जोधपुर. आर्थिक संकट से गुजर रहे जेएनवीयू (Jai Narain Vyas University Jodhpur) के कुलपति ने राज्य सरकार से मदद की गुहार लगाई है. जेएनवीयू को कर्मचारियों की पेंशन, स्टाफ का वेतन देने के लिए भरी परेशानी उठानी पड़ रही है. पिछले लंबे समय से कर्मचारियों को समय पर पेंशन नहीं मिलने के कारण आंदोलन भी हुआ. इस बीच अब राज्य सरकार ने एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज को विश्वविद्यालय भी बना दिया.
ऐसे में एमबीएम से छात्रों की फीस व अन्य मद से मिलने वाली करीब 50 करोड़ की राशि बंद हो गई और जेएनवीयू के सामने एक नया आर्थिक संकट (JNVU Financial Crisis) गहरा गया. अब जेएनवीयू के पास इस राशि की भरपाई करने का दूसरा कोई Source नहीं बचा. ऐसे में पहले से ही आर्थिक संकट से परेशान जेएनवीयू प्रशासन को कर्मचारियों के वेतन के साथ ही पेंशन व अन्य खर्च (JNVU fail to pay staff salary ) को पूरा के लिए फिर से संकट खड़ा हो गया.
जेएनवीयू कुलपति प्रोफेसर प्रवीण चंद्र त्रिवेदी ने बताया कि जेएनवीयू पहले से ही आय कम होने के कारण आर्थिक परेशानी उठा रहा था. अब जेएनवीयू से संबंधित एमबीएम कॉलेज को सरकार ने विश्वविद्यालय बना दिया. ऐसे में एमबीएम से मिलने वाली (Jodhpur MBM Engineering College Problem) करीब 50 करोड़ की राशि बंद होने से संकट खड़ा हो गया.
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विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. प्रवीण चंद्र त्रिवेदी ने बताया कि एमबीएम कॉलेज को विश्वविद्यालय बनाने के बाद उन्हें सालाना 50 करोड़ रुपये का नुकसान होगा और इस नुकसान की भरपाई के लिए उन्होंने सरकार को पत्र लिखा है. साथ ही मांग की है कि सरकार जल्द ही विवि. को पैसा उपलब्ध करवाए, जिससे विश्वविद्यालय के खर्चे सहित पेंशन, कर्मचारियों को वेतन समय पर दिया जा सके.