना, बीकानेर के छतरगढ, जयपुर जिला के दूदू, राजसमंद के नाथद्वारा और सीकर के खंडेला में एक-एक सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट की स्थापना की है.
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वहीं, नागौर के नांवा और जयपुर जिला के फागी में अपर सिविल न्यायाधीश एवं अपर न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट को वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश एवं अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट में क्रमोन्नत किया गया है. जयपुर में जिला एवं सत्र न्यायाधीश स्तर के दो नए पारिवारिक न्यायालय पारिवारिक न्यायालय संख्या 04 जयपुर और पारिवारिक न्यायालय संख्या 5 जयपुर स्थापित किए गए हैं.
इसी तरह गंगानगर में विशेष न्यायालय, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 और बालक अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम 2005 संख्या दो गंगानगर स्थापित किया है. इनके अलावा भी अन्य कई और न्यायालयों की स्थापना की गई है.