जोधपुर. राजस्थान आवासन मंडल की चौपासनी योजना के अंतर्गत सोमवार को मंडल के अधिकारियों ने पुलिस के सहयोग से सेक्टर 16 स्थित करोड़ों की भूमि अतिक्रमण मुक्त (Action against encroachment in Jodhpur) करवाई. इस भूमि को लेकर न्यायालय से मंडल के पक्ष में फैसला पहले चुका था. अतिक्रमी को मुआवजा भी दे दिया गया. लेकिन विभाग में ने अतिक्रमण हटाने को लेकर कड़ी कार्रवाई नहीं की.
1200 वर्ग मीटर भूमि की वर्तमान कीमत 25 करोड़ से ज्यादा बताई जा रही है. अतिक्रमी ने इस भूमि पर 20 दुकानें बनाकर किराए पर दे दी. साथ ही कुछ आवासीय निर्माण भी किराए पर दे दिए. सोमवार को जब अचानक मंडल टीम जेसीबी के साथ यहां पहुंची तो दुकान संचालकों के विरोध का सामना करना पड़ा.
उन्होंने बताया गया कि यह जगह कब्जाधारी की नहीं है. हाउसिंग बोर्ड की है. वह 1980 में ही इसका मुआवजा ले चुका है. घंटों मशक्क्त के बाद पीला पंजा चला और दुकानें तोड़ना शुरू की गई. कुछ दुकानदारों के कहने पर उन्हें खाली करने का समय दिया गया. इसके अलावा डिस्कॉम के कर्मचारियों को बुलाकर बिजली कनेक्श्न भी काट दिए गए. मंडल के उपायुक्त राजेंद्र सिंह भाटी ने बताया कि करीब 1200 वर्ग मीटर भूमि खाली करवाई गई है. इसको लेकर सभी निर्णय हमारे पक्ष में आ चुके हैं. अभी कोई केस नहीं चल रहा है.
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अभी करोड़ों की जमीन है अतिक्रमियों के पास
हाउसिंग बोर्ड चौपासनी योजना की जमीनों के भाव आसामान पर हैं. यहां अभी भी सैंकड़ों बीघा जमीन अतिक्रमियों के पास है. जिसको लेकर विभाग कार्रवाई नहीं कर रहा है. खास तौर से शंकर नगर के आस-पास सौ बीघा भूमि पर अतिक्रमी बैठे हैं, जो विभागीय अनदेखी के चलते वहां पनप रहे हैं.