जोधपुर. हाल ही में राजस्थान सरकार की ओर से जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज को अलग से विश्वविद्यालय बनाने की घोषणा की गई, लेकिन जोधपुर के जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के कर्मचारी संघ की ओर से इसका विरोध किया जा रहा है.
कर्मचारी संघ का कहना है कि एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज जो विश्वविद्यालय का अंग है उसे सरकार की ओर से अलग किया जा रहा है. ऐसे में विश्वविद्यालय को सालाना 50 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान होगा. वर्तमान में भी विश्वविद्यालय की ओर से सेवानिवृत्त कर्मचारियों को समय पर पेंशन नहीं दिया जा रहा है और ऐसे में एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज के अलग होने पर विश्वविद्यालय को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ेगा.
कर्मचारी संघ के संयोजक अशोक व्यास ने बताया कि विश्वविद्यालय में पिछले लंबे समय से भर्तियां नहीं हुई है साथ ही विद्यालय में काम कर रहे कर्मचारियों को पदोन्नत भी नहीं किया गया है जिसको लेकर भी कर्मचारी में काफी रोष व्याप्त है. विश्वविद्यालय की ओर से सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भी समय पर पेंशन नहीं दी जा रही इन सभी के विरोध में गुरुवार को कर्मचारी संघ की ओर सेजय नारायण व्यास विश्वविद्यालय की रजिस्टर्ड चंचल वर्मा को ज्ञापन सौंपा गया.
कर्मचारी संघ ने जोधपुर के जयनारायण व्यास 34 विश्वविद्यालय में बुधवार को छात्रों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में भी रजिस्ट्रार को ज्ञापन सौंपा है. कर्मचारी संघ ने बताया कि छात्रों पर किए गए लाठीचार्ज का कर्मचारी संघ घोर निंदा करता है. विश्वविद्यालय के कर्मचारी संघ का कहना है कि छात्रों की ओर सेअपनी मांगों को लेकर कुलपति कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया गया लेकिन विश्वविद्यालय और पुलिस प्रशासन ने छात्रों पर लाठीचार्ज किया जिसमें कई छात्र चोटिल हुए. ऐसे में कर्मचारी संघ ने लाठीचार्ज का विरोध करते हुए छात्रों को समर्थन देने का फैसला किया है.
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कर्मचारी संघ के संयोजक ने बताया कि सरकार की ओर सेहाल ही में 34 बीघा जमीन की जो कि विश्वविद्यालय की संपत्ति है उसे लिया जा रहा है जिसका कर्मचारी संघ विरोध करता है. उन्होंने कहा कि अगर विश्वविद्यालय की जमीन सरकार की ओर से ली जाती है तो विश्वविद्यालय को उसका पैसा दिया जाए अन्यथा विद्यालय का कर्मचारी संघ उसका विरोध करेगा. कर्मचारी संघ का कहना है कि अगर एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज को अलग न करने सहित विभिन्न मांगों को पूरा नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में कर्मचारियों की ओर से कार्य बहिष्कार कर विश्वविद्यालय में ताला लगाया जाएगा.