जोधपुर. कोरोना के चलते किसानों का आंदोलन आखिरकार खत्म हो गया. सभी किसान अपने-अपने गांव चले गए. इस मामले पर जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट के उपायुक्त पूर्व धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि हमने किसानों को पहले ही नोटिस जारी किए थे कि महामारी के समय आप एक जगह पर एकत्र नहीं हो सकते, इसके बावजूद एकत्र हुए. इसको लेकर पुलिस ने मामले भी दर्ज किए हैं, जिस व्यक्ति की धरना स्थल पर तबीयत खराब होने के बाद मृत्यु हुई है. उसके अनुसंधान में भी अगर आंदोलनकारी नेताओं की भूमिका आती है तो उनके विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी.
उपायुक्त यादव के अनुसार शनिवार के दिन कोरोना को लेकर किसानों को फिर संदेश दिया गया और अनाउंसमेंट भी करवाया गया. उसके बाद किसानों ने इस बात को मानते हुए धीरे-धीरे यहां से महापड़ाव खाली करना शुरू कर दिया और शांतिपूर्वक तरीके से अपने अपने गांव की ओर चले गए. किसानों को यह भी बताया गया कि जिस व्यक्ति की मृत्यु हुई है, उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है.
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गौरतलब है कि जोधपुर जिले के किसान करीब एक महीने से आंदोलनरत थे. 25 अगस्त से उन्होंने जोधपुर में महापड़ाव की चेतावनी दी थी. लेकिन किसानों को जोधपुर के बाहर ही रोक दिया गया. तब से किसान माणकलाव गांव के पास डेरा डाले बैठे थे. इस दौरान दो बार प्रशासन से बात भी हुई. स्थानीय स्तर के मामलों पर सहमति बन गई. बिजली बिल माफ करने की मांग को लेकर राज्य सरकार के स्तर पर कोई निर्णय नहीं हुआ.
वहीं, शनिवार दोपहर भारतीय किसान संघ ने इस धरने पर महापड़ाव को अनिश्चितकालीन स्थगित करने की भी घोषणा की. लेकिन दूसरी और मथुरादास माथुर अस्पताल में पूर्व विधायक भैराराम सियोल पुखराज के शव की एम्स से दोबारा जांच रिपोर्ट पर अड़े रहे.