जोधपुर. प्रवर्तन निदेशालय ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भाई अग्रसेन गहलोत को आज जयपुर स्थित मुख्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया है. ईडी अग्रसेन गहलोत से वर्षों पुराने फर्टिलाइजर स्कैम से जुड़े मामले में पूछताछ करेगी. जिसको लेकर ईडी की टीम गत वर्ष अग्रसेन के प्रतिष्ठानों पर सर्च कर चुकी है. लंबे समय तक यह मामला ठंडे बस्ते में था.
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हाल ही में जोधपुर हाइकोर्ट ने अग्रसेन गहलोत को बड़ी राहत देते हुए उनकी गिरफ्तारी पर रोक का आदेश पारित किया था. लेकिन पूछताछ में सहयोग के निर्देश दिए थे. जिसके तहत उन्हें तलब किया गया है.
गौरतलब है कि गत वर्ष जुलाई में जब प्रदेश में सियासी घमासान का दौर चल रहा था, उस दौरान केंद्रीय एजेंसियां सीबीआई और ईडी लगातार सक्रिय थी. जिन्होंने सीएम गहलोत से जुड़े लोगों के यहां छापेमारी की थी. उस समय 20 जुलाई को जोधपुर में प्रवर्तन निदेशालय की टीम पहुंची, जिसने पावटा चौराहे स्थित मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भाई की दुकान के खुलने का इंतजार किया. करीब 11 बजे दुकान खुलते ही टीम ने दुकान में प्रवेश कर लिया और सर्च शुरू की थी. इसके अलावा एक टीम उनके फार्म हाउस पर भी गई थी. बताया जा रहा है कि अग्रसेन गहलोत पर आरोप है कि उन्होंने सब्सिडी वाला फ़र्टिलाइज़र किसानों के बजाय निर्यातकों को बेचा था.
गहलोत के भाई पर 7 करोड़ रुपए का जुर्माना
अग्रसेन गहलोत पर कथित उर्वरक मामले में सात करोड़ रुपए के सीमा शुल्क का जुर्माना लगा हुआ है. ईडी ने सीमा शुल्क विभाग की शिकायत के आधार पर धन शोधन निरोधक अधिनियम (पीएमएलए)के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया है और कथित उर्वरक घोटाला मामले में आरोपपत्र दाखिल किया है. अधिकारियों का कहना है कि राजस्थान में 6, गुजरात में 4, पश्चिम बंगाल में 2 और दिल्ली में 1 स्थान पर एजेंसी ने छापों की कार्रवाई की है.
अग्रसेन गहलोत पर क्या हैं आरोप
आरोप है कि अग्रसेन गहलोत के स्वामित्व वाली कंपनी म्युरिएट ऑफ पोटाश (एमओपी) फर्टिलाइजर का निर्यात कर रही थी, जो निर्यात के लिए प्रतिबंधित है. एमओपी को इंडियन पोटाश लिमिटेड (आईपीएल) द्वारा आयात किया जाता है और फिर इसे किसानों के बीच रियायती दरों पर वितरित किया जाता है.
आरोप है कि अग्रसेन गहलोत इंडियन पोटाश लिमिटेड (आईपीएल) के अधिकृत डीलर थे और 2007-09 के बीच उनकी कंपनी ने रियायती दरों पर एमओपी को खरीदा और इसे किसानों को वितरित करने के बजाय कुछ अन्य कंपनियों को बेच दिया. उन्होंने इसे इंडस्ट्रियल सॉल्ट के रूप में मलेशिया और सिंगापुर को निर्यात किया.